केन्द्र सरकार किसानों को विधेयक की विशेषताएं समझाने में नाकाम

केन्द्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि विधेयक के विरोध में किसान संगठन एकजुट हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Sep 2020 03:24 PM (IST) Updated:Fri, 18 Sep 2020 03:24 PM (IST)
केन्द्र सरकार किसानों को विधेयक की विशेषताएं समझाने में नाकाम
केन्द्र सरकार किसानों को विधेयक की विशेषताएं समझाने में नाकाम

जागरण संवाददाता, फरीदकोट : केन्द्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि विधेयक के विरोध में किसान संगठन एकजुट हैं। केन्द्र सरकार विधेयक की विशेषताएं किसानों को समझा पाने में अब तक नाकाम रही है। किसान संगठन विधेयक को किसान ही नहीं बल्कि पंजाब विरोधी बता रहे है। विधेयक के विरोध में भाजपा को छोड़कर सभी राजनीति संगठनों द्वारा किसानों को समर्थन दिया जा रहा है। पंजाब के किसानों का रखना होगा विशेष ख्याल

प्रगतिशील किसान गुरप्रीत सिंह चंदबाजा ने बताया कि केन्द्र सरकार ने किसान विधेयक में इस बात का कहीं उल्लेख नहीं किया है कि यदि किसानों को समर्थन मूल्य से कम फसल का भाव मिलेगा तो उसकी कैसे भरपाई होगी। पंजाब का कृषि क्षेत्रफल भले ही देश के कुल कृषि क्षेत्रफल का मात्र दो फीसदी है, परंतु देश के खाद्यान्न भंडारे में पंजाब के गेंहू का योगदान 50 फीसद है जबकि चावल का 40 फीसद है। ऐसे में केन्द्र सरकार को पंजाब के किसानों को विशेष रूप से ख्याल रखना होगा।

समृद्ध किसानी को चोट पहुंचा रही केंद्र सरकार

बिदर सिंह गोलेवाला जिला प्रधान भारतीय किसान यूनियन राजोवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार किसान विधेयक के बहाने पंजाब और हरियाणा की समृद्ध किसानी सिस्टम को चोट पहुंचाना चाह रही है। पंजाब का किसान अपने खून-पसीने से देश के अन्न की जरूरत को पूरा करता है, ऐसे में केन्द्र सरकार को पंजाब के किसानों की और मदद करनी चाहिए न कि विधेयक के बहाने यहां के किसानों को कमजोर करना चाहिए। विधेयक में सुधार करने की जरूरत

गुरमीत सिंह गोलेवाला वरिष्ठ उप प्रधान प्रदेश भारतीय किसान यूनियन कादिया ने कहा केन्द्र सरकार से उक्त विधेयक पर किसानों की राय नहीं ली, विधेयक में कुछ सुधार करने की जरूरत है, बिना सुधार के यह विधेयक पंजाब के किसानों के लिए हर हाल में नुकसानदायक है। इस विधेयक को पंजाब में लागू नहीं करने दिया जाएगा। पंजाब के सभी किसान संगठन विधेयक के विरोध में है, इस विधेयक के लागू से से किसान, आढ़तियों, लेबर व अन्य सभी का नुकसान है। वह लोग इसका विरोध हर हाल में करेंगे।

किसान कभी भी विधेयक का समर्थन नहीं करेंगे

चरणजीत सिंह सुक्खनवाला ब्लॉक प्रधान भारतीय किसान यूनियन सिद्धुपुर ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पारित किए गए किसान विधेयक का वह कभी समर्थन नहीं करेंगे। विधेयक के बारे में भले ही कहा जा रहा है कि यह किसानों के हित में है, परंतु यह किसानों के हित न होकर उनके लिए नुकसानदायक है, क्योंकि विधेयक में इसका कहीं उल्लेख नहीं है कि किसानों को यदि फसल का कम भाव मिलेगा तो उसकी भरपाई कैसे होगी, केन्द्र सरकार को उक्त विधेयक में सुधार करना चाहिए।

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