नोटबंदी से आलू उत्पादकों को 50 हजार करोड़ का घाटा : जाखड़

पंजाब के कांग्रेस पार्टी से संबंधित सांसदों ने संसद भवन के बाहर आलू उत्पादक किसानों के हक में प्रदर्शन करके देश में आलू उत्पादकों की हो रही लूट को केंद्र सरकार के सामने रखा। इस अवसर पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व लोकसभा सदस्य सुनील जाखड़ ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा की गई नोट बंदी के कारण देश के आलू उत्पादक किसानों को 50000 करोड रुपये से ज्यादा का घाटा पड़ा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Jan 2019 12:06 AM (IST) Updated:Sat, 05 Jan 2019 12:06 AM (IST)
नोटबंदी से आलू उत्पादकों को 50 हजार करोड़ का घाटा : जाखड़
नोटबंदी से आलू उत्पादकों को 50 हजार करोड़ का घाटा : जाखड़

संवाद सहयोगी, बटाला : पंजाब के कांग्रेस पार्टी से संबंधित सांसदों ने संसद भवन के बाहर आलू उत्पादक किसानों के हक में प्रदर्शन करके देश में आलू उत्पादकों की हो रही लूट को केंद्र सरकार के सामने रखा। इस अवसर पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व लोकसभा सदस्य सुनील जाखड़ ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा की गई नोट बंदी के कारण देश के आलू उत्पादक किसानों को 50000 करोड रुपये से ज्यादा का घाटा पड़ा है। इस अवसर पर जाखड़ के इलावा, संतोख चौधरी, गुरजीत ¨सह औजला, शरवनीत ¨सह बिट्टू समेत तेलगू देशम पार्टी के सांसद भी उपस्थित थे। इस अवसर पर संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए जाखड़ ने कहा कि आलू उत्पादक किसानों को इस समय फसल का जो मूल्य मिल रहा है वह किसानों के लागत खर्च से भी कम है, जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर मंच पर किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दुहाई दे रहे हैं। जाखड़ ने कहा कि नगदी मुक्त भारत बनाने का सपना लेकर चले प्रधानमंत्री देश को किसान मुक्त करने के रास्ते पर चुके हैं जो के देश के भविष्य के लिए एक बड़ी त्रासदी साबित होगा क्योंकि किसानों के बिना कोई भी देश तरक्की नहीं कर सकता। जाखड़ ने कहा कि दिवस प्रधानमंत्री पंजाब के जालंधर में आए थे जो के आलू उत्पादन के लिए देश भर में प्रसिद्ध है, लेकिन वहां न तो उनकी अपनी पार्टी के लोगों ने और ना ही उनके सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर ¨सह बादल ने प्रधानमंत्री को आलू उत्पादकों की पीड़ा बताई। जाखड़ ने कहा कि कोल्ड स्टोर में जगह नहीं है, मंडी में भाव नहीं है तो ऐसे में किसान कहां जाएं। जाखड़ ने कहा कि पंजाब में 98000 हेक्टेयर में आलू की पैदावार की जाती है जिसमें से आधे से ज्यादा पैदावार बीज के तौर पर की जाती है। सब्जी के लिए आलू पैदा करने पर प्रति किलो 6 रुपये व बीज के लिए आलू पैदा करने के लिए प्रति किलो 9 रुपए किसानों का खर्च आता है। जब के इस समय बाजार में आलू 2 से 4 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब में बीज के लिए पैदा हुआ आलू सभी आलू उत्पादक राज्यों में भेजा जाता है पर इसकी कीमत ज्यादा होने के कारण किसान अपना बीज लगाते हैं, जिससे उत्पादन भी कम होता है व बीज उत्पादकों को भी घाटा पड़ता है और उन्हें मजबूरन बीज वाला आलू बाजार में बेचना पड़ता है। उन्होंने आलू बोने वाले किसानों को बीज पर प्रति ¨क्वटल 1000 रुपए की सब्सिडी देने की मांग करते हुए कहा कि किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिया जाए। जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के यह सभी मुद्दे संसद में रखना चाहती है पर केंद्र सरकार किसानों के मुद्दों पर सदन में चर्चा करने को तैयार नहीं है इसलिए उन्होंने उन्हें मजबूरन संसद भवन के बाहर प्रदर्शन कर अपने किसानों का दर्द उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सब्जबाग दिखाकर सत्ता प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन किसान 2022 तक का इंतजार नहीं कर सकता व किसान को तुरंत फसलों के पूरे भाव व ऋण माफी चाहिए।

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