कौंसिल अध्यक्ष ने विकास के लिए बुलाई बैठक, कांग्रेसियों ने किया बहिष्कार

सरहिद की शिरोमणि अकाली दल (बादल) शासित नगर कौंसिल में सियासत को लेकर एक बार फिर से माहौल गर्म हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Jan 2020 12:19 AM (IST) Updated:Thu, 30 Jan 2020 06:11 AM (IST)
कौंसिल अध्यक्ष ने विकास के लिए बुलाई बैठक, कांग्रेसियों ने किया बहिष्कार
कौंसिल अध्यक्ष ने विकास के लिए बुलाई बैठक, कांग्रेसियों ने किया बहिष्कार

धरमिदर सिंह, फतेहगढ़ साहिब : सरहिद की शिरोमणि अकाली दल (बादल) शासित नगर कौंसिल में सियासत को लेकर एक बार फिर से माहौल गर्म हो गया है। एक तरफ सियासत की भेंट चढ़ी इस कौंसिल में विकास कार्य पहले ही ठप हैं, वहीं बुधवार को शहर के विकास कार्यों को लेकर बैठक भी इसकी भेंट चढ़ गई।

कौंसिल के अध्यक्ष शेर सिंह ने एक तिहाई सदस्यों की मांग पर 15 प्रस्तावों को लेकर बुधवार को कौंसिल की विशेष बैठक बुलाई थी। इस बैठक में केवल नौ पार्षद ही पहुंचे, जिसमें कांग्रेस का कोई पार्षद नहीं था। इसलिए को ई प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। यह सभी प्रस्ताव जनहित में थे और इन्हें शहरवासियों की मांग को मद्देनजर रखते हुए एजेंडे में रखा गया था।

कौंसिल अध्यक्ष शेर सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद कौंसिल में कोई काम नहीं हो रहा है। सियासी हितों के कारण शहर का विनाश किया जा रहा है। इससे आम लोगों को नुकसान हो रहा है। कांग्रेस को अपने सियासी हित छोड़कर शहर की भलाई के बारे में सोचना चाहिए।

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धारा 25 के तहत बैठक बुलाने की जरूरत नहीं थी : कालरा

कौंसिल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन कालरा ने कौंसिल अध्यक्ष पर विकास में रुकावट पैदा करने के आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद अध्यक्ष ने कोई भी टेंडर नहीं लगाया। करोड़ों के टेंडर रुके हैं। अब जानबूझकर धारा 25 के तहत बैठक बुलाई गई। जबकि बहुमत होने के चलते कौंसिल अध्यक्ष 72 घंटों में भी बैठक बुला सकते थे। यह एक साजिश थी कि प्रस्ताव का कोई भी काम सिरे न चढ़ सके। कुछ ऐसे प्रस्ताव थे, जो केवल सरहिद शहर से ही संबंधित थे। यदि बिना भेदभाव विकास करना है तो सभी वार्डों पर गौर करना चाहिए था।

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