परीक्षा केंद्र में वीडियोग्राफी को लेकर प्रिसिपल शैलेंद्र और डीईओ लेहल में ठनी

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के द्वारा ली जा रही प्लस टू की परीक्षाओं पर प्रश्नचिह उठने आरंभ हो गए हैं। जिन स्कूलों को शिक्षा सचिव पंजाब स्मार्ट स्कूलों का दर्जा दे चुके हैं। उनके विद्यार्थी क्या नकल के मामले में भी स्मार्ट है। इस बात कि चर्चे जिला होशियारपुर में आम हो गए हैं। आज कस्बा बुलोवाल के नजदीक जिले के प्रथम स्मार्ट स्कूल ढठा फतेह सिह स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों में व्यापक रोष देखने को मिला क्योंकि विद्यार्थियों के अभिभावकों को पहले ही खब

By Edited By: Publish:Tue, 05 Mar 2019 10:49 PM (IST) Updated:Wed, 06 Mar 2019 03:02 AM (IST)
परीक्षा केंद्र में वीडियोग्राफी को लेकर प्रिसिपल शैलेंद्र और डीईओ लेहल में ठनी
परीक्षा केंद्र में वीडियोग्राफी को लेकर प्रिसिपल शैलेंद्र और डीईओ लेहल में ठनी

हजारी लाल, होशियारपुर

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा ली जा रही प्लस टू की परीक्षा स्मार्ट स्कूल के बच्चो की परीक्षा की वीडियोग्राफी करवाने को लेकर प्रिसिपल और डीईओ में ठन गई है। प्रिसिपल का आरोप है कि उन्होने बड़ी मेहनत से अपने स्कूल को स्मार्ट का दर्जा दिलाया है, लेकिन उनका अक्स खराब करने को लेकर डीईओ सेकेडरी मोहन सिंह लेहल तुले है। इसके जवाब में डीईओ मोहन सिंह लेहल ने कहा कि शैलेंद्र सिंह प्रिसिपल हैं और प्रिसिपल बनकर रहे। वह गलत काम नही होने देंगे। कुल मिलाकर वीडियोग्राफी से मामला लाल हो गया है। इसी के साथ ही स्मार्ट स्कूलो की भी कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं। क्या इन स्कूलो को भी उनके अधिकारी शकी नजरो से देखते हैं क्योकि गिनेचुने स्कूलो में ही परीक्षा के दौरान वीडियोग्राफी हो रही है।

बता दें कि शिक्षा सचिव पंजाब स्मार्ट स्कूलो का दर्जा दे चुके हैं, तो उनके विद्यार्थी क्या नकल के मामले में भी स्मार्ट हैं। इस बात कि चर्चा आम हो गई है। मंगलवार को कस्बा बुलोवाल के नजदीक जिले के प्रथम स्मार्ट सरकारी सीसे स्कूल ढड्डे फतेह सिंह में पढ़ने वाले विद्यार्थियो के अभिभावको में व्यापक रोष देखने को मिला। क्योकि विद्यार्थियो के अभिभावको को पहले ही खबर मिल गई थी के स्कूल के विद्यार्थी जिनके लिए बोर्ड की तरफ से परीक्षा केद्र पहली बार सीनियर सेकेडरी स्कूल बुलोवाल बनाया गया है। उस स्कूल के परीक्षा केद्र में सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बावजूद वीडियोग्राफी करवाई जा रही है। इसके बाद विद्यार्थियो के अभिभावक भड़क उठे और ढड्डे फतेह सिंह स्कूल के प्रिसिपल शैलेंद्र सिंह के कार्यालय में आकर खूब हंगामा किया। लोग प्रिसिपल से यह तर्क-वितर्क कर रहे थे कि उनके बच्चो को परीक्षा के दिनो में मानसिक रूप से प्रताडि़त करने के प्रयत्न क्यो किए जा रहे है। कुछेक का तर्क था के उन्होने ढड्डे फतेह सिंह स्कूल में अपने बच्चो को इसलिए पढ़ने डाला था कि स्कूल में उच्च कोटि की शिक्षा के साथ उनके बच्चो का मनोबल ऊंचा होगा, लेकिन अब ऐसा लगने लगा है के उनके बच्चे कही नकल मारने में स्मार्ट स्कूल में तो नही पढ़ रहे है। स्कूल की रेपुटेशन खराब करने मे तुले डीईओ : प्रिसिपल

जब स्कूल में विद्यार्थियो के अभिभावको ने प्रिसिपल शैलेंद्र सिंह की कोई बात ना सुनी, तो वह कहने में विवश हो गए कि उनके स्कूल की रेपुटेशन डाउन करने की जिला शिक्षा अधिकारी मोहन सिंह लेहल की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होने कहा कि बीते वर्ष हुई बोर्ड की परीक्षा में केद्र के अंदर चार कैमरे लगाने का प्रावधान था, जबकि जिला शिक्षा अधिकारी ने केद्र में 12 सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए। शिक्षा सचिव ने भी आदेश जारी किए हैं कि पंजाब में जो मॉडल स्मार्ट स्कूल बनाए गए हैं उनमें बेवजह की इंस्पेक्शन ना की जाए, उल्टा इन स्कूलो को रोल मॉडल के तौर पर अपनाकर इनमें से अच्छी चीजें बाकी स्कूलो में भी इंप्लीमेंट की जाए। प्रिसिपल शैलेंद्र सिंह ने बताया कि वह अपने स्कूलो में दाखिला बढ़ाने के लिए प्रयत्नशील हैं। उन्होने नजदीकी गांव से विद्यार्थियो को लाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन का भी इंतजाम किया है, लेकिन उनका अक्स खराब करके उनका मनोबल गिराने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होने कहा कि वह खुद नकल के खिलाफ हैं उनके स्कूल का कोई भी अध्यापक परीक्षा केद्र में विद्यार्थियो के साथ नही जाता और विभाग की तरफ से भी केद्र में आब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा विजिलेंस मॉनिटरिग भी करवाई जा रही है। बीते समय में उनके स्कूल में कोई भी नकल का केस नही बना था, तो इस प्रकार उनके विद्यार्थियो के परीक्षा केद्र को अति संवेदनशील घोषित कर वहां पर वीडियोग्राफी करवाई गई। इससे साबित होता है कि यह रंजिशन किया जा रहा है। फिर भी मेरा दावा है कि मेरे स्कूल के बच्चे अच्छे नंबर लेकर ही आएंगे। शैलेंद्र, प्रिसिपल है, प्रिसिपल बनकर रहे : डीईओ

डीईओ मोहन सिंह लेहल ने कहा कि वीडियोग्राफी बोर्ड करवाता है। उन्हें इसकी जानकारी नही है। हां, अगर हो भी रही हो तो प्रिसिपल शैलेंद्र सिंह को किस बात का डर है। जब उनसे कहा गया कि ऐसा रंजिशन और आपके सिफारिश पर किया जा रहा है तो डीईओ थोड़ा तैश में आ गए। गर्म मिजाज से कहा कि मैं डीईओ हूं। वह (शैलेंद्र सिंह) प्रिसिपल हैं। प्रिसिपल बनकर रहे। मैं गलत काम नही होने दूंगा।

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