अनुसूचित जाति के परिवार से मारपीट मामले में सियासत तेज

(फतेहगढ़ साहिब) : पंचायत चुनावों के बाद जिले के एक गांव में नववर्ष के पहले दिन अनुसूचित जाति के परिवार और सरपंच के बीच हुई कथित मारपीट को लेकर अब सियासत तेज हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Jan 2019 06:07 PM (IST) Updated:Thu, 03 Jan 2019 06:07 PM (IST)
अनुसूचित जाति के परिवार से मारपीट मामले में सियासत तेज
अनुसूचित जाति के परिवार से मारपीट मामले में सियासत तेज

जागरण टीम, (फतेहगढ़ साहिब) :

पंचायत चुनावों के बाद जिले के एक गांव में नववर्ष के पहले दिन अनुसूचित जाति के परिवार और सरपंच के बीच हुई कथित मारपीट को लेकर अब सियासत तेज हो गई है। पंचायत का चुनाव जीते कांग्रेस के सरपंच ह¨रदर पाल ¨सह पर आरोप है कि उन्होंने अपने साथियों के साथ गांव डेरा मीर-मीरा में एक अनुसूचित जाति के परिवार के साथ घर में घुसकर मारपीट की थी। घायल परिवार अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। बसपा के प्रदेशाध्यक्ष रछपाल ¨सह राजू व पंजाब इंचार्ज शिव कुमार कल्याण वीरवार को पीड़ित परिवार का हाल जानने अस्पताल पहुंचे और उन्होंने परिवार को इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया। अस्पताल में भर्ती महिला गुरमेल कौर, कुलदीप ¨सह, सुरजीत ¨सह, गुरजीत कौर व लखवीर ¨सह ने रोते बिलखते उन्हें अपनी व्यथा सुनाई। उन्होंने कांग्रेस सरपंच ह¨रदर पाल ¨सह पर आरोप लगाए कि उसने अपने 10-15 साथियों समेत उनके घर में दाखिल होकर उन्हें लाठी डंडों से पीटा है। दोनों पक्षों के बीच फोन पर हुई कहासुनी इतनी बढ़ गई थी कि उनमें हाथापाई हो गई और इसमें अनुसूचित जाति के परिवार के पांच लोग जख्मी हो गए थे। वे अब भी घायल सिविल अस्पताल फतेहगढ़ साहिब में भर्ती हैं। विरोधी पक्ष के सरपंच समेत तीन लोग भी इसी अस्पताल में दाखिल हैं। गौरतलब है कि शिरोमणि अकाली दल के कई नेता भी इस वारदात का विरोध कर चुके हैं। पुलिस पर विरोधी पक्ष को बचाने का आरोप

हमले में घायल परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने क्रास पर्चा दर्ज कर विरोधी पक्ष का बचाव किया है। पीड़ितों ने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मतदान से पहले कांग्रेस के सरपंच ने उन्हें अपने हक में वोट देने के लिए पैसों का लालच दिया था जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया। यही बात सरपंच को हजम नहीं आई और उन्होंने परिवार के सदस्यों को इतना पीटा कि उनके मुंह, सिर, बाजू, टांगों में फ्रैक्चर कर दिए।

सरपंच पर की जाए धारा 307 के तहत कार्रवाई

बसपा प्रदेश प्रधान ने कहा कि संविधान निर्माता डॉ आंबेडकर जी ने हर किसी को अपनी मर्जी से वोट डालने का अधिकार दिलवाया था। अगर कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से वोट नहीं डाल सकता तो यह संविधान की मर्यादा का उल्लंघन है। एक जीते हुए कांग्रेसी सरपंच द्वारा एक गरीब और अनुसूचित जाति के परिवार पर वोट के लिए घर के अंदर दाखिल होकर सभी सदस्यों पर जानलेवा हमला करना बेहद ¨नदनीय है। रछपाल ¨सह राजू ने कहा कि वह स्थानीय पुलिस प्रशासन व डीजीपी पंजाब से आरोपित सरपंच पर धारा 307, 452 के तहत मामला दर्ज करने की मांग करती है। हम प्रशासन को एक दिन का समय देते हैं अगर धारा में इजाफा न हुआ तो वह रोड जाम करेंगे और पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता भी प्रदान करेंगे। मुझे घर बुलाकर मारना चाहते थे : सरपंच

उधर सरपंच ह¨रदर पाल ¨सह का कहना है कि विरोधी पक्ष उनपर सभी झूठे आरोप लगा रहा है। उन्होंने कहा कि दरअसल इन लोगों ने हारने के बाद फोन पर उन्हें घर बुलाकर देख लेने की धमकी दी और भद्दी शब्दावली का प्रयोग कर गाली गलौज भी किया। ह¨रदर ने कहा, मैंने इसकी शिकायत फतेहगढ़ साहिब थाना में कर दी। थाने में भी विरोधी पक्ष का फोन आया था और झगड़े के लिए उसे उकसाया गया। सरपंच ने कहा कि वे लोग मुझे मारना चाहते थे। जब वह गांव के अन्य लोगों के साथ विरोधी पक्ष को शांत करने घर पहुंचे तो वहां 5-6 लोगों ने उनपर हमला कर दिया और बीच-बचाव में विरोधी पक्ष और हमारे तीन लोगों को भी चोटें पहुंचीं।

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