व्यंजन लगने लगे हैं बेस्वाद

काफी समय से मिनी काशी होशियारपुर में लाहौर की तर्ज पर बनाई जाने वाली फूड स्ट्रीट को लेकर भाजपा अकसर काग्रेस पर तंज कसती थी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 05:32 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 07:07 AM (IST)
व्यंजन लगने लगे हैं बेस्वाद
व्यंजन लगने लगे हैं बेस्वाद

काफी समय से मिनी काशी होशियारपुर में लाहौर की तर्ज पर बनाई जाने वाली फूड स्ट्रीट को लेकर भाजपा अकसर काग्रेस पर तंज कसती थी। एक बार तो पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद ने साथियों के साथ प्रेस काफ्रेंस कर बाकायदा तौर पर इच्छा जाहिर की थी कि फूड स्ट्रीट का लजीज व्यंजन चखने के लिए शहर वासियों का खूब मन कर रहा है, मगर जाने वह कब दिन आएगा, जब यह नसीब होगा। फूड स्ट्रीट पर भाजपा हमेशा काग्रेस को घेरती रही है। अब, सत्ताधारी काग्रेस के हाथ ने भी अपना कमाल दिखाया। फूड स्ट्रीट को अमलीजामा पहनाने की कवायद शुरू हुई तो भाजपा ने इस मुद्दे पर फिर से काग्रेस को घेरना शुरू कर दिया। दलील दी जा रही है कि यहा पर फूड स्ट्रीट का क्या काम है। धोबीघाट चोअ के समीप पुल बन जाता तो अच्छा होता। भाजपा की इस दलील पर काग्रेस का तर्क है कि भाजपा नेताओं को व्यंजन बेस्वाद लगने लगे हैं। मितरा दी छतरी तों उड गई

आप की राजनीति में हमेशा ही उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। राजनीतिक जमीन पुराने नेता तैयार करते रहे हैं और ऐनवक्त पर चुनावी मैदान में नए चेहरों को उतार दिया जाता। इससे पुराने चेहरे हाशिए पर आ जाते थे। पिछले विधानसभा चुनाव में एडवोकेट नवीन जैरथ लंबे समय से राजनीतिक जमीन तैयार करते रहे और टिकट की बाजी परमजीत सचदेवा मार गए थे। इस बार भी कुछ ऐसा हो रहा है। छह साल से संदीप सैनी ने झाड़ू पकड़ कर सियासी जमीन की सफाई करते रहे। अब जब चुनाव मैदान में उतरने का मौका आया तो संदीप सैनी को साइड लाइन लगा दिया गया। न केवल उनकी राजनीतिक शक्ति कम की गई, बल्कि हाल ही में काग्रेस छोड़ कर आप में शामिल हुए ब्रह्मशकर जिंपा को हलका इंचार्ज बना दिया है। लोग अब संदीप सैनी पर चुटकी ले रहे हैं कि मितरा दी छतरी तों उड गई।

ट्रैफिक पुलिस को लगती गर्मी

जून में गर्मी पूरे यौवन पर होती है। एक तो गर्मी और ऊपर से कोरोना का कहर। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस की जिम्मेदारिया ज्यादा बढ़ गई हैं। सुबह आठ बजे से लेकर रात आठ बजे तक दी जाने वाली ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी इन दिनों मुलाजिमों को ज्यादा अखर रही है। गर्मी से व्याकुल कुछ मुलाजिम तो इतने परेशान हुए कि वह थानों में तबादला करवाने को लेकर जुगत भिड़ाने लगे हैं। हालाकि वह साफ तौर पर तो नहीं कह पाते हैं कि पूरा माजरा क्या है, लेकिन अंदर की बात है कि इन दिनों गर्मी सता रही है इसलिए थाने का रुख करने का मन कर रहा है। कुछ मुलाजिम चुटकी भी ले रहे हैं कि बारिश व सर्दी के मौसम में ट्रैफिक की ड्यूटी प्यारी लगती है और अब जब गर्मी का कहर है तो फिर थाने याद आने लगे हैं।

कोरोना सींच रहा सियासी जमीन

कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग में आजकल सियासी जमीन तलाशने का सिलसिला बहुत तेजी से चल रहा है। पुराने धुरंधर तो अपनी राजनीति को इसके बहाने और मजबूत कर रहे हैं और नए नेताओं को अपनी सियासी जमीन तलाशने का मौका मिल गया है। भाजपा और आप कुछ नेताओं ने सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा के कुछ नेता होशियारपुर से दाव भर रहे हैं। शामचौरासी से साहिल सापला ने भी उपस्थिति दर्ज करवा दी है। इन दिनों होशियारपुर से आप नेता ब्रह्मशकर जिंपा भी कोरोना को लेकर सरकार पर ज्यादा आक्रामण करते नजर आ रहे हैं। कुल मिलाकर कोरोना की जंग में सियासी जमीन तैयार करने का फार्मूला अच्छा सुनहरा अवसर है। अब देखना यह है कि कौन से नेता को यह रास आता है और किसे नहीं।

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