अंतरिक्ष परी कल्पना के बाद छाईं चंडीगढ़ की वंदना, मंगल तक दुनिया की छलांग में अहम योगदान

अंतरिक्ष परी कल्‍पना चावला के बाद चंडीगढ़ की एक और बेटी नासा में छा गई हैं। चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कालेज की छात्रा रहीं वंदना शर्मा ने दुनिया की मंगल ग्रह तक की छलांग में अहम योगदान दिया है। उनका नासा के मार्स-2020 मिशन में अहम योगदान रहा है।

By Sunil kumar jhaEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 08:13 AM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 08:13 AM (IST)
अंतरिक्ष परी कल्पना के बाद छाईं चंडीगढ़ की वंदना, मंगल तक दुनिया की छलांग में अहम योगदान
कल्‍पना चावला और वंदना शर्मा की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, [डाॅ. सुमित सिंह श्योराण]। अंतरिक्ष परी कल्‍पना चावला के बााद नासा और अंतरिक्ष में चंडीगढ़ की एक और बेटी छा गई हैं। अंतरिक्ष मिशन में देश का नाम रोशन करने वाली कल्पना चावला के बाद अब पंजाब इंजीनियरिंग काॅलेज (पेक) की दूसरी स्टूडेंट वंदना शर्मा ने कमाल कर दिखाया है। इस तरह पेक के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। पेक की स्टूडेंट रही डाॅ. वंदना वर्मा (वैंडी) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के सफलतापूर्वक लांच किए गए मार्स-2020 मिशन टीम का अहम हिस्सा रही हैं।

नासा के मिशन मार्स -2020 का बनी अहम हिस्सा

शुक्रवार को नासा ने मार्स-2020 मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया।  वंदना पेक के 1994 इलेक्ट्रिकल ब्रांच की स्टूडेंट रही हैं। बीटेक के बाद वंदना अमेरिका में हायर स्टडी के लिए चली गईं और फिर नासा से जुड़ गईं। रोबोटिक साईंस की एक्सपर्ट वंदना को नासा के सहित सम्‍मान सहित कई बड़े पुरस्कार मिले हैं। वंदना की इस उपलब्धि पर पेक डायरेक्टर प्रो.धीरज सांघी और उनके शिक्षक काफी खुश हैं। पेक एलुमनी वंदना का 'परसिवरेंस मार्स रोवर' के साॅफ्टवेयर तैयार करने में अहम योगदान रहा है। पेक दिनों में वंदना  का निक नेम वैंडी रहा है।  

वंदना शर्मा और अर्चना शर्मा की फाइल फोटो।

छोटी बहन प्रो. अर्चना बोलीं- दीदी पर नाज है

डाॅ.वंदना वर्मा की छोटी बहन प्रो.अर्चना चंडीगढ़ में ही रहती हैं। प्रो.अर्चना सेक्टर-32 स्थित एसडी काॅलेज में अंग्रेजी विभाग में प्रोफेसर हैं। अर्चना के पति वीपी सिंह पंजाब सरकार में प्रिंसिपल सेक्रेटरी पद पर कार्यरत्त हैं।  जागरण से विशेष बातचीत में अर्चना ने बताया कि वंदना का बचपन से ही अंतरिक्ष साइंटिस्ट बनने का सपना था। बड़ी बहन होने के कारण वह मुझे मोटिवेट करती थीं। पेक से डिग्री के बाद वंदना को हायर स्टडी के लिए अमेरिका की फुल स्काॅलरशिप मिल गई।

अर्चना ने बताया, पीएचडी करते हुए समर ट्रेनिंग में ही वंदना को अंतरिक्ष की सबसे बड़ी एजेंसी नासा से जुड़ने का मौका मिला और उन्‍होंने अपने सपने को पूरा कर लिया। पिछले साल ही वंदना से अमेरिका में नासा के रिसर्च सेंटर पर मिलने गई थी। वंदना चीफ इंजीनियर के तौर पर नासा से जुड़ी हैं। पेक में वंदना के सीनियर और पारिवारिक सदस्य रहे संदीप सूरी बताते हैं कि वंदना पेक के दिनों में आलराउंडर स्टूेडंट रही हैं। ड्रामेटिक क्लब में दोनों नेे एक साथ काम किया है।  वंदना हमेशा ही टाॅपर रही हैं।

वंदना के पिता वीके वर्मा रहे हैं 1971 की लड़ाई के हीरो

वंदना के पिता वीके वर्मा इंडियन एयरफोर्स में मिग-21 के पायलट रहे हैं। वह 2002 में एयर मार्शल के तौर पर रिटायर हुए। 1971 की लड़ाई में वीके वर्मा को उनके उनकी बहादुरी के लिए वायु सेना मेडल से नवाजा गया। उन्होंने अमृतसर एयरबेस से दुश्मनों पर हमला किया। प्रो. अर्चना ने बताया कि पिता ने हमेशा ही दोनों बहनों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। वंदना के पास टू इंजन पायलट लाइसेंस भी है। वंदना वर्मा के टिवंस (दो बच्चे) हैं, जो अमेरिका में हैं।    

------

 '' वंदना वर्मा की अचीवमेंट बहुत खास है। मुझे यह जानकार खुशी है कि मार्स-2020 मिशन दल की सदस्य पेक की स्टूडेंट रही हैं। पेक की तरफ से वंदना को ढेरों बधाई। पेक वंदना को भविष्य में आमंत्रित कर उन्हें सम्मानित करेगा।  

                                                                                     - प्रोफेसर धीरज सांघी, डायरेक्टर पेक चंडीगढ़। 

यह भी पढ़ें:कांग्रेस में 'नई पारी' के लिए सिद्धू को माननी होंगी अमरिंदर की शर्तें, सियासी दोराहे पर पहुंचे 'गुरु'

यह भी पढ़ें: KMP Expressway के किनारे बसेंगे पांच नए शहर, हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने किया मास्टर प्लान पर मंथन


यह भी पढ़ें: देखें Video: रोहतक में महिला ने हाेशियारी से बचाई जान, ऊपर से गुजरी ट्रेन और खरोंच तक नहीं आई

हरियाणा की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

chat bot
आपका साथी