रेलवे स्टेशन पर गंदगी की भरमार, पीने को पानी नहीं

प्रधान मंत्री नरिन्द्र मोदी द्वारा सारे देश में गंदगी को साफ करने के लिए अलग-अलग समय पर कई प्रकार के कार्यक्रम शुरु किए गए थे जिसके चलते केन्द्र सरकार का एक ही मुख्य मूद्दा है कि किसी प्रकार देश के माथे से गंदगी का दाग मिटाना।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Oct 2018 07:35 PM (IST) Updated:Mon, 15 Oct 2018 07:35 PM (IST)
रेलवे स्टेशन पर गंदगी की भरमार, पीने को पानी नहीं
रेलवे स्टेशन पर गंदगी की भरमार, पीने को पानी नहीं

सतीश कुमार, होशियारपुर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से देश में गंदगी की साफ करने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम शुरू किए गए थे जिसके चलते केंद्र सरकार का एक ही मुख्य मुद्दा है कि किसी प्रकार से देश के माथे से गंदगी का दाग मिटाना। विदेश से भारत आते सैलानियों की इसी बात पर नजर रहती है कि भारत के किस हिस्से में गंदगी की भरमार है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया उक्त कार्यक्रम काफी हद तक सफल भी हुआ है। लोगों में काफी जागरुकता आ गई है। भारत में 70 प्रतिशत से ज्यादा लोग सफाई की तरफ ध्यान दे रहे हैं। इस सब के बाद भी अगर इन सब बातों का किसी पर कोई असर नही हुआ है तो वह होशियारपुर का रेलवे स्टेशन है। सोमवार को दैनिक जागरण की ओर से रेलवे स्टेशन होशियारपुर का दौरा किया तो स्टेशन के अंदर दाखिल होने से पहले ही बाहर बने रेलवे पार्क के अंदर लगे गंदगी के ढेर डेंगू की बीमारी को खुले आम निमंत्रण दे रहे हैं। पोस्ट ऑफिस की तरफ से स्टेशन की तरफ दाखिल होने से पहले ही एक तरफ गंदगी के ढेर लगे है। पानी के लिए भटक रही थी महिलाएं

रेलवे स्टेशन में दाखिल होते ही दो महिलाएं पानी के लिए इधर-उधर भटक रही थीं। उन्होंने बताया कि वह होशियारपुर से जालंधर और आगे अमृतसर के लिए जाएंगी। प्यास लगने के कारण वह पानी की तलाश में घूम रही हैं। मगर सारे स्टेशन पर कहीं भी एक बूंद पानी की नहीं आ रही है। स्टेशन के आस-पास कोई दुकान भी नहीं है जहां से पानी की बोतल ही खरीदी जा सके। पानी की समस्या कोई नई नहीं

स्टेशन मास्टर का कार्यालय भीतर न होने पर एक अन्य व्यक्ति जिसने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पानी की समस्या कोई नई नहीं है। अब तो मौसम कुछ बदल गया है, मगर जब तीव्र गर्मी पड़ती थी उस समय भी पानी की इससे भी भारी किल्लत स्टेशन पर देखने को मिलती थी। पानी के लिए हुए हैं झगड़े

कई बार तो पानी के लिए स्टेशन पर झगड़े भी हो चुके हैं। माता के नवरात्रों के समय स्टेशन पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, मगर उन्हें पीने के लिए पानी भी नसीब नहीं होता। क्योंकि पानी का सारा सिस्टम जालंधर से ही जारी किया जाता है। वह अपने हिसाब से ही पानी छोड़ते और बंद करते हैं। कोई स्थाई सफाई कर्मी नहीं: स्टेशन मास्टर

स्टेशन मास्टर रजनीश कुमार ने बताया कि स्टेशन पर एक भी स्थाई सफाई कर्मचारी नहीं है जो था वह भी कुछ समय पहले सेवानिवृत्त हो गया है। ठेके पर रखे सफाई कर्मी अपने हिसाब से ही काम करकेचले जाते है और फिर सारा दिन स्टेशन पर गंदगी की भरमार रहती है। गाड़ी आने के समय ही सुबह के समय कुछ समय के लिए स्टेशन पर सफाई करने आते हैं और बाद में चले जाते हैं।

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