दिन-रात के तापमान में भारी अंतर कर रहा बीमार

मौसम का मिजाज बदल गया है। दिन में हल्की गर्मी और रात को सर्दी पड़ रही है। बुधवार की रात में पारा आठ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Nov 2021 06:45 PM (IST) Updated:Thu, 18 Nov 2021 06:45 PM (IST)
दिन-रात के तापमान में भारी अंतर कर रहा बीमार
दिन-रात के तापमान में भारी अंतर कर रहा बीमार

संवाद सूत्र, फरीदकोट : मौसम का मिजाज बदल गया है। दिन में हल्की गर्मी और रात को सर्दी पड़ रही है। बुधवार की रात में पारा आठ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। अधिकतम व न्यूनतम तापमान में भारी अंतर लोगों को बीमार बना रहा है। सरकारी व निजी अस्पतालों में तो मरीजों की भीड़ बढ़ी है।

नवंबर के तीसरे सप्ताह में दिन में चटक धूप लोगों को गर्मी का अहसास करवा रही है। बीते 15 दिन से दिन में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के करीब रहा है, जबकि रात में पारा पिछले तीन दिन से लगातार गिर रहा है। सोमवार रात में पारा आठ डिग्री सेल्सियस के करीब था। मंगलवार रात में यह नौ डिग्री सेल्सियस हो गया। बुधवार रात में यह आठ डिग्री सेल्सियस हो गया, जबकि दिन में तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के करीब रहा। मौसम में बदलाव के कारण दिन और रात के तापमान के बीच अंतर लगातार बढ़ रहा है। बीते दो हफ्ते के दौरान दिन और रात के तापमान में 15 से 18 डिग्री सेल्सियस का अंतर रहा। मौसम में परिवर्तन के चलते मच्छर जनित और मौसम जनित बीमारियां तेजी से पांव पसार रही हैं। बुखार के मरीजों की संख्या में दोगुना की बढ़ोत्तरी हुई है। अस्पताल की ओपीडी में हर पांचवां मरीज बुखार से पीड़ित है। सिविल अस्पताल फरीदकोट के एसएमओ व फिजिशियन डा. चंद्रशेखर कक्कड़ के मुताबिक अगर बुखार तीन दिन से अधिक समय तक ठीक नहीं होता है तो इसकी जांच जरूर कराएं। लापरवाही बरतने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान मौसम सेहत के लिए ठीक नहीं है। खासकर सांस के रोगियों के लिए यह मौसम खतरनाक होता है। सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा के मरीजों को होती है। ऐसे में तीन दिन से अधिक खांसी होने पर फौरन डाक्टर से सलाह लें। सर्दी-जुकाम के साथ ही एलर्जी ने भी पांव फैला रखे हैं। शरीर पर दाने निकलने की वजह भी यही है। उन मरीजों को भी सतर्कता बरतनी चाहिए जो ब्लड प्रेशर व डायबिटीज से पीड़ित हैं। खासकर रात के वक्त लापरवाही भारी पड़ सकती है। बीमारियों से बचाव के लिए पूरी बांह के कपड़े पहनकर घर से निकलना चाहिए।

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