जीरकपुर निकाय चुनावः अकाली, आप और भाजपा के पार्टी निशान पर चुनाव लड़ने से कांग्रेस को नुकसान

जीरकपुर नगर काउंसिल चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस सहित शिरोमणि अकाली दल भाजपा और आम आदमी पार्टी ने भी पार्टी चुनाव चिन्ह पर लड़ने का एलान कर दिया है लेकिन इससे कांग्रेस को नुकसान होने की संभावना है।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Mon, 11 Jan 2021 04:56 PM (IST) Updated:Mon, 11 Jan 2021 04:56 PM (IST)
जीरकपुर निकाय चुनावः अकाली, आप और भाजपा के पार्टी निशान पर चुनाव लड़ने से कांग्रेस को नुकसान
जीरकुर नगर काउंसिंल चुनाव में सभी दलों ने अपने पार्टी चुनाव निशान पर चुनाव लड़ने का एलान िकया है।

जीरकपुर, जेएनएन। पंजाब चुनाव कमीशन की नोटीफकेशन मुताबिक नगर निकाय चुनाव फरवरी में होने की संभावना है। इसके चलते सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने नगर काउंसिल जीरकपुर पर काबिज़ होने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। जबकि शिरोमणी अकाली दल लगातार 15 साल से नगर काउंसिल पर काबिज रही है। कांग्रेस में धड़ेबंदी होने के कारण आम आदमी पार्टी और भाजपा के उम्मीदवार इस बार भी दांव लगाने की फिराक में हैं।

जीरकपुर नगर काउंसिल की बात करें तो पिछले 15 साल से शिरोमणी अकाली दल बादल और भाजपा गठबंधन का कब्जा रहा है। 2015 नगर काउंसिल चुनाव में विधायक एनके शर्मा का नेतृत्व में ज्यादातर वार्डों में बिना चुनाव के ही सर्वसम्मति से ही 17 उम्मीदवार जीते थे। लेकिन इस बार अकाली दल और भाजपा गठबंधन टूट चुका है। इस कारण भाजपा 31 के 31 वार्डों में अपने उम्मीदवारों को चुनाव लड़वाने के लिए तैयार कर रही है। 

नगर काउंसिल चुनाव में मौजूदा सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस सहित शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और आम आदमी पार्टी ने भी पार्टी चुनाव चिन्ह पर लड़ने का एलान कर दिया है। इस कारण सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी को नुकसान होता स्पष्ट दिखाई दे रहा है, जोकि शिरोमणि अकाली दल के लिए लाभप्रद होगा।

वहीं दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन ने अकाली दल से अलग हो पहली बार खुद के बलबूते चुनाव लड़ रही भाजपा के लिए परिस्थितियां विपरीत करके रख दी हैं। वहीं भाजपा को अपने चुनाव निशान पर चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे। जिक्रयोग है कि कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने एलान कर दिया कि म्युनिसिपल चुनाव पार्टी चुनाव निशान पर लड़ी जाएंगी, जबकि आम आदमी पार्टी और भाजपा की तरफ से भी पार्टी चुनाव निशान पर चुनाव लड़ने पर कयासबाजी लगाई जा रही हैं।

सूत्रों अनुसार काउंसिल चुनाव लड़ने वाले संभावित उम्मीदवार जिन्हें पार्टी जिम्मेदारी दे रही है और भाजपा के चुनाव निशान पर चुनाव लड़वाने की सोच रही है वे भाग रहे हैं, जिससे यह लगता है काउंसिल चुनाव आज़ाद तौर पर ग्रुप बना लड़ी जा सकती हैं। इस मौके पर विधायक एनके शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी ने नगर काउंसिल चुनाव के लिए रणनीति बनाने के लिए बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है, जिससे राज्य की सत्ताधारी पार्टी को राजनैतिक तौर पर झटका दिया जा सके। चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के यूथ विंग और स्त्री विंग और अन्य विंग्स के विस्तार को जल्दी पूरा करने के लिए सलाह परामर्श किया जा रहा है।

एनके शर्मा ने कहा कि अब लोग झूठ बोल कर सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी से दुखी हैं। क्योंकि सरकार ने शहर का विकास करने की बजाए शहर का विनाश किया है। उन्होंने कहा कि अब समय है अकाली वर्करों को अपने वार्ड में अकाली दल की हिमायत में अब से ही डट जाना चाहिए।

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