शहर छोड़कर गए स्टूडेंट्स के लिए खड़ी हो सकती है मुसीबत, दोबारा करनी होगी क्लास

नियमों के अनुसार जिन स्टूडेंट्स की रजिस्ट्रेशन हो चुकी है वे किसी और राज्य में 10वीं और 12वीं कक्षा में दाखिला नहीं ले सकते।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 12:58 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 12:59 PM (IST)
शहर छोड़कर गए स्टूडेंट्स के लिए खड़ी हो सकती है मुसीबत, दोबारा करनी होगी क्लास
शहर छोड़कर गए स्टूडेंट्स के लिए खड़ी हो सकती है मुसीबत, दोबारा करनी होगी क्लास

चंडीगढ, वैभव शर्मा। कोरोना के कारण लगाए लॉकडाउन में हजारों मजदूर अपने गृहराज्य लौट गए थे। इन मजदूरों के साथ शहर के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे भी ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेकर चले गए। लेकिन आने वाले समय में इन स्टूडेंट्स के लिए मुसीबत खड़ी होने वाली है। एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि उनके स्कूल से दस स्टूडेंट्स वापस गए हैं और सभी की कंपार्टमेंट आई हुई है।

शहर छोड़कर गए स्टूडेंट्स के नौवीं और 11वीं क्लास में रजिस्ट्रेशन स्कूलों में हो चुके हैं। नियमों के अनुसार जिन स्टूडेंट्स की रजिस्ट्रेशन हो चुकी है, वे किसी और राज्य में 10वीं और 12वीं कक्षा में दाखिला नहीं ले सकते।  ऐसे में इन स्टूडेंट्स को शहर आना ही पड़ेगा।

बोर्ड क्लास के स्टूडेंट्स को होगी ज्यादा परेशानी

सूत्रों के अनुसार नौवीं और 11वीं क्लास के स्टूडेंट्स से ज्यादा परेशानी 10वीं और 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स को उठानी पड़ सकती है। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि नौवीं और 11वीं क्लास की रजिस्ट्रेशन सितंबर माह से शुरू होगी। लेकिन 10वीं और 12वीं क्लास की रजिस्ट्रेशन उससे पहले शुरू हो जाती है।

दूसरे बोर्ड में जाने के लिए लेनी होगी परमिशन

नियमों के अनुसार कोई स्टूडेंट्स किसी बोर्ड से पढ़ाई कर रहा है और वह उसे छोड़कर किसी दूसरे बोर्ड में दाखिला लेना चाहता है तो उसे दोनों बोर्ड से परमिशन लेनी पड़ेगी। यह नियम 10वीं और 12वीं क्लास के रजिस्ट्रेशन वाले स्टूडेंट्स पर लागू होता है। दोनों बोर्ड से परमिशन के बाद ही उनका दाखिला संभव होगा।

दोबारा करनी होगी 9वीं और 11वीं क्लास या लौटना होगा वापस

जिन स्टूडेंट्स ने माइग्रेट किया है उन्हें 9वीं और 11वीं क्लास दोबारा करनी पड़ेगी या उन्हें पढ़ाई पूरी करने के लिए चंडीगढ़ में वापस लौटना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में आशंका है कि कुछ स्टूडेंट्स की इसी जद्दोजहद में पढ़ाई भी छूट जाएगी।

स्टूडेंट्स का भविष्य दांव पर लग गया है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए एमएचआरडी को नियमों में बदलाव करना चाहिए। सरकार या तो बच्चों को पास करे या नियम बनाए कि वे दूसरे राज्य से बोर्ड की परीक्षा दे सकें।

स्वर्ण सिंह कंबोज, प्रधान, यूटी कैडर एजुकेशनल इंप्लायज यूनियन

हमारी ओर से किसी भी स्टूडेंट्स को मनाही नहीं है। अगर वह दोबारा शहर आकर पढ़ाई शुरू करना चाहता है तो वह कर सकता है।

रूबिंदरजीत सिंह बराड़, डायरेक्टर एजुकेशन

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