Chandigarh की सुखना झील पर मेहमान परिंदों ने डेरा डाला, बर्ड क्लब के सेंसस में सामने आए आंकड़े
इस बार सेंसस टीम को अब तक सुखना झील में कुल 620 पक्षी मिले हैं। इसमें पानी पर निर्भर 33 अलग-अलग प्रजातियों के पक्षी शामिल थे। अन्य प्रजाति के कुल 86 पक्षी मिले।
चंडीगढ़, [बलवान करिवाल]। सुखना लेक पर मेहमान परिंदों ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। इस बार पिछले साल के मुकाबले सुखना लेक पर प्रवासी पक्षियों की संख्या बढ़ी है। चंडीगढ़ बर्ड क्लब के वाटर फाउल सेंसस एंड स्पीसिज काउंट में यह जानकारी सामने आई है। क्लब के वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर की टीम अलुसबह सुखना लेक और कैचमेंट एरिया में बर्ड्स ढूंढ़ने के लिए निकली।
टीम को पानी पर निर्भर रहने वाले कुल 620 पक्षी मिले। इसमें पानी पर निर्भर 33 अलग-अलग प्रजातियों के पक्षी शामिल थे। अन्य प्रजाति के कुल 86 पक्षी मिले। नवंबर 2018 में 417 पक्षी मिले थे। हालांकि दो वर्ष पहले इससे भी अधिक पक्षी सुखना लेक पर पहुंचे थे। वर्ष 2017 में सुखना लेक पर 717 परिंदे पहुंचे थे। इस बार जो प्रजातियां मिली हैं, उनमें ब्ल्यू थ्रोट, बारहेडेड गूज, व्हाइट वेजटेल, टफ्ड डक, रुडी शैलडक और कॉमन पोचार्ड शामिल हैं।
इस वर्ष सुखना झील पर पहुंचा एक प्रवासी पक्षी।
सर्दियों में चाइना से साइबेरिया तक के प्रवासी मेहमान पहुंचते हैं सुखना
सर्दियों में कई देशों में अत्यधिक ठंड पड़ने के बाद तापमान शून्य से नीचे जाने पर सभी झील झरने और तालाब जम जाते हैं। इस वजह से यह मेहमान परिंदे हजारों मील का सफर तय करके हर साल सुखना लेक पहुंचते हैं। हालांकि पिछले तीन सालों से सुखना लेक में पानी का जलस्तर अधिक रहा है। इस कारण प्रवासी पक्षियों का आगमन कम होता है। तीन साल पहले तक सुखना पर करीब 1500 पक्षी पहुंचते थे। अब संख्या 600 तक रह गई है। चीन का स्वन पक्षी भी कई साल पहले यहां देखा गया था।
वर्ष जल पक्षी पानी पर निर्भर प्रजाति अन्य प्रजाति
नवंबर 2017 717 41 91
नवंबर 2018 417 31 98
नवंबर 2019 620 33 86
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