धान बेचने के बाद आढ़ती से जे फार्म जरूर लें किसान

एसडीएम बलविदर सिंह ने किसानों से अपील की है कि वे मंडी में अपनी धान की फसल बेचने के बाद आढ़ती से पर्ची भाव जे फार्म जरूर लें।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Oct 2019 05:07 PM (IST) Updated:Thu, 10 Oct 2019 05:07 PM (IST)
धान बेचने के बाद आढ़ती से जे फार्म जरूर लें किसान
धान बेचने के बाद आढ़ती से जे फार्म जरूर लें किसान

संवाद सहयोगी, बटाला : एसडीएम बलविदर सिंह ने किसानों से अपील की है कि वे मंडी में अपनी धान की फसल बेचने के बाद आढ़ती से पर्ची भाव जे फार्म जरूर लें। उन्होंने कहा कि आढ़ती की तरफ से किसान को जे फार्म देना अनिवार्य है। यदि कोई आढ़ती 'जे' फॉर्म देने से इनकार करता है या कच्ची पर्ची देता है तो किसान संबंधित मार्केट कमेटी कार्यालय या जिला मंडी अधिकारी को लिखित में शिकायत कर सकता है।

एसडीएम ने कहा कि यह कई बार देखा गया है कि आढ़ती द्वारा कई नकली 'जे' फॉर्म तैयार किए हैं, जिससे किसानों को सतर्क होना चाहिए। असली जे फार्म पर सचिव मार्केट कमेटी की मुहर लगी होती है और किसानों को ऐसे जे फार्म को ही लेना चाहिए। एसडीएम के किसान को सलाह देते हुए कहा कि वे मंडी में जिंस की तुलाई अपने निगरानी में करें। अगर किसान को लगता है कि तुलाई बढ़ रही है तो वह अपनी तोली हुई जिंस को दस फीसद की तुलाई के बिना किसी फीस के परिक्षण कर सकता है।

उन्होंने कहा कि धान की नमी 17 फीसद से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। किसान अपने शक को निकालने के लिए मार्केट के नमी मीटर से भी अपनी फसल की नमी चेक करवा सकता है। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से चालू साल के दौरान कम से कम सर्मथन मुल्य 1835 रुपये प्रति क्विंटल निश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि धान की फसल का जानबूझकर मूल्य कम किया जा रहा है तो इसकी शिकायत बाजार समिति या जिले के शीर्ष अधिकारियों से की जा सकती है।

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