Punjab Budget 2022-23: पंजाब में एनआरआइ सुधारेंगे ‘शिक्षा और सेहत’, भगवंत मान सरकार बनाएगी ट्रस्ट
Punjab Budget 2022-23 पंजाब का वर्ष 2022-23 का बजट पेश कर दिया गया है। बजट में शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र पर खास फोकस किया गया है। सरकार की योजना इस क्षेत्र में एनआरआइ की मदद लेगी। इसके लिए ट्रस्ट बनेगा।
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ‘शिक्षा और सेहत’ में सुधार के लिए विदेशों में बसे अप्रवासी भारतीयों की मदद लेगी। एनआरआइ का विश्वास जीतने के लिए पंजाब सरकार बकायदा पंजाब शिक्षा व सेहत फंड नामक ट्रस्ट भी बनाएगी, ताकि शिक्षा और सेहत के लिए दान देने में अप्रवासी भारतीय को कोई हिचक न हो।
वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने इस योजना का बजट में भी प्रावधान किया है। वित्तमंत्री का यह भी कहना है कि इस ट्रस्ट में दान देने वाले एनआरआइ को इस बात की पूरी जानकारी दी जाएगी कि उनके पैसे का कहां उपयोग किया गया।
बता दें, आम आदमी पार्टी का अप्रवासी पंजाबियों में भी बड़ा आधार रहा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में अप्रवासी भारतीय आप के समर्थन में पंजाब आए थे। हालांकि 2022 में अप्रवासी भारतीयों की संख्या कम देखने को मिली।
अप्रवासी पंजाबियों में अपने बड़े आधार को अब पंजाब सरकार ने राज्य के शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में उपयोग करने का फैसला किया है। वित्त मंत्री ने अपने बजट अभिभाषण में कहा 'आप' सरकार का मानना है कि हमारे एनआरआइ भाई-बहन राज्य के विकास में महत्वपूर्ण हितधारक हैं।
एनआरआइ समुदाय को विकासात्मक पहल में भाग लेने के लिए प्रेरित करने को हमारी सरकार शिक्षा व स्वास्थ्य में पूंजी निर्माण में सहायता के लिए जल्द ही पंजाब शिक्षा व सेहत फंड नामक ट्रस्ट बाएगी। वित्तमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इसमें आने वाले दान का हिसाब-किताब पारदर्शी तरीके से रखा जाएगा।
बकायदा एनआरआइ को इसकी जानकारी दी जाएगी कि उनके द्वारा दिए गए फंड का कहां प्रयोग किया गया। यह पहला मौका है जब पंजाब सरकार ने सीधे रूप से एक ट्रस्ट बनाकर अप्रवासी भारतीयों से दान प्राप्त करने का रास्ता खोला है। हालांकि अप्रवासी भारतीय पहले भी अपने गांव व स्कूल के विकास के लिए दान देते थे लेकिन इसमें सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं होती थी।
पंजाब सरकार ने राज्य में 117 मोहल्ला क्लीनिक को खोलने का फैसला लिया है। सरकार की यह सोच रही है कि इन क्लीनिकों को आम लोगों के सहयोग से चलाया जाए। इन क्लीनिकों को चलाने में अब एनआरआइ भी मदद कर सकते है।