ठेके पर रखे सफाई कर्मचारियों की संख्या 115, काम कर रहे 60, 3 दिन में मांगी रिपोर्ट

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य स्वामी सदानंद मंगलवार की शाम गुरदासपुर पहुंचे। उन्होंने जिले के अधिकारियों के साथ बैठक करनी थी , लेकिन गुरदासपुर की अफसरशाही ने सदानंद को समय ही नहीं दिया। इस बात को लेकर जब सदानंद ने उच्च अधिकारियों तक अपनी नाराजगी जाहिर की तो आनन-फानन में एडीसी सुभाष कुमार और तहसीलदार महेंद्र पाल ¨सह पावरकॉम विभाग के रेस्ट हाउस में पहुंचे। जहां पर नगरपालिका के कुछ कर्मचारी भी बैठक में शामिल हुए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Aug 2018 06:28 PM (IST) Updated:Wed, 08 Aug 2018 06:28 PM (IST)
ठेके पर रखे सफाई कर्मचारियों की संख्या 115, काम कर रहे 60, 3 दिन में मांगी रिपोर्ट
ठेके पर रखे सफाई कर्मचारियों की संख्या 115, काम कर रहे 60, 3 दिन में मांगी रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य स्वामी सदानंद मंगलवार की शाम गुरदासपुर पहुंचे। उन्होंने जिले के अधिकारियों के साथ बैठक करनी थी , लेकिन गुरदासपुर की अफसरशाही ने सदानंद को समय ही नहीं दिया। इस बात को लेकर जब सदानंद ने उच्च अधिकारियों तक अपनी नाराजगी जाहिर की तो आनन-फानन में एडीसी सुभाष कुमार और तहसीलदार महेंद्र पाल ¨सह पावरकॉम विभाग के रेस्ट हाउस में पहुंचे। जहां पर नगरपालिका के कुछ कर्मचारी भी बैठक में शामिल हुए। कर्मचारियों के साथ की गई बैठक में स्वामी सदानंद ने कहा कि गुरदासपुर में नगरपालिका के सफाई कर्मचारियों के साथ ठेकेदार की ओर से शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों को मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रखा जा रहा है, जिसमें वर्ष में 4 बार सफाई कर्मचारियों का मेडिकल होना होता है, उनके पहनने के लिए जूते मुंह पर डालने के लिए मास्क और हाथों में दस्ताने अनिवार्य होते हैं लेकिन गुरदासपुर में नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

स्वामी सदानंद के साथ बैठक के दौरान कुछ सफाई कर्मचारियों ने कहा कि ठेकेदार की ओर से कागजों में 115 कर्मचारी रखे गए हैं जबकि 60 से 70 सफाई कर्मचारी भी काम कर रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि जिला प्रशासन की नाक तले नगर पालिका में इतना बड़ा गोरखधंधा जिन कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहा है। ऐसे कर्मचारी पर जिला प्रशासन को कानूनी कार्रवाई करना तय है हालांकि मामले को लेकर स्वामी सदानंद ने एडीसी को 3 दिन में रिपोर्ट पेश करने के आदेश भी दिए हैं। स्वामी सदानंद ने कुछ कर्मचारियों से ब्यौरा लेकर कहा कि वह इस मामले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह को अवगत कराएं।

गुरदासपुर के अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर सुभाष चंद्र का कहना है कि उन्होंने 3 दिन के अंदर-अंदर नगर पालिका में सफाई कर्मचारियों के ईपीएफ खाते और अन्य जानकारियां देने के लिए नगरपालिका को आदेश दिए हैं। जैसे ही उनके पास रिपोर्ट आएगी उसी के हिसाब से दिल्ली रिपोर्ट भेज दी जाएगी।

हर वार्ड में बने सफाई कर्मचारी के लिए कमरा

स्वामी सदानंद ने कहा कि सफाई कर्मचारियों के लिए हर वार्ड में एक कमरा बनाना चाहिए । जिसमें वह आराम कर सके जबकि सुलभ शौचालय में काम करने वाले कर्मचारियों को बहुत कम वेतन दिया जा रहा है। इनका वेतन बढ़ाने संबंधी राज्य सरकार को जल्द लिखा जाएगा और साथ ही लंबे समय से काम करते आ रहे कर्मचारियों को पक्का करने की सिफारिश भी की जाएगी।

जिला अधिकारी के प्रति जाहिर की नाराजगी

स्वामी सदानंद ने कहा कि चीफ सेक्रेटरी को भी गुरदासपुर होने वाली बैठक संबंधी जानकारी होती है। गुरदासपुर में जिला प्रशासन ने उनकी बैठक को गंभीरता से नहीं लिया और आनन-फानन में जब वह वापस जाने लगे तो एडीसी और तहसीलदार को बैठक में भेज दिया। उन्होंने कहा कि नगर पालिका में हो रही बड़े स्तर पर गड़बड़ी को लेकर जिला अधिकारियों को 3 दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। जबकि प्रशासन की ओर से प्रोटोकॉल को अपना अपनाने के चलते सरकार को भी इस मामले से बंधी लिखा जाएगा।

लेबर एक्ट उड़ाई धज्जियां

स्वामी सदानंद ने कहा कि जब नगर पालिका के कर्मचारियों को बैठक में लेबर एक्ट 1970 के तहत ठेकेदार को दिए गए रजिस्ट्रेशन नंबर संबंधी पूछा गया तो नगरपालिका के पास लेबर विभाग की ओर से रजिस्ट्रेशन नंबर ही नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि एडीसी सुभाष चंद्र को इस मामले संबंधी आदेश दिए गए हैं और अगले 15 दिनों तक अगर नगर पालिका लेवल विभाग से रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं लेती है तो विभागीय अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

एक्ट के तहत लाइसेंस जरूरी : लेबर इंस्पेक्टर

-- उधर लेबर इंस्पेक्टर निर्मल शर्मा का कहना है कि अगर किसी ठेकेदार के पास 20 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं तो उन्हें लाइसेंस अनिवार्य होता है। अगर गुरदासपुर नगर पालिका में ठेकेदार की ओर से लाइसेंस नहीं किया गया तो इस मामले को लेकर जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई भी की जाएगी। अधिकतर कर्मचारियों के पास नहीं यूनिवर्सल अकाउंट नंबर

-- गुरदासपुर सिटी में नगरपालिका के अधीन काम करने वाले सफाई कर्मचारियों के पास उनका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर ही नहीं है। जिससे यह साफ सिद्ध होता है कि नगरपालिका के कर्मचारियों की कथित मिलीभगत के चलते सरकार को चूना लगाया जा रहा है, और सफाई कर्मचारियों का बड़े स्तर पर शोषण हो रहा है। इन सवालों को लेकर घिर सकता है प्रशासन

-- नगर पालिका में सफाई कर्मचारियों को जूते दस्ताने मास्क और उनका वर्ष में चार बार मेडिकल हुआ है या नहीं यह बात जांच के घेरे में

-- नगर पालिका में ठेकेदार की ओर से रखेंगे सफाई कर्मचारी कितनी संख्या में उपस्थित रहते हैं उनके पैसे उनके खातों में जा रहे हैं या नहीं वह कर्मचारी नगर पालिका में मौजूद है भी या नहीं यह बात भी जांच के घेरे में

--- लेबर विभाग से रजिस्ट्रेशन करवाए बिना किस की मंजूरी से ठेकेदार को सफाई का ठेका दिया गया यह बात भी जांच का विषय है।

जब चाहे कोई जांच कर सकता : कौंसिल अधिकारी

नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार का कहना है कि उनके पास सफाई कर्मचारियों का पूरा रिकॉर्ड है। कोई भी अधिकारी किसी समय भी जांच कर सकता है। जब उनसे पूछा गया कि ठेका देने से पहले रजिस्ट्रेशन क्यों नहीं करवाई तो उन्होंने कहा कि इस मामले संबंधी उन्हें कोई जानकारी नहीं जबकि उनके आने से पहले विभाग की ओर से इस का ठेका दिया हुआ था।

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