शत प्रतिशत रिजल्ट की आस, संडे को भी क्लास

सरकारी स्कूल में एक्सट्रा क्लास सुनने में थोड़ा अजीब लगता है। छुट्टी का दिन, कामकाजी लोग तो ठीक स्कूली बच्चे तक आराम और तफरी के मूड में होते हैं। किसी गांव के सरकारी स्कूल में यदि आप रविवार के दिन बच्चों को क्लास रुम में पढ़ाई करते देखें तो क्या कहेंगे। जवाब है, मेरा गांव बदल रहा है। छुट्टी किसी त्योहार की हो या रविवार की, कोई फर्क नहीं पड़ता, स्कूल चलता रहता है। होशियारपुर के गांव पिपलांवाला के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पिछले कई महीनों से रविवार और अवकाश के अन्य दिनों में स्कूल ¨प्रसिपल अन्य शिक्षक और प्रशासनिक अधिकारी तक एक्स्ट्रा क्लास ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 06:38 PM (IST) Updated:Mon, 18 Feb 2019 06:38 PM (IST)
शत प्रतिशत रिजल्ट की आस, संडे को भी क्लास
शत प्रतिशत रिजल्ट की आस, संडे को भी क्लास

रजनीश गुलियानी, होशियारपुर : सरकारी स्कूल में एक्सट्रा क्लास सुनने में थोड़ा अजीब लगता है। छुट्टी का दिन, कामकाजी लोग तो ठीक स्कूली बच्चे तक आराम और तफरी के मूड में होते हैं। किसी गांव के सरकारी स्कूल में यदि आप रविवार के दिन बच्चों को क्लास रुम में पढ़ाई करते देखें तो क्या कहेंगे। जवाब है, मेरा गांव बदल रहा है। छुट्टी किसी त्योहार की हो या रविवार की, कोई फर्क नहीं पड़ता, स्कूल चलता रहता है। होशियारपुर के गांव पिपलांवाला के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पिछले कई महीनों से रविवार और अवकाश के अन्य दिनों में स्कूल ¨प्रसिपल अन्य शिक्षक और प्रशासनिक अधिकारी तक एक्स्ट्रा क्लास ले रहे हैं। इस पहल से गांव के लोग भी जुड़ रहे हैं। स्कूल में आ‌र्ट्स, मेडिकल व नॉन मेडिकल ग्रुप चलते हैं। शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार द्वारा सितंबर महीने में ली गई स्कूल प्रमुखों की बैठक से प्रेरित होकर ¨प्रसिपल हर¨जदर कौर ने एक अनूठी पहल की। ¨प्रसिपल नियमित रुप से हर अवकाश के दिन विद्यार्थियों की एक्सट्रा क्लास लेती हैं। इसी प्रेरणा से 24 से 31 दिसंबर तक अवकाश अवधि के दौरान एक्सट्रा क्लास निरंतर जारी रही।

पढ़ाने के साथ कैरियर प्रति मार्ग दिखाया

रविवार के अवकाश के दिन अंग्रेजी अध्यापक गुर¨मदर ¨सह, हर¨वदर कौर, ¨हदी अध्यापिका मीनू बंसल, सुषमा रानी, गणित अध्यापिका अनिता कुमारी, लख¨वदर राम, सोशल स्टडी अध्यापक मनजीत, साइंस अध्यापक रोहन मोदगिल, सत¨वदर कौर भी एक्सट्रा क्लास लेने पहुंचे। उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाने के साथ कैरियर संबंधी मार्गदर्शन भी किया।

स्कूल को मॉडल बनाने का लक्ष्य

¨प्रसिपल हर¨जदर कौर कहते हैं, स्कूल को एक मॉडल के तौर पर स्थापित करने का लक्ष्य बनाया है। परिणाम भी उम्मीद के मुताबिक आ रहे हैं। शिक्षकों का पूरा ध्यान हर समय बच्चों पर रहता है। कमजोर बच्चों पर ज्यादा मेहनत की जाती है। सकारात्मक सोच पैदा करने की कोशिश की जाती है। टीचर उनकी दिनचर्या तय करते हैं और उसी अनुरुप मॉनिट¨रग की जाती है।

पौने दो घंटे ज्यादा पढ़ते हैं बोर्ड के छात्र

सर्दियों में स्कूल का नियमित समय सुबह 9 से 3:20 तक है, लेकिन इस स्कूल में बोर्ड की कक्षाएं के लिए समय सुबह 8:20 से लेकर 4:30 तक है। स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 525 के लगभग है।

पर्यावरण सुरक्षा को लगाए 100 पौधे

स्कूल प्रबंधन ने नैतिक शिक्षा, स्वच्छ भारत अभियान, बेहतर पर्यावरण निर्माण की दिशा में कदम उठाए है। अध्यापकों का कहना है कि लगभग 100 पौधे स्कूल के आसपास एवं प्रांगण में लगाए हैं। पौधों को विद्यार्थियों व शिक्षकों ने मिलकर लगाया है। सभी पौधों को छात्रों के रोल नंबर के अनुसार आबंटन किया है।

शिक्षा बांटने के लिए आएं आगे

शिक्षित व जागरूक लोग अगर थोड़ा समय निकालकर नजदीक के विद्यालय में एक्सट्रा क्लास लें तो इससे विद्यार्थियों को फायदा होगा। वहीं इससे आत्म संतुष्टि भी मिलती है और विद्यार्थियों में छिपी प्रतिभा भी उजागर होगी।

मोहन ¨सह लेहल,

जिला शिक्षा अधिकारी, सेकेंडरी शिक्षा, होशियारपुर

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