बिना फूड सेफ्टी लाइसेंस बेचा जा रहा चिकन

संवाद सहयोगी, दीनानगर : शहर में बगैर लाइसेंस के खुले में धड़ल्ले से मीट की दुकानें चल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Sep 2018 11:36 PM (IST) Updated:Thu, 13 Sep 2018 11:36 PM (IST)
बिना फूड सेफ्टी लाइसेंस बेचा जा रहा चिकन
बिना फूड सेफ्टी लाइसेंस बेचा जा रहा चिकन

संवाद सहयोगी, दीनानगर :

शहर में बगैर लाइसेंस के खुले में धड़ल्ले से मीट की दुकानें चल रही है। कई जगह पर सड़क किनारे खोखे लगाकर मीट की बिक्री की जा रही है। प्रशासनिक अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। आश्चर्य वाली बात तो यह है कि जानवर का स्वास्थ्य परीक्षण भी नहीं हो रहा है। बिक्री के लिए होता है निर्धारित स्थान

मुर्गे व बकरे निर्धारित स्थान पर ही काटा जा सकता है। इसके लिए बकायदा स्लाटर हाउस भी बने होते है, लेकिन शहर में जगह-जगह मांस की दुकाने खुली है। ऐसी दुकानों पर हर रोज सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं।

बेच देते हैं बीमार जानवर

अधिकतर दुकानदार व ढाबा संचालक इस तरह के मुर्गे और बकरे का मांस खरीदने में विश्वास रखते हैं जो उन्हें सस्ता मिलता है। सस्ता मिलने वाला वह मांस होता है जो बीमारियों से ग्रस्त होता है या फिर कई दिन पुराना होता है। दुकानदार अपने ग्राहकों को बड़े ही चाव से इसे बेच देते हैं। ग्राहक को पता नहीं चलता कि वह जिस मांस को खा रहे हैं वह कितना दूषित है।

ढाबा संचालक नहीं देते ध्यान

दीनानगर में मुर्गे के मीट की बिक्री अधिक होती है लेकिन, सरकार व प्रशासन की ओर से इस मीट की जांच के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है।

केवल कोई बीमारी आदि आने पर ही इस पर विशेष ध्यान दिया जाता है। लेकिन यह कोई जरूरी नहीं है कि मुर्गी में कोई बीमारी नहीं आ सकती । मांस बेचने वालों के अलावा क्षेत्र के ढाबा संचालक व चिकन सेंटर भी नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ा रहे हैं।

लगनी चाहिए लगाम

सुरेंद्र कुमार, र¨वद्र कुमार, महेंद्र, जगतार, सनी, व¨रदर का कहना है कि दुकानदार कई कई दिन का कटा हुआ मांस लोगों को परोस देते हैं । दुकानदारों की इस मनमानी पर कोई लगाम लगाने वाला नहीं है जिस कारण वे इस तरह का कार्य करते हैं । ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए । कुछ कुछ दिनों के अंतराल पर अधिकारियों को छापेमारी कर इस कार्य पर लगाम लगानी चाहिए ।

स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ :

चिकित्सकों के अनुसार अगर किसी पशु को कोई गंभीर बीमारी है उस पशु का मांस खाने से साइड इफ़ेक्ट के साथ साथ विभिन्न प्रकार की बीमारियां लगती है तो वहीं मनुष्य की इम्यून सिस्टम कमजोर होता है जिसके चलते आसानी से कोई भी बीमारी मनुष्य को अपनी चपेट में ले लेती है। वही खुले में पशुओं के अवशेष फेंकने से भी बीमारियां फैलती है ।

जरूरी है फूड सेफ्टी लाइसेंस :

केंद्र सरकार ने लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए आदेश जारी किए थे कि खाद्य पदार्थ बेचने वाला कोई भी व्यक्ति चाहे वह रेहड़ी लगाता है, या फिर उसकी कोई दुकान या होटल हो, उसे फूड विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। ऐसे में शहर में बिना ़फूड सेफ्टी लाईसेंस के 50 से ज्यादा दुकानों में बिक रहे बीमार जानवरों के चिकन मिशन तंदुरुस्त पंजाब मुहीम को ़फैल करने के साथ साथ खाझ पदार्थ विक्रेताओं को ़फूड लाइसेंस को यकीनी ना बनाए जाने के चलते ़फूड सेफ्टी विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है?

चे¨कग करने के देंगे निर्देश - एसडीएम

इस संदर्भ में एसडीएम सक्तर ¨सह बल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह फूड सेफ्टी विभाग के अधिकारियो को निर्देश देंगे कि जो मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचते है व जिन दुनाकदारों के फूड सेफ्टी लाईसेंस नहीं है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि सभी दुकानदार फूड सेफ्टी लाइसेंस बना लें।

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