केंद्र की सुधार शर्तें मंजूर, आर्थिक संकट टालने को पंजाब हर साल लेगा 22 हजार करोड़ का कर्ज

पंजाब सरकार राज्‍य में आर्थिक संकट से बचने के लिए केंद्र सरकार से हर साल 22 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेगी। पंजाब सरकार ने इस संबंध मेें केंद्र के सुधार शर्तों को मंजूर कर लिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 06 Aug 2020 09:41 AM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 09:41 AM (IST)
केंद्र की सुधार शर्तें मंजूर, आर्थिक संकट टालने को पंजाब हर साल लेगा 22 हजार करोड़ का कर्ज
केंद्र की सुधार शर्तें मंजूर, आर्थिक संकट टालने को पंजाब हर साल लेगा 22 हजार करोड़ का कर्ज

चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना संकट के बाद बिगड़े आर्थिक हालात सुधारने के लिए पंजाब सरकार इस साल 22,000 करोड़ रुपये शुद्ध कर्ज लेगी। यह कर्ज राशि चालू वित्त साल के लिए फरवरी में पास किए गए बजट में दिखाए गए कर्ज से 6500 करोड़ रुपए ज्यादा है। कोरोना के कारण आर्थिकता में आए ठहराव को दूर करने के लिए सभी राज्यों ने कर्ज की सीमा को कुल सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का पांच फीसदी करने की मांग की गई थी। इसे केंद्र ने सुधार की कुछ शर्तों सहित मंजूर कर लिया था।

कर्ज से टल जाएगा सरकार का मौजूदा आर्थिक संकट, लेकिन खजाने पर बढ़ेगा कर्ज का बोझ

पंजाब कैबिनेट द्वारा जीएसडीपी के दो फीसदी अतिरिक्त कर्ज लेने को मंजूरी देने से साफ है कि राज्य सरकार ने केंद्र की शर्तों को मान लिया है। इस फैसले के बाद राज्य सरकार इस साल 22,000 करोड़ रुपए का शुद्ध कर्ज लेगी। पिछले कर्ज का मूल चुकाना इससे अतिरिक्त होगा। कैबिनेट के इस फैसले से बेशक सरकार का मौजूदा आर्थिक संकट टल जाएगा। परंतु, इसके साथ ही खजाने पर कर्ज का बोझ और बढऩे से पंजाब बुरी तरह से कर्ज जाल में फंस चुका है।

उद्योगों के लाइसेंस, रजिस्टर मेंटेनेंस को ंिमलेगी डिजिटल मंजूरी

मंत्रिमंडल ने अन्य सुधारों को गति देने के लिए फैक्टरी एक्ट, 1948 और पंजाब फैक्टरी रूल्स, 1952 में संशोधन करते हुए राज्य में उद्योगों के लाइसेंस और रजिस्टर की मेंटेनेंस को डिजिटल मंजूरी दिए जाने की व्यवस्था को भी मंजूर कर लिया है। नए नियमों के तहत अगर लाइसेंस के विवरण में कोई बदलाव ना हो तो उसे एक वर्ष के लिए डिजिटली ही रिन्यूअल (नवीनीकरण) मिल जाएगा।

स्थानीय निकायों में विकास के लिए 1067 करोड़ रुपए मंजूर

पंजाब शहरी पर्यावरण सुधार कार्यक्रम के दूसरे चरण में 167 शहरी स्थानीय निकायों में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 1067 करोड़ रुपये जारी करने को भी मंजूरी दे दी है। पंजाब सरकार ने 2019-20 में शुरू  किए गए इस कार्यक्रम के पहले चरण में शहरी स्थानीय निकायों में सड़कों, नालियों, स्ट्रीट लाइट, कचरा प्रबंधन के लिए 298.75 करोड़ रुपए जारी किए थे।

केंद्र ने लगाई थीं उद्योग, किसानी व स्थानीय निकायों के सुधार की शर्तें

दो फीसदी अतिरिक्त कर्ज लेने के लिए केंद्र सरकार ने सुधार की शर्तें लगाई थीं। जिसमें एक राष्ट्र एक राशन कार्ड बनाने, उद्योगों के लिए सुगम रास्ता तैयार करने के हर सुधार के लिए 0.25 फीसदी, स्थानीय निकायों में सुधार लाने के लिए के लिए 0.50 फीसदी और बिजली विभाग की आमदनी व खर्च के गैप को कम करने के लिए 0.50 फीसदी कर्ज लेने की व्यवस्था की गई थी। बिजली विभाग को यह अतिरिक्त कर्ज के लिए किसी एक जिले में किसानों के खातों में सीधे सब्सिडी डालने की व्यवस्था करने को कहा गया था। बिजली और खेती विभाग ने संयुक्त रूप से बताया कि ऐसा किया जा चुका है।

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