टेस्ट, ट्रीट और टॉक से एनीमिया पर काबू पाने की तैयारी

खून की कमी दूर करने के लिए अब टी थ्री फार्मूले का प्रयोग किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Sep 2019 11:52 PM (IST) Updated:Tue, 17 Sep 2019 11:52 PM (IST)
टेस्ट, ट्रीट और टॉक से एनीमिया पर काबू पाने की तैयारी
टेस्ट, ट्रीट और टॉक से एनीमिया पर काबू पाने की तैयारी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ के लोगों में खून की कमी दूर करने के लिए अब टी थ्री फार्मूले का प्रयोग किया जाएगा। टी थ्री फार्मूला यानी टेस्ट, ट्रीट और टॉक के जरिये एनीमिया की जांच, इलाज और बचाव संबंधी जानकारी दी जाएगी। सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट की इस योजना की शुरुआत ग‌र्ल्स कॉलेज से होगी। सबसे पहले चंडीगढ़ की लड़कियों में एनीमिया का स्तर जांचा जाएगा। जांच के दौरान जिनमें खून की कमी मिलेगी, उनका लगातार फॉलोअप होगा। जांच और इलाज के साथ ही समय-समय पर उनके कॉलेज में हेल्थ टॉक आयोजित किए जाएंगे। डिपार्टमेंट ने इसके लिए हीमोग्लोबोनोमीटर की खरीद कर ली है। इससे आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ ही ग‌र्ल्स कॉलेजों में एनीमिया की जांच की जाएगी। चंडीगढ़ में एनीमिया दर कुछ यूं है

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 4 की रिपोर्ट के अनुसार चंडीगढ़ के लोगों में खून की कमी सबसे बड़ी समस्या है। रिपोर्ट में चंडीगढ़ के बच्चों, महिलाओं के साथ ही पुरुषों में भी खून की कमी है। ऐसी स्थिति में जागरूकता अभियान के जरिये ही लोगों को इसके प्रति सचेत किया जा सकता है। 6 से 59 माह के एनीमिया ग्रस्त बच्चे- 73.1 प्रतिशत

15 से 49 साल की एनीमिया ग्रस्त महिलाएं- 75.9 प्रतिशत

एनीमिया ग्रस्त पुरुष- 19.3 प्रतिशत एनीमिया क्या है, आप भी जान लें

शरीर में किसी भी कारण से आयरन की कमी होने से हीमोग्लोबिन का बनना सामान्य से कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में खून की कमी होने लगती है। खून में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी केकारण एनीमिया हो जाता है। हीमोग्लोबिन रक्त में ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है। ये हैं लक्षण

त्वचा का सफेद दिखना, जीभ, नाखूनों एवं पलकों के अंदर सफेदी, कमजोरी एवं बहुत अधिक थकावट, चक्कर आना, बेहोशी, सांस लेने में तकलीफ, हृदयगति का तेज होना, चेहरे एवं पैरों पर सूजन आना इसके मुख्य लक्षण हैं। चंडीगढ़ में एनीमिया को लेकर नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे रिपोर्ट के आंकड़े बेहद चिंताजनक है। इसलिए टी थ्री अभियान के माध्यम से इसपर काबू पाने का प्रयास किया जाएगा। इसकी शुरुआत ग‌र्ल्स कॉलेजों से की जाएगी।

- बीएल शर्मा, सेक्रेटरी सोशल वेलफे यर

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