रोज 500 मजदूरों के पेट की ज्वाला शांत कर रही मां बगलामुखी रसोई

कोरोना वायरस की मार सबसे अधिक मजदूर तबके पर पड़ी है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Apr 2020 03:45 PM (IST) Updated:Mon, 06 Apr 2020 06:08 AM (IST)
रोज 500 मजदूरों के पेट की ज्वाला शांत कर रही मां बगलामुखी रसोई
रोज 500 मजदूरों के पेट की ज्वाला शांत कर रही मां बगलामुखी रसोई

बाल कृष्ण कालिया, गुरदासपुर

कोरोना वायरस की मार सबसे अधिक मजदूर तबके पर पड़ी है। जो लोग सुबह उठकर रोजाना दिहाड़ी लगाकर शाम को उन्हीं पैसों से घर का गुजारा चलाते थे अब क‌र्फ्यू की वजह से उनके घरों के चूल्हे ठंडे हो चुके हैं। ऐसे में शिवसेना पंजाब के प्रदेश यूथ प्रधान रोहित महाजन की ओर से संचालित मां बगलामुखी रसोई लोगों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है।

धारीवाल के वार्ड नंबर 7 में 31 मार्च से लोगों की सेवा कर रही बगलामुखी रसोई में क्षेत्र के आसपास के ऐसे लोग आकर खाना खा रहे हैं, जो वास्तव में एक समय का खाना जुटाने में भी असमर्थ हैं। रोहित महाजन के मुताबिक ऐसे लोग सुबह खाना खाने के बाद रात्रि का खाना अपने साथ घर ले जाते हैं। ऐसा करने में वे मना नहीं करते। उनका कहना है कि सेवा भाव, लगन से वे और उनके टीम सदस्य साथ जुड़े हुए हैं। राष्ट्रीय प्रधान संजीव से ली प्रेरणा

शिवसेना नेता रोहित महाजन का कहना है कि शिवसेना पंजाब के राष्ट्रीय प्रधान संजीव घनौली के दिशा निर्देशों व उनकी प्रेरणा लेकर उन्होंने मां बगलामुखी रसोई में लोगों को खाना खिलाने का प्रण लिया था। उन्होंने कहा था कि कोई भी आपके इलाके में भूखा नहीं सोना चाहिए। अगर इसके लिए आपको प्रशासनिक अधिकारियों को निवेदन करना पड़े तो करें। ऐसे में रोहित का कहना है कि प्रधान के दिशा निर्देशों के बाद उन्होंने लोगों के लिए रसोई खोल दी। इसमें रोजाना अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। कई दानी सज्जन देते हैं योगदान

धारीवाल के रोहित महाजन समाजसेवी कार्यो में हमेशा अग्रणी रहते हैं। ऐसे में जैसे ही उन्हें पता चला कि क‌र्फ्यू के दौरान धारीवाल शहर में रहने वाले 500 से अधिक मजदूर परिवारों को रोटी के लाले पड़ सकते हैं तो ऐसे में उन्होंने तुरंत वार्ड नंबर 7 के पार्षद नारायण मल्होत्रा, समाज सवक मिट्ठू महाजन, जोगिदर शर्मा, कुंवर महाजन, वनय, बाबू हरजीत सिंह, राकेश खोसला, राहुल महाजन, समर्थ महाजन आदि के साथ तालमेल कर तुरंत धारीवाल में इस रसोई का शुभारंभ कर दिया। उनका कहना है कि रसोई चलाने के लिए कई दानी सज्जन अपनी तरफ से दान भी दे जाते हैं। इसका प्रयोग व रसोई खर्च के लिए करते हैं।

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