अब क्या होगा? दसवीं की परीक्षा में पंजाब के बदले नक्शे ने विद्यार्थियों को रुलाया
पीएसईबी के दसवीं के सिलेबस में पंजाब का वर्ष 1947 का पुरान नक्शे से प्रश्न पूछे जाते हैं लेकिन प्रश्न पत्र में वर्तमान नक्शे से सवाल पूछ लिए गए।
जागरण संवाददाता, जालंधर। पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड (पीएसईबी) की ओर से आयोजित दसवीं के सोशल साइंस के प्रश्नपत्र में विभाग की बड़ी किरकिरी हुई है। दसवीं कक्षा का यह अंतिम प्रश्नपत्र विद्यार्थियों को रुला गया। दरअसल, पीएसईबी के दसवीं के सिलेबस में पंजाब का वर्ष 1947 का पुरान नक्शे से प्रश्न पूछे जाते हैं लेकिन प्रश्न पत्र में वर्तमान नक्शे से सवाल पूछ लिए गए। कुल मिलाकर 15 नंबरों के प्रश्नों वाला यह नक्शा सिलेबर से बाहर का था।
वतर्मान पंजाब का नक्शा सिलेबस में नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को पूरी तरह से मार्किंग करने में बहुत मुश्किल पेश आई। कारण, मौजूदा पंजाब और पहले के पंजाब में बहुत ज्यादा अंतर है। प्रश्नपत्र में नक्शे से पांच नंबर का प्रश्न था। इसी तरह सिलेबस के अन्य प्रश्नों को तोड़-मरोड़ के पेश किया गया था। यही कारण है कि परीक्षा संपन्न होने के बाद बहुत से विद्यार्थियों के चेहरे मुरझाए हुए थे।
मायूस दिखे विद्यार्थी, ग्रेस मार्क्स देने की मांग
जिन विद्यार्थियों का प्रश्नपत्र अच्छा हुआ, उनका कहना था कि अगर नक्शा आउट ऑफ सिलेबस न आता तो उनके और ज्यादा अंक आ सकते थे। दूसरी तरफ जिनका प्रश्नपत्र अच्छा नहीं हुआ, वे भी मायूस दिखे। उनका कहना था कि नक्शे से पूरे नंबर मिलते हैं, मगर वह भी बाहर से आ गया। बोर्ड को चाहिए कि इसके लिए उन्हें ग्रेस माक्र्स दें।
दसवीं और 12वीं की परीक्षाएं संपन्न
जिला मेंटोर चंद्रशेखर का भी कहना है कि इस बार परीक्षा में वर्तमान पंजाब का नक्शा आने से बच्चों को परेशानी हुई है। उनके सिलेबस में तो आजादी से पहले का पंजाब है। पुराना नक्शा बड़ा और आसान होने के कारण बच्चों के लिए सरल है। सोमवार को 12वीं की ज्योग्राफी की परीक्षा हुई और इसी के साथ परीक्षाएं संपन्न हो गईं।