85 लाख के टैक्स डिफाल्टर हेड मास्टर्स सैलून का बैंक अकाउंट अटैच

अब डिपार्टमेंट अटैच किए गए बैंक अकाउंट से टैक्स रिकवर करेगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Nov 2019 08:01 PM (IST) Updated:Wed, 27 Nov 2019 08:01 PM (IST)
85 लाख के टैक्स डिफाल्टर हेड मास्टर्स सैलून का बैंक अकाउंट अटैच
85 लाख के टैक्स डिफाल्टर हेड मास्टर्स सैलून का बैंक अकाउंट अटैच

विशाल पाठक, चंडीगढ़

85 लाख रुपये के टैक्स डिफाल्टर सेक्टर-8 स्थित हेड मास्टर्स सैलून के खिलाफ बुधवार को प्रॉपर्टी अटैचमेंट की कार्रवाई की गई। इसके तहत यूटी एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने शहर के नामी सैलून हेड मास्टर्स का बैंक अकाउंट अटैच कर लिया है।

एइटीसी आरके चौधरी ने बताया कि सेक्टर-17 बी स्थित यूनियन बैंक आफ इंडिया के हेड मास्टर्स सैलून के बैंक अकाउंट को अटैच किया गया है। अब डिपार्टमेंट अटैच किए गए बैंक अकाउंट से टैक्स रिकवर करेगा। अगर बैंक अकाउंट अटैच करने के बाद भी टैक्स की पूरी रिकवरी नहीं होती है, तो हेड मास्टर्स सैलून की बिजनेस प्रॉपर्टी आदि अटैच की जाएगी।

सेक्टर-8 स्थित हेड मास्टर्स सैलून जिस एससीओ में खुला है। उस बिल्डिग के मालिक के साथ भी उनका विवाद चल रहा है। विवाद की वजह करीब एक करोड़ रुपये रेंट जमा न कराना है। हेड मास्टर्स ने सितंबर 2018 से नहीं भरा जीएसटीआर 3बी रिटर्न

एइटीसी चौधरी ने बताया कि सितंबर 2018 से हेड मास्टर्स सैलून ने जीएसटीआर 3 बी रिटर्न नहीं भरा है। जीएसटीआर 3-बी फार्म में ट्रेडर को खरीददारी और बिक्री का पूरा आंकड़ा पेश करना होता है, जिस पर ट्रेडर्स को टैक्स जमा कराना होता है। सेवाएं मुहैया कराने वाले ट्रेडर्स, कंपोजीशन डीलर, ऑनलाइन सप्लायर और डाटाबेस का काम करने वाले ट्रेडर्स को जीएसटीआर 3-बी रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है। टैक्स न जमा कराने के मामले में पेनल्टी भी देनी पड़ेगी

एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने प्रॉपर्टी अटैचमेंट के जरिए हेड मास्टर्स सैलून से टैक्स की रिकवरी शुरू कर दी है। टैक्स की रिकवरी पूरी होने के बाद सैलून पर पेनाल्टी प्रोसिडिग शुरू होगी। 18 प्रतिशत के हिसाब से टाइम पर रिटर्न न भरने, टैक्स न जमा कराने को लेकर पेनल्टी भी देनी पड़ेगी। डीसी मनदीप सिंह बराड़ ने शहर के चार सर्विस सेक्टर्स की कमाई का पूरा रिकॉर्ड खंगालने के आर्डर दिए हैं। इन चारों सर्विस सेक्टर से एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट को कितना टैक्स आ रहा है। इन सर्विस सेक्टर की मौजूदा स्थिति क्या है। इन सेक्टर्स में कितना टर्नओवर आ रहा है और कितना टैक्स जमा कराया जा रहा है। इन सबका रिकॉर्ड अब एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट खंगालेगी। इन सर्विस सेक्टर्स में शहर के सभी कोचिग इंस्टीट्यूट्स, होटल इंडस्ट्री, ब्यूटिक सेंटर और मैन पावर सप्लाई एजेंसी शामिल हैं। डीसी के आर्डर पर ही सैलून पर यह कार्रवाई की गई है।

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