शहर में पुलिस पूरी तरह अलर्ट, क्राइम कंट्रोल करने के लिए लोगों का सहयोग जरूरीः डीजीपी

मीटिंग में पानी के रेट को लेकर चर्चा हुई। लोगों ने कहा कि नगर निगम ने पानी के रेट तो बढ़ा दिए। लेकिन अब भी शहर के साउथ सेक्टर्स में पानी की सप्लाई की समस्या है।

By Vikas KumarEdited By: Publish:Sun, 12 Jan 2020 01:55 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jan 2020 08:46 AM (IST)
शहर में पुलिस पूरी तरह अलर्ट, क्राइम कंट्रोल करने के लिए लोगों का सहयोग जरूरीः डीजीपी
शहर में पुलिस पूरी तरह अलर्ट, क्राइम कंट्रोल करने के लिए लोगों का सहयोग जरूरीः डीजीपी

चंडीगढ़ [विशाल पाठक]। क्राफ्ड की एग्जीक्यूटिव मीटिंग रविवार को सेक्टर-15 स्थित कम्युनिटी सेंटर में हुई। चंडीगढ़ पुलिस के डीजीपी संजय बेनीवाल इस दौरान चीफ गेस्ट के तौर पर उपस्थित रहे। इस दौरान कम्युनिटी सेंटर में उपस्थित रेजिडेंट्स एसोसिएशन और क्राफ्ड के पदाधिकारियों ने डीजीपी के समक्ष शहर में लगातार बढ़ रही अापराधिक घटनाओं पर चिंता व्यक्त की।

इस पर डीजीपी संजय बेनीवाल ने कहा कि पुलिस पूरी तरह से अलर्ट हैं। लेकिन अपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए शहर के लोग भी अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। पुलिस के साथ कॉर्डिनेशन कर आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकता है। वहीं, शहर में बढ़ रहे ट्रैफिक की समस्या को कम करने के लिए लोगों ने मुद्दा उठाया। इस पर डीजीपी ने कहा कि प्रशासन अपने स्तर पर ट्रैफिक की समस्या को कम करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को बेहतर कर रहा है। ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर सकें।

लोगों ने कहा नगर निगम ने पानी के रेट तो बढ़ा दिए लेकिन समस्या नहीं सुलझी

क्राफ्ड की मीटिंग में नगर निगम द्वारा बढ़ाए गए पानी के रेट को लेकर चर्चा हुई। लोगों ने कहा कि नगर निगम ने पानी के रेट तो बढ़ा दिए। लेकिन अब भी शहर के साउथ सेक्टर्स में पानी की सप्लाई की समस्या है। लोगों ने कहा कि पानी के रेट बढ़ाने से पहले नगर निगम को पहले लोगों की पानी की सप्लाई को लेकर सम्सया दूर करनी चाहिए थी।

लोगों ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड और एस्टेट आफिस को कर देना चाहिए मर्ज

रेजिडेंट्स एसोसिएशन के तमाम पदाधिकारियों ने क्राफ्ड की एग्जीक्यूटिव मीटिंग में कहा कि हाउसिंग बोर्ड और एस्टेट आफिस को मर्ज कर दिया जाना चाहिए। रेजिडेंट्स ने कहा कि लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी प्रापर्टी से जुड़े मुद्दों पर आती है। प्रापर्टी की ट्रांसफरशिप, सेल और परचेज से जुड़ी कागजी औपचारिकताओं को पूरा करने में लोगों को सीएचबी और एस्टेट आफिस की धक्के खाने पड़ते हैं। ऐसे में हाउसिंग बोर्ड और एस्टेट आफिस दोनों अलग विभागों को मर्ज कर एक विभाग बना दिया जाना चाहिए। ताकि प्रापर्टी से जुड़ी लोगों की समस्या एक ही छत के नीचे हल हो सके।

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