निगम की घटिया कारगुजारी, ट्रैफिक पर भारी अतिक्रमण की दुकानदारी

ज्यादा दुकानदारी चमकाने के चक्कर में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ सी लगी हुई है। हजारी लाल, होशियारपुर ज्यादा दुकानदारी चमकाने के चक्कर में एक दूसरे से आगे निकलने क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Dec 2017 03:01 AM (IST) Updated:Thu, 07 Dec 2017 03:01 AM (IST)
निगम की घटिया कारगुजारी, ट्रैफिक पर भारी अतिक्रमण की दुकानदारी
निगम की घटिया कारगुजारी, ट्रैफिक पर भारी अतिक्रमण की दुकानदारी

हजारी लाल, होशियारपुर

ज्यादा दुकानदारी चमकाने के चक्कर में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ सी लगी हुई है। अतिक्रमण के जाल से सड़कें सिमट सी गई हैं। दुकान का सारा सामान बाहर निकलने के कारण सड़कों पर चलना दुश्वार हो गया है। सुरक्षा के लिहाज से भी अतिक्रमण से घिरी सड़क कदापि ठीक नहीं है। सड़कों व गलियों की हालत यह है कि आग लगने की सूरत में फायरब्रिगेड की गाड़ियां वहां से निकल ही नहीं सकती हैं। बाजारों का दौरा करने पर पाया गया कि बाजारों में अतिक्रमण की बाढ़ सी है। चौड़ी सड़कों पर तो जैसे-तैसे आवागमन चल रहा है, मगर बस्सी ख्वाजू बाजार, कश्मीरी बाजार, शीश महल बाजार, छत्ता बाजार, गौरां गेट, कमेटी बाजार, बस्सी बाजू बाजार इत्यादि इलाकों में दोनों तरफ से किए गए अंधाधुंध अतिक्रमण से गलियों का अस्तित्व खत्म हो गया है। इन बाजारों की हालत यह है कि कहीं पर आग लगने की सूरत में किसी भी कीमत पर फायरब्रिगेड की गाड़ियां नहीं जा पाएंगी। कुल मिलाकर सड़कों पर किए गए अतिक्रमण आग लगने पर घी डालने का काम कर सकते हैं। हैरानीजनक बात है कि स्थिति काफी नाजुक होने के बावजूद नगर प्रशासन को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास नहीं हो रहा है। लगता है कि उसे कहीं पर अप्रिय घटना घटने के बाद अतिक्रमण हटाने की याद आएगी। खैर, यह तो दुकानदारों की मनमानियां हैं, जो प्रशासनिक व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रही है। फायरब्रिगेड के पास भी घनी आबादी में आग लगने की सूरत में उससे निपटने के लिए कोई खास प्रबंध नहीं है। ऐसे इलाकों में एक ही छोटी गाड़ी की व्यवस्था है। छत्ता बाजार, सर्राफा बाजार, कश्मीरी बाजार व शीश महल बाजार की कई गलियां ऐसी हैं, जहां पर तो छोटी गाड़ी भी नहीं घुस पाएगी। इन इलाकों में तो पाइपें ही एक मात्र सहारा होती हैं। और तो और शहर में नाजुक प्वाइंटों पर हाईड्रेंट की व्यवस्था न होने से आग लगने पर दमकल गाड़ियों को आग बुझाने से ज्यादा पानी लाने के लिए आने और जाने समय लग जाता है।

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कदापि नहीं होना चाहिए अतिक्रमण : हैप्पी

कोतवाली बाजार शापकीपर्स एसोसिएशन होशियारपुर के प्रधान अशोक सूद हैप्पी ने कहा कि दुकानों के आगे अतिक्रमण कदापि नहीं होना चाहिए। गौरांगेट की हालत बहुत बदतर है। यहां पर अतिक्रमण ने व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। कमोवेश यही हालत चौक घंटाघर की भी है। दुकानदारों को चाहिए कि वह अतिक्रमण न करे और नगर निगम व पुलिस प्रशासन को भी सख्ती बरतनी चाहिए।

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अतिक्रमण न करें दुकानदार: शिव सूद

नगर निगम के मेयर शिव सूद ने कहा कि दुकानदारों को सहयोग देने के लिए समझाया भी जाएगा। अतिक्रमण न करने के लिए दुकानदारों को सहयोग देना चाहिए। जो भी दुकानदार नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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तहबाजारी की आड़ में निगम भी धोता है बहती गंगा में हाथ

दरअसल, तहबाजारी सिस्टम जले पर नमक छिड़कने का काम करता है। क्योंकि नगर निगम बाजारों में एक-दो फुट तहबाजारी के लिए पर्ची काट कर थोड़ी सी फीस ले लेता है। इसी की आड़ में दुकानदार एक फुट की तहबाजारी फीस देकर छह फुट कब्जा कर लेते हैं। इससे सड़कें सिमट कर रह जाती हैं। पर्दे के पीछे की हकीकत है कि तहबाजारी की आड़ में नगर निगम के कुछ कर्मी भी बहती गंगा में हाथ धोने का काम करते हैं। इसलिए बाजारों से अतिक्रमण हटने का नाम नहीं ले रहा है, क्योंकि नगर निगम का भी इसमें स्वार्थ छिपा होता है। इसलिए वह दिखावे की कार्रवाई करके बाजारों से चलते बनते हैं और अतिक्रमण की समस्या की जस की तस बनीं रहती है।

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