दिवाली पर खतरनाक धुएं से सांस के मरीज रहें सावधान, कहीं आ न जाए अटैक, रखें इन बातों का ध्यान
विशेषज्ञों का कहना है कि फेस्टिवल सीजन पर खुद की सेहत से किसी प्रकार का समझौता नहीं करना चाहिए। क्योंकि उनकी चंद पल के मस्ती महीनों के लिए बेड पर ला सकती है।
चंडीगढ़, जेएनएन। फेस्टिव सीजन में खान-पान और रहन-सहन में लोग सेहत को नजरअंदाज करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा परेशानी होती है, क्रॉनिक बीमारियों जैसे हार्ट और अस्थमा के मरीजों को। बदलते मौसम में त्योहार की खुमारी के बीच वे दवाएं लेने में भी लापरवाही करने लगते हैं। जिससे अस्थमा और हार्ट के मरीजों में अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि फेस्टिवल सीजन का मजा बरकरार रखने के लिए उन्हें खुद की सेहत से किसी प्रकार का समझौता नहीं करना चाहिए। क्योंकि उनकी चंद पल के मस्ती उन्हें महीनों के लिए बेड पर ला सकती है। इसलिए ऐसे मौकों पर खासतौर से एहतियात बरतना जरूरी है। सेक्टर 16 स्थित गवर्नमेंट मल्टीस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल की डायटीशियन मनीषा ने फेस्टिवल सीजन के लिए कुछ टिप्स दी हैं, जोकि इस प्रकार हैंः-
गवर्नमेंट मल्टीस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल की डायटीशियन मनीषा।
अस्थमा और हार्ट पर असर पटाखों से निकलने वाली सल्फर डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी टॉक्सिक गैसों व लेड जैसे पार्टिकल्स की वजह से अस्थमा और दिल के मरीजों की दिक्कतें कई गुना बढ़ जाती हैं। टॉक्सिक गैसों व लेड जैसे पार्टिकल्स की वजह से एलर्जी या अस्थमा से पीड़ित लोगों की सांस की नली सिकुड़ जाती है और पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। ऐसी हालत में थोड़ी सी भी लापरवाही से हार्ट अटैक और अस्थमैटिक अटैक आ सकता है। - परेशानी से बचने के लिए अस्थमा व दिल के मरीज पटाखे जलाने से बचें। धुएं और पॉल्यूशन से बचने के लिए घर के अंदर रहें। सांस के साथ प्रदूषण अंदर जाने से रोकने के लिए मुंह पर गीला रुमाल रखें। अस्थमा के मरीज इनहेलर और दवाएं आदि नियमित रूप से लें।
खानपान में एहतियात जरूरी
कड़वी न हो जाए मिठास
मिलावटी मिठाइयों से हो सकती हैं ये परेशानियां
पेटदर्द, सिरदर्द, नींद न आना, मितली, शरीर में भारीपन, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का कंट्रोल से बाहर होना आदि।
यूं लें दिवाली की मिठास मिठाई के बजाय घर में बनी खीर, सेवइयां और कस्टर्ड आदि का इस्तेमाल करें। अगर डायबिटिक हैं तो इनमें मीठा न डालें। फ्रेश फ्रूट जूस का इस्तेमाल करें, पैक्ड जूस न लें। सेब, नाशपाती, पपीता, अमरूद और दूसरे रसीले ताजे फल खाएं और खिलाएं। खोये आदि के बजाय पेठे जैसी सूखी मिठाइयां इस्तेमाल करें। रोस्टेड काजू आदि की बजाय बादाम और अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट का इस्तेमाल करें। खाने में ज्यादा तली-भुनी चीजों के बजाय लाइट चीजें बनाएं। घिया या कच्चे पपीते से घर में बना सकते हैं मिठाई। अंजीर की बर्फी, खजूर, चौलाई की खीर,गुड़ का हलवा, भुना हुआ अनाज, चना-बाजरे के आटे की पूड़ी। -नींबू पानी, सब्जी का सूप या दही का प्रयोग करें।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें