लखीमपुर खीरी जा रहे हरपाल चीमा, राघव चड्ढा सहित पंजाब AAP के नेता यूपी पुलिस की हिरासत में

लखीमपुर खीरी मृतक किसानों के परिवार वालों से मिलने जा रहे पंजाब आप के नेताओं को यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। लखीमपुर खीरी की घटना के बाद पंजाब में भी सियासत गरमाई हुई है और नेता वहां कूच कर रहे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 08:21 PM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 07:49 AM (IST)
लखीमपुर खीरी जा रहे हरपाल चीमा, राघव चड्ढा सहित पंजाब AAP के नेता यूपी पुलिस की हिरासत में
आप नेताओं को लेकर जाती यूपी पुलिस। फोटो एएनआइ

राज्य ब्यूरो/एएनआइ, चंडीगढ़। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद पंजाब में भी सियासत गरमाई हुई है। लखीमपुर खीरी जा रहे पंजाब आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं को उत्तर प्रदेश पुलिस-प्रशासन ने निघासन पुलिस नाके पर रोक लिया और हिरासत में ले लिया। आप के पंजाब सह प्रभारी राघव चड्ढा और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में गए इस दल में विधायक कुलतार सिंह संधवां, प्रो. बलजिंदर कौर और अमरजीत सिंह संंदोआ भी मौजूद हैं। इनमें से कुलतार सिंह संधवां को लखनऊ से निकलते ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।

आप के शिष्टमंडल ने सबसे पहले गांव बनवारीपुर में मृत किसान के घर जाना था, लेकिन उक्त गांव से करीब दस किमी. पहले ही निघासन थाना पुलिस द्वारा लगाए नाके पर शिष्टमंडल को रोक लिया गया। इस दौरान राघव चड्ढा सहित अन्य नेताओं की पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से तीखी नोकझोंक भी हुई। इसके बाद आप नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। राघव चड्ढा ने इसकी निंदा की। कहा कि भाजपा सरकार निरंकुशता दिखा रही है। 

A delegation of Aam Aadmi Party, Punjab has been at Thana Nidhasan in Lakhimpur Kheri district pic.twitter.com/yd9zEsYDwY

— ANI UP (@ANINewsUP) October 5, 2021

राघव चड्ढा ने कहा कि आप की पंजाब ईकाई मांग करती है कि आरोपितों जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। आप ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग भी की। कहा कि उनके पद पर रहते मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की जा सकती। उन्होंने कृषि कानूनों को रद करने व पीएम से भी मांग की कि वह घटना में मरे किसानों के परिवार वालों से मिलें। पंजाब के नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि देश का किसान लंबे समय से कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। इस आंदोलन में 700 से अधिक किसान शहादत दे चुके हैं, बावजूद इसके उनकी मांग नहीं मानी जा रही है। 

chat bot
आपका साथी