विज्ञान ने की तरक्की लेकिन इंसानी दिमाग ने नहीं

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : विज्ञान ने बहुत तरक्की की है। विज्ञान की तरक्की के कारण समाज मे

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Dec 2018 10:38 PM (IST) Updated:Wed, 12 Dec 2018 10:38 PM (IST)
विज्ञान ने की तरक्की लेकिन इंसानी दिमाग ने नहीं
विज्ञान ने की तरक्की लेकिन इंसानी दिमाग ने नहीं

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : विज्ञान ने बहुत तरक्की की है। विज्ञान की तरक्की के कारण समाज में बहुत बदलाव आ गया है, लेकिन उसके बाद भी दिमाग की सोच इतनी छोटी और संकीर्ण है कि उसे देखकर कई बार खुद पर शर्म आती है। इसको दिखाने के लिए पंजाब कला भवन सेक्टर-16 में नाटक मरिया फरार को पेश किया गया। नाटक को रास कला मंच सफीदों, जींद की तरफ से पेश किया गया। जिसमें दिखाया गया कि आज दुष्कर्म जैसे गलत कारनामों पर भी समाज खुद के आंख-कान को बंद करके बैठा है। नाटक का आरंभ 16 साल की अनाथ मरिया से होता है। जो कि एक शराबखाने में काम करती है। शराबखाने की मालकिन उससे अच्छा व्यवहार नहीं करती है। एक बार मालकिन किसी काम से बाहर गई होती है, उसी समय मरिया वहां पर आए हुए लोगों को शराब परोस रही होती है। उसी समय तीन लोग उसके साथ दुष्कर्म करते हैं, जिसके कारण वह गर्भवती हो जाती है। मरिया मालकिन से डर के कारण कुछ नहीं बोल पाती है। कुछ दिनों के बाद मालकिन उसे किसी अधेड़ उम्र के व्यक्ति के पास शराब देने के लिए भेज देती है, जहां पर वह एक बाद फिर से दुष्कर्म का शिकार होती है, लेकिन मरिया कुछ भी बोल नहीं पाती। एक समय आता है जब वह बच्चे को जन्म दे देती है, लेकिन बच्चे की बात उसकी मालकिन को पता नहीं चले, इसके लिए वह खुद के बच्चे को पीटकर ही जान से मार देती है। पुलिस की गोली से दम तोड़ देती है पीड़िता

पुलिस उसे पकड़ने के लिए आती है, जिस पर वह पागलों की तरह व्यवहार करती है। पुलिस के साथ हाथापाई में उसे गोली लग जाती है और वह मर जाती है। नाटक में दिखाने की कोशिश की गई है कि आज भी निर्भया जैसे कांड हमारी सोसायटी मे हो रहे हैं, लेकिन हम कुछ सकारात्मक करने के बजाय अनजान बनकर बैठे हुए हैं।

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