40 साल के बाद ज्यादातर लोगों को होता है गठिया का दर्द

गठिया का दर्द झेलने वाले 90 फीसदी मरीज 40 साल की उमर से ज्?यादा के होते हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में गठिया की बीमारी कम होती है। हालांकि रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को इसका खतरा बढ़ जाता है। इस बात की जानकारी श्री देवी तालाब मंदिर चेरीटेबल अस्पताल के डॉ. चंद्रमोहन अग्रवाल ने नीमा की ओर से आयोजित संगोष्ठी के दौरान दी। उन्होंने बताया कि यूरिक एसिड का बढ़ना भी इसका एक मुख्य कारण है। ज्यादातर लोगों में यह बीमारी पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है। शरीर के छोटे जोड़ों में जकड़न व दर्द इसके शुरूआती लक्षण हैं। शुरूआती दौर में जांच व इलाज से बीमारी के दर्द को रोकना संभव है। उन्होंने तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण और तनाव को भी बीमारी का एक कारण बताया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Aug 2018 08:00 PM (IST) Updated:Mon, 20 Aug 2018 11:14 AM (IST)
40 साल के बाद ज्यादातर लोगों को होता है गठिया का दर्द
40 साल के बाद ज्यादातर लोगों को होता है गठिया का दर्द

जासं, जालंधर : गठिया का दर्द झेलने वाले 90 फीसदी मरीज 40 साल की उम्र से ज्यादा के होते हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में गठिया की बीमारी कम होती है। हालांकि रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को इसका खतरा बढ़ जाता है। यह जानकारी श्री देवी तालाब मंदिर चेरीटेबल अस्पताल के डॉ. चंद्रमोहन अग्रवाल ने नीमा की ओर से आयोजित संगोष्ठी के दौरान दी। उन्होंने बताया कि यूरिक एसिड का बढ़ना भी इसका एक मुख्य कारण है। ज्यादातर लोगों में यह बीमारी पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है। शरीर के छोटे जोड़ों में जकड़न व दर्द इसके शुरूआती लक्षण हैं। शुरूआती दौर में जांच व इलाज से बीमारी के दर्द को रोकना संभव है। तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण और तनाव को भी बीमारी का एक कारण बताया गया है। आहार से परहेज व व्यायाम को ¨जदगी का अहम अंग बनाकर इस बीमारी से बचाव संभव है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। डॉ. चंद्रमोहन अग्रवाल ने संगोष्ठी में सेहतमंद रहने के टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि 40 साल की उम्र में गठिया के लक्षण नजर आने शुरू हो जाते हैं जिसका जल्द से जल्द इलाज शुरू कर देना चाहिए।

इस अवसर पर प्रधान डॉ. अनिल नागरथ, डॉ. सतबीर ¨सह, डॉ. बीएस भाटिया, डॉ. परविन्दर बजाज, डॉ. आशु चोपड़ा, डॉ. दिनेश जग्गी, डॉ. एचएस पाल, डॉ. एसपी डालिया, डॉ. सुरिन्दर कल्याण, डॉ. अश्विनी महेन्द्रू, डॉ. पवित्र शर्मा, डॉ. सुनीता नागरथ, डॉ. अनु राम पाल, डॉ. गुरप्रीत कौर, डॉ. अनु कक्कड़, डॉ. रचना हांडा के अलावा नीमा के अन्य सदस्य व पदाधिकारी मौजूद थे।

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