सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों के 11 पद खाली

सरकारी अस्पताल में चार सालों से आंखों के डॉक्टर ही नहीं हैं ऐसे में मरीजों को विवश होकर निजी अस्पतालों का रूख करना पड़ता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 11:23 PM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2020 06:10 AM (IST)
सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों के 11 पद खाली
सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों के 11 पद खाली

प्रवीण कथूरिया : अबोहर के सौ बिस्तर के सरकारी अस्पताल में चार सालों से आंखों के डॉक्टर ही नहीं हैं ऐसे में मरीजों को विवश होकर निजी अस्पतालों का रूख करना पड़ता है। इतना ही नहीं, अस्पताल में डॉक्टरों के कुल 20 पद मंजूर हैं लेकिन वर्तमान में केवल 9 पद ही भरे हुए हैं। आरटीआइ के तहत हासिल जानकारी के अनुसार आंखों के डॉक्टर का पद 2016 से खाली पड़ा है। वहीं बच्चों के माहिर डॉक्टर के दो पद हैं जिनमें से एक 2015 से खाली है। महिला विशेषज्ञ का पद 2019 से, हड्डियों के विशेषज्ञ का पद भी 2019 से खाली है। आंखों के डॉक्टर 2016 से नहीं है तो चमड़ी रोग विशेषज्ञ भी 2016 से नहीं है। जनरल मेडिकल अफसर का पद 2018 से व इएनटी विशेषज्ञ 2016 से नहीं है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अबोहर में मरीजों को कैसी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती होंगी। एसएमओ डॉ. युधिष्ठर चौधरी बताते हैं कि समय-समय पर उच्चाधिकारियों को यहां डॉक्टरों के पद भरने की मांग लिखित में की जाती रही है। जब भी कोई अधिकारी या मंत्री अस्पताल के दौरे पर आते हैं तो डॉक्टरों के पद पूरे करने का मामला ही प्रमुखता से उठाया जाता है।

375 मरीज आते हैं प्रतिदिन

अबोहर के अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या की बात करें तो यह भी अच्छी खासी है। पिछले तीन सालों में ओपीडी में कुल 404500 मरीज आए जिनकी वार्षिक औसत एक लाख पैंतीस हजार व दैनिक औसत करीब 375 बनती है। यदि स्वास्थ्य विभाग यहां डॉक्टरों की कमी पूरी कर दे तो यकीनन यह आंकड़ा बढ़ सकता है और मरीज लाभांवित हो सकते हैं।

chat bot
आपका साथी