ट्रेनिंग का बहाना, मकसद धन जुटाना

लोकेश चौबे, होशियारपुर रेडक्रास सोसायटी फ‌र्स्ट एड के बारे में जानकारी देने के नाम पर सरकारी स्कूल

By Edited By: Publish:Sun, 19 Oct 2014 01:02 AM (IST) Updated:Sun, 19 Oct 2014 01:02 AM (IST)
ट्रेनिंग का बहाना, मकसद धन जुटाना

लोकेश चौबे, होशियारपुर

रेडक्रास सोसायटी फ‌र्स्ट एड के बारे में जानकारी देने के नाम पर सरकारी स्कूल के लेकर निजी स्कूलों से 100 से 200 रुपये प्रति विद्यार्थी वसूल रहा है। डीसी ने बाकायदा तौर पर जिले के सभी स्कूलों को बाकायदा पत्र भी जारी कर दिया है। चूंकि जिला प्रशासन खुद इसमें शामिल है इसलिए सरकारी से लेकर प्राइवेट स्कूलों पर तलवार लटक गई है। कार्रवाई के डर से कोई स्कूल सीधा-सीधा इसका विरोध नहीं कर रहा। मगर अंदर ही अंदर उन्हें यह बात चुभ रही है।

अब ऐसे में कुछ स्कूल प्रबंधन इससे इस लिए गुरेज कर रहे है क्योंकि इसमें प्रति विद्यार्थी 100 से 200 रुपये लिए जाने है जिसको लेकर निजी से लेकर सरकारी स्कूलों के प्रबंधक परेशान हैं। स्कूल प्रबंधक यह सोच रहे हैं कि वे बच्चों से पैसे कैसे मांगे क्योंकि उन्हें अभिभावकों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। दूसरे सरकारी स्कूलों में सरकार लड़कियों को नि:शुल्क शिक्षा दे रही हैं और लड़कों से भी नाममात्र ही फीस ली जाती है लेकिन इस प्रोजेक्ट के लिए सभी विद्यार्थियों ने पैसे लिए जाने है। और तो और पत्र के मुताबिक हरेक स्कूल के कम से कम चार अध्यापकों के लिए भी यह ट्रेनिंग लेना अनिवार्य है। जिलाधीश की ओर से 24 मार्च को जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स स्कूल प्रबंधकों के साथ बैठक की गई थी। बैठक में फैसला लिया गया था कि फ‌र्स्ट एड व होम नर्सिग की ट्रेनिंग जिले के समूह सरकार, सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट, माडल, पब्लिक स्कूलों में नौवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों व प्रति स्कूल चार अध्यापकों को करवाना यकीनी बनाया जाए। जिलाधीश ने हिदायत दी है कि स्कूल के नौवीं से बारहवीं तक के सभी विद्यार्थियों व चार अध्यापकों को यह ट्रेनिंग दिलवाने के लिए विद्यार्थियों व अध्यापकों की लिस्ट तैयार करके व सर्टिफिकेट की बनती फीस एकत्र करके सेंट जोन एंबुलेंस शाखा जिला रेड क्रास सोसायटी होशियारपुर के कार्यालय से संपर्क करें ताकि स्कूल में यह ट्रेनिंग मुहैया करवाने के लिए विषय एक्सपर्ट प्रतिनियुक्त किया जा सके। गौरतलब है कि पहले स्कूलों को इस तरह की ट्रेनिंग नहीं करवाई गई है। जिला प्रशासन इस तरह की ट्रेनिंग स्कूलों को निशुल्क भी उपलब्ध करवा सकता था लेकिन प्रति विद्यार्थी 200 रुपये लेना स्कूलों के लिए दबाव बना हुआ है। अगर एक स्कूल में नौवीं से बारहवीं 600 विद्यार्थी भी है तो स्कूल पर एक लाख बीस हजार रुपये का बोझ पड़ जाएगा। इसी तरह जिले में सरकारी स्कूलों की बात करें तो सरकारी स्कूलों से ही लाखों रुपये जिला रेड क्रास बटोर लेगा। प्राइवेट स्कूलों पर तो और भी ज्यादा मार पड़ेगी। बेशक रेडक्रास अपनी फंडिंग बढ़ाने के लिए फ‌र्स्ट एड ट्रेनिंग के लिए पैसे एकत्र कर रही है लेकिन इसका विद्यार्थियों पर एक्सट्रा बोझ पड़ रहा है।

जिला रेडक्रास सोसायटी के सचिव नरेश गुप्ता का कहना है कि अभी तक रेडक्रास जिले भर में 18-20 स्कूलों को ट्रेनिंग दे चुका है। इनमें से 8-10 के करीब सरकारी स्कूल भी है। सोसायटी ट्रेनिंग के लिए 100 रुपये व प्राइवेट स्कूल से 200 रुपये प्रति विद्यार्थी ले रही है। सोसायटी की ओर से काफी वर्षो से यह ट्रेनिंग दी जा रही है। अभी तक किसी स्कूल ने कोई एतराज नहीं जताया है।

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