शहर में बीएस-6 ईंधन मौजूद, बावजूद नए वाहनों के खरीदार भ्रमित

भारी आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही ऑटो इंडस्ट्री के स्टाफ की तरफ से नए वाहनों के खरीदारों को दिखाई जा रही जरूरत से ज्यादा गंभीरता खरीदारों को भ्रमित ही करने लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Jul 2020 06:36 AM (IST) Updated:Sun, 26 Jul 2020 06:36 AM (IST)
शहर में बीएस-6 ईंधन मौजूद, बावजूद नए वाहनों के खरीदार भ्रमित
शहर में बीएस-6 ईंधन मौजूद, बावजूद नए वाहनों के खरीदार भ्रमित

जागरण संवाददाता, जालंधर

भारी आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही ऑटो इंडस्ट्री के स्टाफ की तरफ से नए वाहनों के खरीदारों को दिखाई जा रही जरूरत से ज्यादा गंभीरता खरीदारों को भ्रमित ही करने लगी है। नया वाहन खरीदते वक्त संबंधित ऑटो डीलर्स के स्टाफ की तरफ से खरीदारों को आगाह किया जा रहा है कि अगर उन्होंने अपने वाहन में बीएस 6 ईंधन न भरवाया तो वाहन के खराब हो जाने की प्रबल संभावना है।

नया वाहन खरीद रहे उपभोक्ता वाहन की डिलीवरी वक्त दी जा रही एक अति गंभीर सलाह को लेकर खासे संजीदा हो रहे हैं और पेट्रोल पंप पर जाकर वाहन में मात्र बीएस-6 ईंधन डालने को ही सुनिश्चित करने को कहते हैं। इस दौरान कई खरीदार पंप स्टाफ से लंबा विचार-विमर्श भी करते हैं। हालांकि बीते अप्रैल माह से ही महानगर में बीएस-6 मानकों वाला पेट्रोल एवं डीजल प्रत्येक पेट्रोल पंप पर उपलब्ध करवा दिया गया है और किसी भी पेट्रोल पंप के पास पुराना बीएस-4 मानको वाला ईंधन उपलब्ध नहीं है। बीएस 4 इंजन वाले पुराने वाहनों में बीएस-6 मानकों वाला ईंधन भी भरवाया जा सकता है।

इस बारे में इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) के डीजीएम (रिटेल सेल्स) अतुल गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि अब शहर के किसी भी पेट्रोल पंप के ऊपर पुराना बीएस-4 मानकों वाला ईंधन उपलब्ध नहीं है। अप्रैल माह से ही शहर में बीएस-6 मानकों वाला पेट्रोल एवं डीजल बिक्री के लिए उपलब्ध है। बीएस 6 ईंधन में सल्फर मात्रा 5 गुना कम :

बीएस-6 मानकों वाले ईंधन में प्रदूषण फैलाने में सबसे ज्यादा जिम्मेदार सल्फर की मात्रा बीएस 4 ईंधन के मुकाबले 5 गुना कम रहती है। बीएस 4 ईंधन में सल्फर की मात्रा 50 पीपीएम हुआ करती थी, जो बीएस-6 मानकों वाले ईंधन में 10 पीपीएम कर दी गई है।

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