कांग्रेस नेता का रेस्टोरेंट सुबह सील, दिनभर हुई राजनीति, शाम को मुख्य सचिव के निर्देश पर खुला

पंजाब खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के डायरेक्टर व कांग्रेस नेता मेजर सिंह के माडल हाउस स्थित दाना पानी रेस्टोरेंट की मल्टी स्टोरी इमारत को नगर निगम ने वीरवार को पौ फटने से पहले ही सील कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Nov 2021 01:30 AM (IST) Updated:Fri, 12 Nov 2021 01:30 AM (IST)
कांग्रेस नेता का रेस्टोरेंट सुबह सील, दिनभर हुई राजनीति, शाम को मुख्य सचिव के निर्देश पर खुला
कांग्रेस नेता का रेस्टोरेंट सुबह सील, दिनभर हुई राजनीति, शाम को मुख्य सचिव के निर्देश पर खुला

जागरण संवाददाता जालंधर : पंजाब खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के डायरेक्टर व कांग्रेस नेता मेजर सिंह के माडल हाउस स्थित दाना पानी रेस्टोरेंट की मल्टी स्टोरी इमारत को नगर निगम ने वीरवार को पौ फटने से पहले ही सील कर दिया। इसके बाद वेस्ट हलके की राजनीति गर्मा गई है। हलके के कई पार्षद इसके विरोध में मेजर सिंह के साथ मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के दरबार में चंडीगढ़ पहुंच गए। विधानसभा सेशन होने के कारण सभी नेता विधानसभा के बाहर डटे रहे। सेशन खत्म होने के बाद कांग्रेस नेताओं ने सीएम कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई। विधायक सुशील रिकू इस मामले को मुख्य सचिव अनिरूद्ध तिवारी के ध्यान में लेकर आए। देर शाम मुख्य सचिव के हस्तक्षेप के बाद दाना पानी की सील खोलने के निर्देश जारी किए गए। सुबह चार बजे शुरू हुई इमारत सील करने की कार्रवाई में रात तक दबाव की राजनीति चलती रही। कांग्रेस नेता मेजर सिंह के समर्थन में वेस्ट हलके के कई पार्षद चंडीगढ़ पहुंच गए थे और दबाव बनाने में कामयाब रहे। कांग्रेस नेता मेजर सिंह के खिलाफ हुई कार्रवाई पर कांग्रेस नेताओं में नाराजगी रही और चुनाव से पहले इसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कमजोर करने वाली कार्रवाई बताया गया। इसे लेकर कई पार्षदों ने मेयर जगदीश राजा और कमिश्नर करनेश शर्मा से भी बात की और कार्रवाई को गैर-जरूर बताया।

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मेजर सिंह ने चीफ सेक्रेटरी, डायरेक्टर-कमिश्नर को हाईकोर्ट में बनाया है पार्टी

कांग्रेस नेता मेजर सिंह ने आरटीआइ एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह की जनहित याचिका में खुद को हाईकोर्ट में पार्टी के रूप में शामिल करवाया है और याचिका में दी गई अवैध कालोनियों और इमारतों के मौजूदा स्टेट्स की जांच की मांग की है। मेजर सिंह ने इस याचिका में पंजाब सरकार की पूर्व चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन, सेक्रेटरी, डायरेक्टर, निगम कमिश्नर के साथ ही कालोनाइजरों और बिल्डिंग मालिकों को भी पार्टी बनाया है। शहर में बन रही कई अवैध इमारतों के मामलों में निगम अफसरों को भी कोर्ट खींचा है। इसे लेकर अफसरों और मेजर सिंह में टकराव चल रहा है। वीरवार को हुई कार्रवाई इसी टकराव का नतीजा है। स्थानीय अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए चंडीगढ़ से भी दबाव था और अफसर अपनी नाराजगी भी निकालना चाहते थे। इस तरह की कई इमारतें शहर में खुली हुई हैं जबकि इस इमारत पर कार्रवाई को दबाव की कार्रवाई बताया जा रहा है।

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चार कालोनियों पर चली निगम की डिच

नगर निगम ने वीरवार को शहर में चार कालोनियों पर कार्रवाई की। कैंट हलके में ओल्ड फगवाड़ा रोड पर एक कालोनी में डिच मशीन से सीवरेज और सड़कों को तोड़ा गया। इस कालोनी पर पहले भी कार्रवाई की गई थी लेकिन कालोनाइजर ने दोबारा काम शुरू कर लिया। बस्ती दानिशमंदा से सटे शिवाजी नगर में विकसित की जा रही कालोनी की सड़क को उखाड़ दिया है। लेदर कांप्लेक्स के पास एक कालोनी को तोड़ा गया है। मकसूदां में नंदनपुर गांव रोड पर भी एक अवैध कालोनी पर कार्रवाई की गई है। --------

लतीफपुरा से कब्जे हटाने के लिए ट्रस्ट ने मांगा 400 पुलिस बल, सीपी ने मांगी इलाके की डिटेल, नक्शा भी बनवाया

इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने लतीफपुरा से कब्जा हटाने के लिए पुलिस कमिश्नर से एक बार फिर 400 पुलिस बल की मांग की है। यह इलाका संवेदनशील है इसलिए पुलिस कमिश्नर नौनिहाल सिंह ने कार्रवाई से पहले इंप्रूवमेंट ट्रस्ट से लतीफपुरा के सभी घरों और यहां रहने वाले लोगों की गिनती की जानकारी मांगी है। इलाके का एक नक्शा भी तैयार करवाया जा रहा है ताकि अगर कार्रवाई करनी पड़े तो पुलिस को कालोनी के सभी रास्तों की पूरी जानकारी हो। यह डिटेल मिलने के बाद ही पुलिस कमिश्नर कार्रवाई की रणनीति तय करेंगे। कब्जे हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दो साल पहले आदेश जारी कर दिए थे लेकिन अभी तक इंप्रूवमेंट ट्रस्ट और जिला प्रशासन कब्जे नहीं हटा पाया है। इस मामले में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना है, उसी से पहले कब्जे हटाए जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को भी कब्जे हटाने की डायरेक्शन दे रखी है, इसी वजह से पुलिस भी कब्जे हटाने के लिए पहल कर रही है क्योंकि उन्हें भी सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना होगा। कब्जों को लेकर कई बार हो चुकी मीटिंग, धोबीघाट पर भी कब्जा हटाना चाहता है ट्रस्ट

कब्जे हटाने को लेकर करीब तीन सप्ताह पहले भी मेयर, विधायकों, चेयरमैन की पुलिस कमिश्नर के साथ मीटिग हुई थी। वीरवार को भी इस संबंध में मीटिग हुई है लेकिन कार्रवाई को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। विधानसभा सेशन के कारण विधायक वीरवार को शहर में नहीं थे। शुक्रवार को इस पर एक बार फिर संयुक्त बैठक की संभावना है। ट्रस्ट धोबीघाट का कब्जा भी हटवाना चाहता है। यह दोनों ही जगह अरबों रुपये की है। काजी मंडी और पीपीआर माल से 120 फुट रोड के निर्माण के लिए कब्जे हटाने पर सहमति बन चुकी है।

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