चंडीगढ़ पंजाब यूनिवर्सिटी में हाॅस्टल खाली करने को तैयार नहीं स्टूडेंट्स, विरोध प्रदर्शन जारी

चंडीगढ़ में पीयू प्रशासन का कहना है कि यूटी प्रशासन के निर्देशों के तहत स्टूडेंट्स की सुरक्षा को देखते हुए हाॅस्टल खाली कराने का निर्णय लिया गया है। हाॅस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स ने कहा कि पीयू प्रशासन इस तरह से नोटिस जारी कर हाॅस्टल से बाहर नहीं निकाल सकता।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 01:58 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 01:58 PM (IST)
चंडीगढ़ पंजाब यूनिवर्सिटी में हाॅस्टल खाली करने को तैयार नहीं स्टूडेंट्स, विरोध प्रदर्शन जारी
पीयू प्रशासनिक ब्लॉक के सामने विरोध प्रदर्शन करते स्टूडेंट्स।

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस के हाॅस्टल से स्टूडेंट्स को निकालने के फरमान को लेकर छात्र संगठन और पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। पीयू निर्देशों के तहत 12 मई तक स्टूडेंट्स को हाॅस्टल खाली करना होगा। सूत्रों के अनुसार 150 के करीब स्टूडेंट्स ने हाॅस्टल खाली कर दिया है। लेकिन 600 के करीब स्टूडेंट्स अभी भी हाॅस्टल में जुटे हुए हैं। पीयू प्रशासन का कहना है कि यूटी प्रशासन के निर्देशों के तहत स्टूडेंट्स की सुरक्षा को देखते हुए हाॅस्टल खाली कराने का निर्णय लिया गया है। उधर हाॅस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स का कहना है कि पीयू प्रशासन इस तरह से स्टूडेंट्स को नोटिस जारी कर हाॅस्टल से बाहर नहीं निकाल सकता। इस समय पीयू हाॅस्टल में अधिकतर रिसर्च स्काॅलर हैं। उनका कहना है कि बीते डेढ़ साल से उनका रिसर्च का काम लंबित पड़ा है।

कई रिसर्च स्काॅलर तो समय पर पीएचडी और एमफिल की थिसिस भी जमा नहीं करा सके और उन्हें एक्सटेंशन लेने के लिए पीयू प्रशासन के पास आवेदन किया है। रिसर्च स्काॅलर का आरोप है कि पीयू प्रशासन स्टूडेंट्स के गाइड पर स्टूडेंट्स को हाॅस्टल खाली करने के लिए दबाव बना रहे हैं। पीयू कैंपस में बीते दिनों में 305 लड़के और करीब 450 के करीब लड़कियां विभिन्न हाॅस्टल में रह रही हैं। दो महीने पहले ही पीयू प्रशासन ने रिसर्च स्काॅलर और साइंस संकाय में फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को पीयू लैब और हाॅस्टल में रहने की अनुमति दी थी। लेकिन पीयू अधिकारी अब कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बाद स्टूडेंट्स को हाॅस्टल खाली कर घरों को जाने के लिए कह रहे हैं।

मंगलवार एसएफएस छात्र संगठन के नेताओं और समर्थकों ने पीयू प्रशासन के फैसले के खिलाफ पीयू प्रशासनिक ब्लाॅक और फिर पीयू कुलपति दफ्तर के सामने काफी देर नारेबाजी की। स्टूडेंट्स का आरोप है कि उनकी बात सुनने के लिए अधिकारी भी नहीं आ रहे। उधर पीयू प्रशासन ने इंटरनेशनल हाॅस्टल को आर्मी स्पेशल कोविड हाॅस्पिटल बनाने के लिए सौंप दिया है। पीयूगर्ल्स हाॅस्टल नंबर 10 को भी खाली करवाकर आर्मी जवानों के रहने के लिए रिजर्व कर दिया है। मामले में एबीवीपी छात्र संगठन ने भी रिसर्च स्काॅलर के हक में आवाज उठानी शुरु कर दी है। एबीवीपी छात्र नेताओं का कहना है कि अगर हाॅस्टलर पीयू में रहकर पढ़ाई करना चाहते हैं तो उन्हें इसकी इजाजत मिलनी चाहिए। इस मुद्दे को लेकर कुलपति, रजिस्ट्रार और डीएसडब्ल्यू को ज्ञापन दिया जा चुका है।

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

chat bot
आपका साथी