NIT फुटओवर ब्रिज : पिलर्स पर रखी गई 40 टन वजनी एवं 63 मीटर चौड़ी स्लैब

फुटओवर ब्रिज खुलने के बाद पैदल चलने वाले लोग सर्विस लेन के किनारे से ही सीढ़ियों पर से होते हुए सर्विस लेन समेत हाईवे को क्रॉस कर सकेंगे।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sat, 01 Aug 2020 05:26 PM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2020 05:26 PM (IST)
NIT फुटओवर ब्रिज : पिलर्स पर रखी गई 40 टन वजनी एवं 63 मीटर चौड़ी स्लैब
NIT फुटओवर ब्रिज : पिलर्स पर रखी गई 40 टन वजनी एवं 63 मीटर चौड़ी स्लैब

जालंधर, जेएनएन। आखिरकार नौ वर्ष के लंबे अंतराल के बाद एनआईटी के समक्ष फुटओवर ब्रिज की 40 टन वजनी एवं 63 मीटर चौड़ी स्लैब को पिलर्स पर रखने का काम निपटा दिया गया। दो हिस्सों में स्लैब को चार क्रेनों की सहायता से पिलर्स पर रखा गया। इस दौरान कुछ समय के लिए हाईवे के ट्रैफिक को भी डायवर्ट रखा गया। फुटओवर ब्रिज हाईवे के अलावा सर्विस लेन को भी कवर करेगा। पैदल चलने वाले लोग सर्विस लेन के किनारे से ही सीढ़ियों पर से होते हुए सर्विस लेन समेत हाईवे को क्रॉस कर सकेंगे।

फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कर रही निजी कंपनी रोडीज के साइट इंजीनियर हितेश धवन ने बताया कि संभावना है कि आगामी तीन दिन के भीतर ब्रिज लोगों के इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाएगा। कंपनी की तरफ से बीते 48 घंटों से लगातार काम को जारी रखा गया था। शनिवार तड़के एक साइड की स्लैब को पिलर्स पर टिकाया गया और बाद दोपहर दूसरी स्लैब को भी पिलर्स पर रख दिया गया।

बार-बार रुकता रहा फुटओवर ब्रिज का काम, लग गए नौ साल

जालंधर-पानीपत सिक्स लाइन हाईवे प्रोजेक्ट के तहत एनआईटी के समक्ष फुटओवर ब्रिज बनाए जाने का प्रावधान था, लेकिन नौ वर्ष तक यह कार्य पूरा नहीं किया जा सका। हालांकि इसे बनाने के लिए शुरू किया गया काम बार-बार रुकता रहा।

सड़क क्रॉसिंग के दौरान हुए कई हादसे

फुटओवर ब्रिज एनआईटी के विद्यार्थियों के लिए खासी अहमियत रखता है, क्योंकि हाईवे क्रॉस करने के दौरान विद्यार्थी कई बार सड़क हादसों का शिकार होते रहे हैं। इन हादसों में कई लोगों की जान भी चली गई है। साइट इंजीनियर हितेश धवन ने बताया कि संभवतः रविवार से फुट ओवर ब्रिज को लोगों के प्रयोग के लिए खोला जा सकता है।

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