कॉलोनाइजरों पर गिरी गाज, पांच गुणा तक बढ़ा शुल्क

जागरण संवाददाता, जालंधर सरकार ने नई रेगुलराइजेशन पॉलिसी लागू कर अवैध कॉलोनी सहित प्लाट व मकान रेगु

By Edited By: Publish:Fri, 31 Oct 2014 01:00 AM (IST) Updated:Fri, 31 Oct 2014 01:00 AM (IST)
कॉलोनाइजरों पर गिरी गाज, पांच गुणा तक बढ़ा शुल्क

जागरण संवाददाता, जालंधर

सरकार ने नई रेगुलराइजेशन पॉलिसी लागू कर अवैध कॉलोनी सहित प्लाट व मकान रेगुलर कराने का एक मौका तो दिया है, लेकिन शुल्क में बेतहाशा वृद्धि कर लोगों की परेशानी भी बढ़ा दी है। सरकार की गाज कॉलोनाइजरों पर गिरी है, जहां कॉलोनी रेगुलर करवाने के शुल्क में दोगुणा से पांच गुणा तक बढ़ोतरी की गई है। सरकार के इस फैसले से उद्यमी के बाद कालोनाइजरों में भारी रोष है, जो जल्द ही एक बार फिर अकाली-भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं।

अगस्त, 2013 में जारी हुई पहली पॉलिसी के मुकाबले प्लाट रेगुलर करने के शुल्क में 10 से 25 फीसद तक शुल्क में वृद्धि की गई है। पहले अगर 100 रुपये प्रति वर्ग गज शुल्क था तो अवधि खत्म होने के बाद 20 फीसद जुर्माना के साथ 120 रुपये प्रति गज शुल्क लिए जा रहे थे। 28 अक्टूबर की पॉलिसी में इसी दर को सीधे करीब 125 रुपये प्रति वर्ग गज कर दिया गया है तो दूसरी ओर कॉलोनी रेगुलर करवाने में कलेक्टर रेट पर वसूले जाने शुल्क को दोगुणा व प्रति एकड़ वसूली जाने वाली रकम में पांच गुणा तक वृद्धि की गई है।

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कॉलोनी रेगुलर वास्ते पुराने व नए शुल्क

17 अगस्त, 2007 से पहले वालों पर

-कलेक्टर रेट के 0.5 फीसद की बजाय अब 1 फीसद

-प्रति एकड़ न्यूनतम 25 हजार की बजाय अब 50 हजार रुपये

-प्रति एकड़ अधिकतम 1 लाख की जगह अब 2 लाख रुपये

17 अगस्त, 2007 से एक अप्रैल, 2013 तक वालों पर

-कलेक्टर रेट के दो फीसद की जगह अब चार फीसद

--प्रति एकड़ न्यूनतम 1 लाख की बजाय अब 5 लाख रुपये

-प्रति एकड़ अधिकतम 5 लाख की जगह अब 10 लाख रुपये

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पुरानी दरें लागू करे सरकार : एसोसिएशन

पंजाब कॉलोनाइजर एंड प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन के जालंधर इकाई के प्रधान भूपिंदर सिंह भिंदा का कहना है कि बेहतर होगा सरकार कॉलोनी ही नहीं प्लाट के लिए भी पुरानी पॉलिसी की दरें लागू करें। अगर पुरानी पॉलिसी में ही कॉलोनाइजर रेगुलर करने से कतरा रहे थे तो नई दरों पर उनका आवेदन करना कतई संभव नहीं है। इससे सरकार को भी राजस्व का नुकसान होगा। सरकार के फैसले से कॉलोनाइजरों को झटका लगा है और ऐसे में पॉलिसी का मकसद कभी पूरा नहीं हो पाएगा।

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फोटो : 47

इंतजाम बेहतर लेकिन सिर्फ 35 आवेदन

जागरण संवाददाता, जालंधर

निगम ने रेगुलराइजेशन के आवेदन जमा कराने को टोकन सिस्टम लागू कर इस बार लोगों की सुविधा का ख्याल रखा है तो कंप्यूटराइज्ड रसीद देने व ऑनलाइन आवेदन का डाटा अपडेट करने की व्यवस्था कर जालंधर निगम ने प्रदेश के दूसरे निगम के मुकाबले आगे रहा है, लेकिन शुल्क में बढ़ोतरी के कारण वीरवार को आवेदकों की भीड़ नहीं नजर आई।

पहले दिन चार टीमों ने आवेदन लेने का काम शुरू किया, लेकिन सिर्फ 119 फाइलें जमा हुई। सिर्फ 35 आवेदनों के दस्तावेज दुरुस्त होने व शुल्क जमा हुए, जिन्हें कप्यूटराइज्ड रसीदें दी गई। एमटीपी तेजप्रीत सिंह ने बताया कि शेष आवेदनों में या तो कोई दस्तावेज में खामियां थी या फिर लोगों ने शुल्क की गणना आदि करवाया है। शुल्क जमा करवाने के बाद ही उन्हें रसीद दी जाएगी।

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