रिश्तेदार भी रक्त देने से मना कर गए तो मुंजाल आए आगे

होल ब्लड डोनेशन में हैं मुंजाल का रिकॉर्ड अब तक कर चुके हैं 146 बार रक्तदान।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 May 2020 07:50 PM (IST) Updated:Tue, 12 May 2020 07:50 PM (IST)
रिश्तेदार भी रक्त देने से मना कर गए तो मुंजाल आए आगे
रिश्तेदार भी रक्त देने से मना कर गए तो मुंजाल आए आगे

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : अश्वनी मुंजाल रेगुलर ब्लड डोनर्स में एक ऐसा नाम हैं जिन्होंने 146 बार हर तीन माह बाद रक्तदान करके एक मिसाल कायम की है। मुंजाल के अनुसार होल ब्लड डोनेशन में उनकी 58 साल की आयु तक में अभी तक किसी की भी इतनी संख्या नहीं है। अश्वनी मुंजाल खुद रक्तदान के साथ-साथ लोगों को इसके लिए जागरूक करते हैं। कई संस्थाएं उन्हें रक्तदान शिविर में अवेयर करने के लिए भी बुलाती हैं। मुंजाल पीजीआइ में कार्यरत हैं और यहां की इंप्लाइज यूनियन (नॉन फैकल्टी) के अध्यक्ष भी हैं। 40 साल पहले किया था रक्तदान

मुंजाल ने पहली बार साल 1980 में करनाल अस्पताल में उस समय रक्तदान किया जब एक जरूरतमंद मरीज को रक्त की जरूरत थी। लेकिन मरीज के रिश्तेदार भी रक्तदान करने से पीछे हट गए थे, उस समय मुंजाल यहां के ब्लड बैंक में ही प्रशिक्षण ले रहे थे। उसके बाद मुंजाल 1983 में हर तीन माह बाद रक्तदान करने लग गए। अभी तक सैकड़ों लोग उनसे प्रेरित होकर रेगुलर ब्लड डोनर बन गए हैं। उनकी यूनियन में भी कई कर्मचारी रेगुलर ब्लड डोनर बने हैं। आपदा की स्थिति में मांगी मदद

इस आपदा की स्थिति में भी पीजीआइ के ब्लड बैंक ने मुंजाल से लोगों को प्रेरित करके रक्तदान करने के लिए मदद मांगी है। मुंजाल से प्रभावित होकर उनके छोटे बेटे चेतन भी ब्लड डोनर बन गए हैं। मुंजाल का कहना है कि इस समय लोग शारीरिक दूरी बनाकर पीजीआइ में आकर रक्तदान कर सकते हैं। अश्वनी मुंजाल को पंजाब के गवर्नर भी सम्मानित कर चुके हैं। अश्वनी मुंजाल कई सामाजिक संस्थाओं के साथ भी जुड़े हुए हैं। पीजीआइ में वह गरीब और जरूरतमंद मरीजों की भी मदद करते हैं। अश्वनी मुंजाल इस नेक कार्य से जुड़ने के लिए हर किसी को प्रेरित करते हैं। रक्तदान में वह युवाओं पर विशेष फोकस करते हैं। मुंजाल का कहना है कि रक्तदान करके जो खुशी होती है, वह किसी और काम से नहीं होती।

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