आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए एक हफ्ते में लगेंगे टेंडर
एनिमल बर्थ कंट्रोल एक्ट 2001 को जिले में लागू करवाने के लिए डीसी मोहम्मद इशफाक ने जिले की सभी नगर कौंसिलों के अधिकारियों के साथ वीरवार को बैठक की।
बाल कृष्ण कालिया, गुरदासपुर
एनिमल बर्थ कंट्रोल एक्ट 2001 को जिले में लागू करवाने के लिए डीसी मोहम्मद इशफाक ने जिले की सभी नगर कौंसिलों के अधिकारियों के साथ वीरवार को बैठक की। इसमें गीता भवन रोड पर आवारा कुत्तों द्वारा एक युवक को नोच नोच कर मार डाले जाने के मुद्दे पर गंभीरता से विचार हुआ। डीसी ने सभी नगर कौंसिलों को आदेश दिया कि अपने-अपने इलाकों में आवारा कुत्तों की नसबंदी संबंधी टेंडर एक हफ्ते में करवाएं।
गौर हो कि रविवार रात को गीता भवन रोड पर एक युवक को आवारा कुत्तों ने नोच-नोच कर मार डाला था। इसके बाद से इलाके के लोगों में आवारा कुत्तों को लेकर दहशत है। वहीं प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। नगर कौंसिल ने इलाके से कुछ आवारा कुत्तों को पकड़ा भी था। बैठक में इस मामले को लेकर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया। डीसी ने पशुपालन विभाग के डा. श्याम सिंह को हिदायत की है कि वे सभी को डाग पकड़ने संबंधित ट्रेनिग देंगे। कुत्तों को पकड़ने के बाद शेल्टर होम में रखा जाएगा, जहां पर उनके खाने-पीने के साथ साथ आपरेशन के बाद उन्हें छोड़ने संबंधी पूरी जानकारी दी जाएगी। इस दौरान डीसी के साथ एडीसी जनरल राहुल, एडीसी अर्बन अमित महाजन, पशुपालन विभाग के अधिकारी शाम सिंह, गुरदासपुर नगर कौंसिल के प्रधान बलजीत पाहड़ा सहित कादियां, फतेहगढ़ चूड़ियां, दीनानगर आदि नगर कौंसिलों के अधिकारी भी थे। नगर कौंसिल ने पकड़े कुत्ते छोड़े
युवक को नोच-नोच कर मारने के बाद नगर कौंसिल ने कुछ आवारा कुत्तों को गीता भवन रोड से पकड़ा था। अब इलाका निवासी रवि कुमार ने इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो वायरल की है। इसमें उन्होंने कहा है कि नगर कौंसिल की ओर से जो कुत्ते पकड़े गए थे उन्हें दोबारा से छोड़ दिया गया है, जो फिर उसी सड़क पर आ गए हैं। इसके चलते आने वाले दिनों में फिर से इसी इलाके में कोई बड़ी घटना हो सकती है। यह है एनिमल बर्थ कंट्रोल एक्ट 2001
आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और इससे होने वाली परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार ने 2001 में एनिमल बर्थ कंट्रोल एक्ट लागू किया था। इसके तहत ज्यादा परेशानी वाले क्षेत्रों में कुत्तों की नसबंदी अभियान चलाने के साथ ही आवारा कुत्तों को एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाए जाने का प्रावधान है। अब जब एक युवक को कुत्तों ने मार दिया तब जिला प्रशासन को इस एक्ट को लागू करने की याद आई है। डंडे लेकर घर से निकल रहे लोग
गीता भवन रोड पर रात 10 बजे के बाद लोग डंडा लेकर अपने साथ निकल रहे हैं। राहगीर बलविदर कुमार ने बताया कि वह रात को काम से छुट्टी करके घर वापस जाता है। जब से इस सड़क पर आवारा कुत्तों द्वारा एक आदमी को मारे जाने की सूचना मिली है तब से वह डंडा रखता है। फैक्ट फाइल
-कुत्तों को पकड़ते समय उन्हें चोट नहीं पहुंचाई जा सकती है।
-कुत्तों को पकड़ने के बाद पशुपालन विभाग के डाक्टर उसे बेहोश करके उसका आपरेशन करते हैं। दो-तीन दिन तक कुत्ता डाक्टर की देखरेख में रहता है।
-नसबंदी होने के बाद कुत्ते को दोबारा से उसी इलाके में छोड़ दिया जाता है।