गाव टेंडीवाला में बाध क्षतिग्रस्त, अब सेना ने संभाला मोर्चा

सरहदी गाव टेंडीवाला पर तीन दिन से दरिया का मंडरा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Aug 2019 11:40 PM (IST) Updated:Sun, 25 Aug 2019 06:30 AM (IST)
गाव टेंडीवाला में बाध क्षतिग्रस्त, अब सेना ने संभाला मोर्चा
गाव टेंडीवाला में बाध क्षतिग्रस्त, अब सेना ने संभाला मोर्चा

प्रदीप कुमार सिंह, सरहदी गाव टेंडीवाला (फिरोजपुर) : सरहदी गाव टेंडीवाला पर तीन दिन से दरिया का मंडरा रहा है। बांध क्षतिग्रस्त हो गया है। शनिवार को स्थित की गंभीरता देखते हुए जिला प्रशासन ने सेना को मोर्चा संभालने के लिए कहा। बाढ़ ने राहत प्रबंधों व प्रदेश सरकार के दावों की पोल खोल दी है। शनिवार को भी हुसैनीवाला हेड से पाकिस्तान को 70 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया। बाढ़ से जिले में 21 गाव प्रभावित हैं। सेना की ओर से हालात पर काबू पाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ से निपटने के लिए कई महीनों से तैयारिया की जा रही थीं, लेकिन जिस प्रकार गत तीन दिन से ड्रेनेज विभाग के एससी, एक्सईएन, एसडीओ व जेई गाव टेंडीवाला में जद्दोजहद करते हुए दिखाई दिए, यह हैरानीजनक रहा। अधिकारियों ने कटाव को रोकने के लिए ग्रामीणों के साथ मिलकर व्यापक प्लान तैयार किया, लेकिन सब फेल हो गया। अब सेना ने मोर्चा संभाला है।

ग्रामीणों के अनुसार यदि चार से पाच फुट तक और जमीन दरिया में कटकर गिरती है तो टेंडीवाला के ही आधा दर्जन से अधिक गाव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे। बाध पर बनाए बंकरों को और नुकसान पहुंचेगा। लोगों ने बताया कि वे गाव को बचाने के लिए प्रयासरत है, लेकिन जिला प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा, न तो जिला प्रशासन की ओर ट्रैक्टरों में लगने वाला डीजल दिया गया और न ही दूसरे साधन। मनरेगा कर्मियों को उनकी मजदूरी नहीं मिली है।

डीसी चंद्र गैंद ने कहा कि जिले में बाढ़ की स्थित होने पर पहले ही सेना व एनडीआरएफ की टीमों को बुलाया गया था। अब सेना को टेंडीवाला हिस्से में स्थिति संभालने को कहा गया। सेहत विभाग के सिविल सर्जन डॉ. हरि नारायण ने बताया कि जिले के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सेना व सेहत विभाग द्वारा मेडिकल कैंप चलाए जा रहे है, अब तक इन कैंपों से 300 लोग उपचार करवा चुके है। उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ित गावों की मदद के लिए किश्तियों पर भी मोबाइल मेडिकल टीमों का गठन किया गया है, जो कि लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं।

दरिया से सटे मल्लावाला के हिस्सों के गावों में अब भी बाढ़ का पानी जमा हुआ है। बाढ़ के पानी का आलम यह है कि सड़क के ऊपर चार से पाच फुट तक पानी भरा हुआ है। सड़क पर ज्यादा पानी को देखते हुए कोई वाहन चालक सड़क पर अपने वाहन को ले जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। बाढ़ प्रभावित गावों की मदद के लिए समाजसेवी व धार्मिक संगठनों के अलावा सेना ने मोर्चा संभाल रखा है, जो कि जरूरतमंदों की मदद कर रहे है।

बांध बचाने के लिए मक्खू में ठीकरी पहरा दे रहे थे ग्रामीण

बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित मक्खू ब्लॉक के हिस्सों में और बाढ़ का प्रकोप न दिखाई दे, इसके लिए ग्रामीणों द्वारा दिन-रात धुस्सी बांध पर निगरानी की जा रही थी।

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