फाजिल्का-अबोहर-फिरोजपुर रात्रि ट्रेन न होने से मुसाफिर दरबदर

(फाजिल्का) : उत्तर रेलवे फिरोजपुर मंडल के अंतर्गत फाजिल्का से अबोहर 41.25 किलोमीटर और फाजिल्का से फिरोजपुर 89 किलोमीटर की दूरी पर रात्रि ट्रेन सुविधा न होने से मुसाफिरों को दरबदर होना पड़ता है या फिर सुबह की ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Oct 2018 10:34 PM (IST) Updated:Sun, 28 Oct 2018 10:34 PM (IST)
फाजिल्का-अबोहर-फिरोजपुर रात्रि ट्रेन न होने से मुसाफिर दरबदर
फाजिल्का-अबोहर-फिरोजपुर रात्रि ट्रेन न होने से मुसाफिर दरबदर

डॉ. अमर लाल बाघला /अमनदीप ¨सह (फाजिल्का) : उत्तर रेलवे फिरोजपुर मंडल के अंतर्गत फाजिल्का से अबोहर 41.25 किलोमीटर और फाजिल्का से फिरोजपुर 89 किलोमीटर की दूरी पर रात्रि ट्रेन सुविधा न होने से मुसाफिरों को दरबदर होना पड़ता है या फिर सुबह की ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है। अगर इमरजेंसी हो तो निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। दिन में मुसाफिरों को बसों में महंगे किराये भी अदा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। लोगों ने रेलवे से मांग की है कि रात को भी अबोहर और फिरोजपुर के लिए यात्री ट्रेन और मालगाड़ी शुरू की जाए, ताकि रेलवे को लोगों को राहत के साथ-साथ रेलवे को भी आर्थिक लाभ हो सके।

फाजिल्का से फिरोजपुर को सुबह 6:10 बजे पहली ट्रेन और शाम 5:20 बजे आखिरी ट्रेन है। इसके बाद फाजिल्का से फिरोजपुर कोई गाड़ी नहीं। बस सेवा तो फाजिल्का से फिरोजपुर के लिए आखिरी बस 7 बजे चलती है। इसके बाद अगर कोई इमरजेंसी हो, तो लोगों को निजी वाहन से फिरोजपुर जाना पड़ता है। फिरोजपुर-फाजिल्का के मध्य थेह कलंदर, लाधूका, बाहमणी वाला, जलालाबाद, जीवा अराई, गुरुहरसहाय, कौर ¨सह वाला, झोंक टहल ¨सह, डोड़, खाई फेमेके और फिरोजपुर स्टेशन सहित 11 स्टेशन है। इनमें से गुरुहरसहाय तहसील हेडक्वार्टर व फाजिल्का जिला हेडक्वार्टर फाजिल्का सीमावर्ती होने के कारण यहां पर सेना व बीएसएफ के भी हेड क्वार्टर है। फाजिल्का-अबोहर के मध्य में जंड वाला खरता, खुई खेड़ा, घल्लू, चूड़ी वाला तन्ना व बुर्ज मोहार पांच रेलवे स्टेशन है। ऐसे में रात्रि ट्रेन शुरू होने से फाजिल्का की 2 लाख के करीब आबादी को भी आरामदायक सफर करने का अवसर मिलेगा।

ट्रेन किराये से साढ़े चार गुण ज्यादा बसों में किराया

फाजिल्का गली पंडित रामचंद निवासी राज कुमार फुटेला ने बताया कि फाजिल्का से फिरोजपुर बस सेवाएं जो पंजाब सरकार का एकाधिकार रूट है। इससे इस रूट पर निजी बसें भी नहीं चलती हैं और सिर्फ सरकारी बसें चलती हैं, जिनका किराया ट्रेन किराए से साढ़े चार गुणा ज्यादा है।

रेवले रेलगाड़ी चलाकर लोगों को सुविधा दे

बाबा जी धाम निवासी घमंड ¨सह आहुजा ने कहा कि रात की ट्रेन होने पर मुसाफिरों को निजी बसों के महंगे किराये से राहत मिलेगी। उन्होंने रेवले प्रशासन से मांग की कि फाजिल्का-अबोहर और फाजिल्का-फिरोजपुर के मध्य रात्रि ट्रेन सुविधा की व्यवस्था भी हो।

रोजाना सुबह ली लेनी पड़ती है ट्रेन

गली मोहन लाल कुक्कड़ निवासी दया कृष्ण बब्बर ने कहा कि फिरोजपुर से फाजिल्का से अबोहर होते हुए हनुमानगढ़ जाने वाली पहली ट्रेन फाजिल्का से सुबह 7:03 मिनट पर रोजाना चलती है। दूसरी पैसेंजर ट्रेन फाजिल्का से दोपहर 12:45 बजे है, जोकि अबोहर से होकर ब¨ठडा जाती है। रात को भी सुविधा दी जाए।

रात्रि ट्रेन चलाने से राजस्व में बढ़ोतरी होगी

विजय कॉलोनी निवासी अश्विनी कुमार बस सेवा भी शाम 7 बजे के बाद न होने के कारण भी मुसाफिरों को खासी परेशानियों से जूझना पड़ता है। अगर रेलवे रात्रि ट्रेनों को चलाता है तो रेलवे के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।

फाजिल्का रेल लाइन का इतिहास, दिन में भी दो ही ट्रेनें दौड़ती हैं

अबोहर-फाजिल्का के मध्य की रेलवे लाइन 17 जुलाई, 2012 को शुरू हुई थी। हैरानी है कि फाजिल्का-अबोहर रेल पटरी बनवाने में रेल विभाग को लगभग 3 अरब रुपये खर्च करने पड़े। रात क्या दिन के समय में भी मात्र दो ट्रेनें ही चलती हैं। फाजिल्का-फिरोजपुर वाली रेल लाइन, जोकि भारत-पाकिस्तान विभाजन से पहले बनी थी, अंग्रेजों के कार्यकाल के दौरान इस ट्रैक से चलने वाली गाड़ियां से लुधियाना से वाया फाजिल्का होकर पाकिस्तान के कराची तक जाती थीं, जिससे व्यापार में काफी आमदनी होती थी, इसी वजह से इस ट्रैक का नाम गोल्डन ट्रैक भी रखा गया था, लेकिन भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद फाजिल्का कराची तक का रेल ट्रैक पाकिस्तान की हद में चल गया, जिससे रात्रि की ट्रेन सेवाएं बंद कर दी गई।

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कोस्ट

फाजिल्का-फिरोजपुर के लोगों को रात के समय ट्रेन सुविधा न होने के कारण आ ही समस्याओं को देखते हुए उनकी तरफ से रेलवे हाउस फिरोजपुर को लिखा हुआ है।

विवेक कुमार, डीआरएम, फिरोजपुर।

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