दो सप्ताह से पीने वाले पानी को तरस रहे खुईखेड़ा के लोग

भले ही ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यो और उनका स्तर शहरी क्षेत्र की तरह होने की बातें की जाती हैं पर अब भी कई गांवों में लोग मूलभूत सेवाओं के लिए ही तरस रहे हैं। ऐसा ही गांव खुईखेड़ा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 31 Jul 2020 10:13 PM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2020 06:08 AM (IST)
दो सप्ताह से पीने वाले पानी को तरस रहे खुईखेड़ा के लोग
दो सप्ताह से पीने वाले पानी को तरस रहे खुईखेड़ा के लोग

प्रेम दूमड़ा, खुईखेड़ा (फाजिल्का): भले ही ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यो और उनका स्तर शहरी क्षेत्र की तरह होने की बातें की जाती हैं, पर अब भी कई गांवों में लोग मूलभूत सेवाओं के लिए ही तरस रहे हैं। ऐसा ही गांव खुईखेड़ा है। यहां के बाशिदे पीने वाले पानी के लिए तरस रहे हैं। पिछले करीब दो सप्ताह से यहां के लोग पीने का पानी दो किलोमीटर दूर शुगर मिल से रोजाना लाने के लिए मजबूर हैं। खुईखेड़ा का पानी इतना खराब है कि वह पानी पीने तो क्या अन्य कार्यो के प्रयोग में भी नहीं आता। यहां पर वाटर व‌र्क्स से पानी की सप्लाई होती है। नहरबंदी के कारण वाटर व‌र्क्स में पानी की सप्लाई नहीं आ रही है। इस कारण समस्या आ रही है।

खुईखेड़ा में पेयजल के अभाव की बात की जाए तो यह समस्या आज की नहीं, बल्कि बहुत पुरानी है। इस बारे में विभाग के उच्चाधिकारी भी अच्छी तरह से इस समस्या से वाकिफ है। भले ही नहरबंदी हो या फिर अन्य कोई भी तकनीनी फाल्ट, दो-दो सप्ताह तक पानी न मिलना मामूली बात है। स्थानीय निवासी धीरज कंबोज, हरी चंद, प्रेम कुमार, नीरज कुमार व अन्यों ने कहा कि उनके गांव में पानी की अनोखी कहानी है। बारिश के कारण एकत्रित हुआ पानी यहां से जाता नहीं है और पीने वाला पानी यहां आता नहीं है। महीने में एक से दो बार तो लोगों को पानी समस्या झेलनी ही पड़ती है। अब यह समस्या पिछले दो सप्ताह से जारी है। इस कारण लोगों को मजबूरन सुबह व शाम दो किलोमीटर दूर पानी लेने जाना पड़ता है। उन्होंने विभाग के उच्चाधिकारियों से अपील की कि जल्द से जल्द पानी की समस्या को दूर किया जाए, ताकि पानी को लेकर परेशानी ना हो।

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खुईखेड़ा का भू-जल है काफी कड़वा

गांव वासियों ने बताया कि खुईखेड़ा का भू-जल इतना कड़वा है कि यहां नहाना तो दूर की बात, कपड़े धोने के भी काम नहीं आता। वहीं पशु भी उक्त पानी को नहीं पीते। इसलिए उन्हें बड़े ड्रमों में दो किलोमीटर से खुद के लिए और पशुओं के लिए पानी लाना पड़ता है। पानी एक मूलभूत सेवा होने के बावजूद उन्हें यह समस्या झेलनी पड़ती है।

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जल्द किया जाएगा समस्या का हल: नारंग

इस संबंधी जब एसडीओ नारंग से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पहले नहरबंदी थी और अब कस्सी में पानी का लेवल कम होने के कारण मोघे तक पानी नहीं पहुंच पाता। इस कारण परेशानी आ रही है। यह समस्या उनके ध्यान में है, जल्द ही लोगों को पानी उपलब्ध करवाकर इस समस्या का हल किया जाएगा।

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