सुखबीर की पार्टी का वार- पंजाब में वित्‍तीय इमरजेंसी जरूरी, जानें मनप्रीत ने कैसे किया पलटवार

पंजाब की राजनीति में एक बार फिर भाइयों के बीच सियासी जंग आमने आई है। सुखबीर बादल की पार्टी शिअद ने वित्‍तमंत्री मनप्रीत बादल पर निशाना साधा। इस पर मनप्रीत ने भी पलटवार किया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 06 Jul 2019 12:11 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jul 2019 12:11 PM (IST)
सुखबीर की पार्टी का वार- पंजाब में वित्‍तीय इमरजेंसी जरूरी, जानें मनप्रीत ने कैसे किया पलटवार
सुखबीर की पार्टी का वार- पंजाब में वित्‍तीय इमरजेंसी जरूरी, जानें मनप्रीत ने कैसे किया पलटवार

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब की राजनीति में दो भाइयों की जंग एक बार सामने आई है। पंजाब में वित्तीय स्थिति को लेकर सुखबीर सिंह बादल की पार्टी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल आमने-सामने आ गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा आम बजट पेश करने के बाद शिअद और मनप्रीत बादल में जुबानी जंग छिड़ गई। शिअद ने मनप्रीत बादल पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब को वित्‍तीय इमरजेंसी ही बचा सकती है। इस पर मनप्रीत ने भी तुरंत पलटवार किया। उन्‍होंने कहा कि साल में 250 दिन ओवरड्राफ्ट से सरकार चलानेवाले हमें सीख न दें। पंजाब की वित्तीय स्थिति ठीक है। पंजाब एक दिन भी ओवरड्राफ्ट नहीं हुआ है।

वित्तीय हालत पर शिअद ने कहा-वित्‍तीय इमरजेंसी से ही बच सकता है पंजाब

अकाली दल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेशइंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने राज्य के वित्तीय प्रबंध को तहस नहस करके पंजाब को आपदा के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। ग्रेवाल ने कहा कि गंभीर वित्तीय संकट में फंसे पंजाब को सिर्फ वित्तीय इमरजेंसी ही बाहर निकाल सकेगी। जैसे ही पंजाब की आर्थिक स्थिति सुधर जाती है, वैसे ही इमरजेंसी स्वत: खत्म हो जाएगी।

मनप्रीत का जवाब, साल में 250 दिन तक ओवरड्राफ्ट से सरकार चलानेवाले हमें न सीख दें

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को समझना चाहिए कि यह बात राज्य के हित में होगी। सरकार की महत्वपूर्ण बहुप्रचारित सेहत बीमा योजना फंड की कमी के कारण 1 जुलाई से लागू नहीं की जा सकी। पिछले साल कांग्रेस सरकार ने केंद्र सरकार की सेहत बीमा योजना आयुष्मान भारत को लागू करने की जगह अपने व्यापक आधार वाली योजना लागू करने का निर्णय लिया था, लेकिन अब अपनी इस योजना को भी लागू न करके सरकार ने न सिर्फ लोगों को ठगा है, बल्कि उन्हें सेहत सुविधाओं से वंचित भी किया है। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड को अभी तक इसका 201 करोड़ रुपये का बकाया नहीं मिला है। यह बकाया बोर्ड की ओर से अनुसुचित जातियों व पिछड़े वर्ग के बच्चों को मुफ्त बांटी स्कूली पाठ्य पुस्तकों का है।

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डीए तक जारी नहीं हुआ

ग्रेवाल ने कहा कि पंजाब सरकार ने इस साल पीएसपीसीएल को 2300 करोड़ रुपये की सब्सिडी भी जारी नहीं की है, जिसके कारण कारपोरेशन के पास कोयले की खरीद का बकाया चुकाने व रोजमर्रा की जरूरत के लिए बिजली खरीदने के लिए कोई पैसा नही बचा है। पूरे राज्य की वित्तीय हालत निराशाजनक है। कांग्रेस सरकार ने जब से सत्ता संभाली है, इसने कर्मचारियों की डीए की किस्त कभी जारी नहीं की है।

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एक बार भी ओवरड्राफ्ट नहीं : मनप्रीत

इसके बाद वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने शिअद पर पलटवार किया। उन्‍होंने कहा कि अपने शासनकाल में साल में 250 दिन ओवरड्राफ्ट से सरकार चलाने वाली पार्टी हमें कोई सीख न दे। पंजाब की आर्थिक दशा ठीक है। उन्‍होंने कहा कि पूर्व में प्रत्येक  माह जीएसटी कंपोनेंट का हिस्सा राज्य को आ जाता था। इसे अब दो माह कर दिया गया। अभी तक जीएसटी कंपोनेंट का पैसा नहीं आया है। इसके बावजूद पंजाब एक बार भी ओवरड्राफ्ट नहीं हुआ है। इससे ही पता चलता है कि राज्य की वित्तीय स्थिति ठीक है।

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