गैंगस्टर्स के लिए सेफ जोन बना यह शहर, पुलिस को भी नहीं मिलती यहां छिपे होने की जानकारी

ट्राईसिटी गैंगस्टरों के छिपने का सेफ प्लेस बनती जा रही है। पिछले डेढ़ साल में कई गैंगस्टरों को या तो ट्राईसिटी से पकड़ा गया या फिर मार गिराया गया।

By Edited By: Publish:Fri, 08 Feb 2019 09:48 PM (IST) Updated:Sat, 09 Feb 2019 03:22 PM (IST)
गैंगस्टर्स के लिए सेफ जोन बना यह शहर, पुलिस को भी नहीं मिलती यहां छिपे होने की जानकारी
गैंगस्टर्स के लिए सेफ जोन बना यह शहर, पुलिस को भी नहीं मिलती यहां छिपे होने की जानकारी

मोहाली, [संदीप कुमार]। ट्राईसिटी गैंगस्टरों के छिपने का सेफ प्लेस बनती जा रही है। पिछले डेढ़ साल में कई गैंगस्टरों को या तो ट्राईसिटी से पकड़ा गया या फिर मार गिराया गया। गैंगस्टरों के इनपुट को लेकर भी दो राज्यों व चंडीगढ़ पुलिस का इंटेलिजेंस विंग फेल साबित रहा है। पंजाब का नामी गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह उर्फ ढाहा दो राज्यों की राजधानी चंडीगढ़ में कई महीनों तक सेक्टर-38 में छिपा रहा। लेकिन चंडीगढ़ पुलिस को भी इसकी भनक नहीं लगी। ढाहा को एनकाउंटर के बाद धरा गया और इसके बाद कोऑर्डिनेशन के नाम पर कमेटी का गठन भी किया गया। ताकि बदमाशों की इंफोर्मेशन आदान-प्रदान की जा सके। कमेटी की दस माह में करीब एक बैठक हुई।

ध्यान रहे कि करीब एक दशक पहले चंडीगढ़ के चर्चित खुशप्रीत मर्डर केस के बाद पहली कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाई गई थी। इसके बाद कई वारदात हुई। हर बार कोऑर्डिनेशन की बात कही गई, लेकिन बदमाश हाथ नहीं आए। चंडीगढ़ से अब तक पकड़े गए गैंगस्टर पंजाब पुलिस की ओर से पकड़े गए नामी गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह ढाहा के अलावा बलजीत सिंह चौधरी, हरजोत सिंह चीमा उर्फ हैरी चड्डा का चंडीगढ़ में आना-जाना लगातार रहा था। चौधरी के सेक्टर-63 स्थित एक फ्लैट में रहने की जानकारी पुलिस को एक युवती ने दी थी। युवती ने उस पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। चौधरी अभी पुलिस को वाछित है। हरजोत सिंह की गत दिनों ही मौत हुई है। वह चंडीगढ़ में एक युवती के साथ होटल में था। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उसने तीसरी मंजिल से छलाग लगा दी। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

पंचकूला भी नहीं अछूता

पंचकूला भी गैंगवार से अछूता नहीं है। पंचकूला में अब तक हुई गैंगवार में गैंगस्टर अमित शर्मा, गैंगस्टर भूपेश राणा, विक्रम उर्फ विक्की कैमी की मौत हो चुकी है। वहीं, लॉरेस बिश्नोई गैंग का शार्प शूटर पंचकूला के अस्पताल से दीपक उर्फ टीनू को छुड़वाकर ले गया था। मोहाली में भी कई छोटी-बड़ी गैंगवार की वारदात हो चुकी हैं। 

किरायेदारों की जानकारी न देने वालों के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान

मोहाली के एसएसपी कुलदीप सिंह चहल का कहना है कि बीते वर्ष अकेले जीरकपुर में मकान मालिकों की ओर से किरायेदारों की जानकारी न देने पर 50 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे। पूरे जिले में यह आकड़ा 170 के करीब है। किरायेदारों की जानकारी न देने वालों के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है। इसको लेकर विभाग की ओर से ओर सख्ती की जाएगी। जहा तक कोऑर्डिनेशन की बात है, जब भी पंचकूला या चंडीगढ़ में कोई बैठक होती है। मोहाली पुलिस वहा पहुंची है।

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