पंजाब कैबिनेट का बड़ा फैसला, हरियाणा की तरह पदक विजेताओं को मिलेंगे करोड़ों रुपये

पंजाब कैबिनेट की बैठक में बुधवार को कई अहम निर्णय किए गए। कैबिनेट ने राज्‍य की नई खेल नीति को मंजूरी दे दी। इसके तहत पदक विजेता खिलाडि़यों काे हरियाणा की तरह राशि मिलेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 03 Oct 2018 05:17 PM (IST) Updated:Wed, 03 Oct 2018 08:42 PM (IST)
पंजाब कैबिनेट का बड़ा फैसला, हरियाणा की तरह पदक विजेताओं को मिलेंगे करोड़ों रुपये
पंजाब कैबिनेट का बड़ा फैसला, हरियाणा की तरह पदक विजेताओं को मिलेंगे करोड़ों रुपये

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने बुधवार को कई अहम फैसले किए गए। मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की अध्‍यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में युवाओं के बीच खेलों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख पहल की गई। कैबिनेट ने राज्‍य की नई खेल नीति को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। इसके तहत खेल कोटे के तहत खिलाडियों को सरकारी नौकरी के लिए अलग-अलग दिशानिर्देश जारी करने पर निर्णय लेने का अधिकार दिया गया। नई खेल नीति में पदक विजेता खिलाडियों को मिलने वाली इनामी राश्‍ाि भी बढ़ाई जाएगी। कहा गया कि इसे हरियाणा की तरह किया जाएगा।

स्‍वर्ण पदक विजेता को 2.50 करोड़, रजत विजेता 1.50 करोड़ और कास्‍यं पदक विजेता को एक करोड़ मिलेंगे

मंत्रिमंडल ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट और चैंपियनशिप में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए मौजूदा राशि नकद पुरस्कार बढ़ाने का भी फैसला किया। अब ओलंपिक व पैरा ओलंपिक खेलों में स्‍वर्ण पदक विजेताओं को 2.50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। रजत पदक विजेताओं के लिए एक करोड़ रुपये का मौजूदा नकद पुरस्कार बढ़ाकर 1.50 करोड़ रुपये कर दिया गया है। कांस्य पदक विजेताओं को मिलने वाली पांच लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दिया गया है।

रमसा और एसएसए के अध्यापकों को नियमित करने का फैसला

राज्‍य मेंंसर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के अध्यापकों को नियमित करने का फैसला किया गया। उनको बेसिक वेतन से पांच हजार रुपये अधिक मिलेंगे। इसके साथ ही बैठक में राज्‍य में अवैध कालोनियों को नियमित करने का एजेंडा भी पास कर दिया गया। मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री जन अारोग्य योजना (पीएमजेएवाई) को अमलीजामा पहनाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी।

पंजाब कैबिनेट की बैठक में भाग लेते मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह व मंत्रीगण।

अब सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) के आंकड़ों के अंतर्गत प्रस्तावित 14.96 लाख परिवारों की बजाय 42 लाख परिवार प्रधानमंत्री जन अारोग्य योजना के अधीन लाने का फैसला किया गया है। इससे कांग्रेस पार्टी की तरफ से चुनावी घोषणा पत्र में संपूर्ण स्वास्थ्य बीमा मुहैया बारे किया वादा भी पूरा होगा।

प्रधानमंत्री जन अारोग्य योजना को किया जाएगा लागू, 42 लाख परिवार होंगे कवर

उभरते खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए 'युवाओं को पकड़ने' की जरूरत को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य सरकार के सभी नौकरियों खिलाडियों के लिए तीन आरक्षण जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इनमें विभिन्‍न बोर्ड, निगम व सहकारी / वैधानिक निकाय शामिल हैं।

बैठक में दौरान मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया जो प्रधानमंत्री जन अारोग्य योजना  को अमल में लाने के लिए वित्तीय तौर-तरीकों पर काम करेगी।  इस स्कीम को 300 करोड़ रुपये की लागत से अमलीजामा पहनाया जाएगा। इसके लिए जरूरत पड़ने पर बाकी विभागों के बजट में कटौती की जाएगी।

पीएमजेएवाई के मुताबिक राज्य में एसईसीसी के 14.96 लाख परिवारों को स्वास्थ्य बीमा लाभ मुहैया करवाने का प्रस्ताव है, लेकिन कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार ने राज्य में कुल 61 लाख परिवारों में से 42 लाख परिवारों को पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर मुहैया करवाने के लिए स्कीम का घेरा बढ़ाने का फैसला किया।

इस स्कीम के तहत किसान परिवार, निर्माण श्रमिक और छोटे व्यापारियों के साथ-साथ अन्य गरीब परिवार (जो इस समय भगत पूरन सिंह स्वास्थ्य बीमा योजना अधीन हैं) शामिल होंगे। इस योजना के अधीन छह-सात लाख सरकारी कर्मचारी भी शामिल होंगे। 

मंत्रिमंडल ने पंजाब के लिए इस स्कीम का नाम फिर रखने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया। बता दें कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में संपूर्ण स्वास्थ्य बीमा मुहैया करवाने का वादा किया था। इस योजना के अंतर्गत एक परिवार का सालाना प्रीमियम 1082 रुपये होगा। इसको केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से 60:40 के अनुपात के मुताबिक वहन किया जाएगा। इससे राज्य सरकार को सालाना 65 करोड़ रुपये का ख़र्च उठाना होगा। इसके लिए वित्त विभाग ने पहले ही अपनी सहमति दे दी है।

अाठ हजार से अधिक शिक्षक होंगे नियमित

कैबिनेट ने सर्वशिक्षा अभियान के तहत काम कर रहे राज्य के करीब आठ हजार अध्यापकों को रेगुलर नियमित करने के फैसले पर मोहर लगा दी। इससे आदर्श और मॉडल स्कूलों समेत सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) अधीन भर्ती हुए 8886 अध्यापकों की सेवा नियमित होेगी। इन अध्यापकों को रेगुलर वेतन स्केल की प्राथमिक वेतन 10,300 के स्थान पर 15,000 रुपये वेतन मिलेगा। दिलचस्‍प बात है इनमें काफी शिक्षकों का वेतन अब 30 से 40 हजार रुपये तक था। लेकिन, सरकार के फैसले के अनुसार नियमित होने पर पहले तीन वर्ष मुलाजिम को प्राथमिक वेतन पर काम करना होता है। तीन साल की सफलतापूर्वक सेवा मुकमल होने के बाद इनकी सेवाओं को नियमों के अधीन विभाग में नियमित कर दिया जाएगा। 

नियमित किए जाने वालों में सर्व शिक्षा अभियान अधीन भर्ती 7356 अध्यापक, रमसा के 1194 अध्यापक, मॉडल स्कूलों के 220 और आदर्श स्कूलों के 116 अध्याप शामिल हैं।  कैबिनेट सब कमेटी ने यह सिफारिश भी की है कि इन अध्यापकों की वरिष्ठता को इनकी सर्विस में नियमित होने की तारीख़ से निर्धारित किया जाएगा। ऐसे अध्यापकों व मुलाजिमों को अपनी ऑप्शन देने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा।

'पंजाब घर -घर रोजगार और कारोबार मिशन' की स्थापना को मंज़ूरी

विधानसभा चुनाव में किए गए वायदे को पूरा करने के लिए कैबिनेट ने 'पंजाब घर -घर रोजगार और कारोबार मिशन' की स्थापना को भी मंज़ूरी दे दी। मुख्यमंत्री इस मिशन की गवर्निंग कौंसिल के चेयरमैन होंगे। मिशन को एक सोसाइटी के तौर पर रजिस्टर्ड करवाया जाएगा। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत या अन्‍य देशों में रोजगार की खोज करने वाले लोगों को सुविधा मुहैया करवाना है। घर-घर रोजगार योजना पंजाब सरकार की नई पहल है। इसके अनुसार युवाअों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे।

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