शोध कार्य के बिना नीरस रहता है अध्यापक व विद्यार्थी का जीवन : मक्कड़

स्वामी प्रेमानंद महाविद्यालय मुकेरियां के प्रिसिपल डॉक्टर समीर शर्मा के दिशा निर्देशों और कोऑर्डिनेटर और वेबिनार के कन्वीनर डॉ. पुष्पिदर कुमारी तथा सह कन्वीनर प्रो. अशोक चौधरी के नेतृत्व में प्रभावी व गुणात्मक शोध लेखन विधि विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Jun 2020 12:04 AM (IST) Updated:Mon, 15 Jun 2020 12:04 AM (IST)
शोध कार्य के बिना नीरस रहता है अध्यापक व विद्यार्थी का जीवन : मक्कड़
शोध कार्य के बिना नीरस रहता है अध्यापक व विद्यार्थी का जीवन : मक्कड़

संवाद सहयोगी, मुकेरियां : स्वामी प्रेमानंद महाविद्यालय मुकेरियां के प्रिसिपल डॉक्टर समीर शर्मा के दिशा निर्देशों और कोऑर्डिनेटर और वेबिनार के कन्वीनर डॉ. पुष्पिदर कुमारी तथा सह कन्वीनर प्रो. अशोक चौधरी के नेतृत्व में प्रभावी व गुणात्मक शोध लेखन विधि विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का उद्घाटन कॉलेज प्रबंधकीय समिति के प्रधान राजन मक्कड़ ने किया गया। अपने अभिभाषण में राजन मक्कड़ ने कहा कि इस तनावपूर्ण समय में शोधार्थियों के लिए यह वेबिनार महवपूर्ण है। जिसमें वरिष्ठ शोध विशेषज्ञ जोड़े गए हैं। शोध कार्य के बिना अध्यापक व विद्यार्थी का जीवन नीरस रहता है। प्रिसिपल डॉक्टर समीर शर्मा ने वेबिनार में उपस्थित रिसोर्स पर्सन एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। वेबिनार के विषय के बारे में उन्होंने बताया कि आज शोध में नवीन दृष्टि का होना आवश्यक है। एक गुणवत्ता से युक्त शोध ही पत्रिकाओं में स्वीकार किया जाता है। आज हमें मुख्य वक्ताओं के द्वारा नए मापदंड सुनने को मिलेंगे, जो सबके लिए लाभकारी ही होंगे।

वेबिनार के प्रमुख वक्ता प्रो. आरके कोहली,(उप-कुलपति, सेंट्रल यूनिवर्सिटी,पंजाब) ने कहा कि नए शोधार्थियों को अपनी दृष्टि में यह जरूर रखना चाहिए कि उनका यह शोध कार्य समाज को क्या दे सकता है। उन्होंने शोध में गुणवत्ता के मापदंड बताए और साथ-साथ कुछ सरकारी संस्थाएं भी बताएं जो, अच्छे शोध कार्य के लिए अनुदान प्रदान करती हैं। उन्होंने बाद में समूह में उपस्थित श्रोताओं के प्रश्नों का भी उचित समाधान किया।

द्वितीय संगोष्ठी के वक्ता डॉ. रुद्र रामेश्वरम, एसोसिएट प्रोफ. थापर यूनिवर्सिटी ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमें शोध में निराधार तथ्यहीन बात कहने से बचना चाहिए। अब प्लेगरिसम का भी यूजीसी ने कड़ा निर्देश किया है अत: हमारे शोध में कॉपी पेस्ट का कार्य नहीं होना चाहिए। अंत में इस गोष्ठी के कन्वीनर डॉ. पुष्पिदर कुमारी ने इस वेबिनार में भाग लेने के लिए सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। इसके साथ साथ उन्होंने विशिष्ट रूप से कॉलेज प्रबंधक समिति के वरिष्ठ प्रधान राजन मक्कड़ का एवं प्रिसिपल डॉक्टर समीर शर्मा के विशेष सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया।

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