Navjot Singh Sidhu Resign: डीजीपी व एजी को हटाने पर बनी सहमति, लेकिन सिद्धू के इस्‍तीफे पर सोनिया करेंगी फैसला

Navjot Singh Sidhu Resignation पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्‍नी की बैठक में सुलह का फार्मूला तैयार हो गया। इसके बावजूद सिद्धू के पद से खतरा नहीं टला है। सिद्धू के फैसले पर अब सोनिया गांधी फैसला करेंगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 01 Oct 2021 12:20 AM (IST) Updated:Fri, 01 Oct 2021 12:48 PM (IST)
Navjot Singh Sidhu Resign: डीजीपी व एजी को हटाने पर बनी सहमति, लेकिन सिद्धू के इस्‍तीफे पर सोनिया करेंगी फैसला
कांग्रेस की कार्यवाहक राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, नवजाोत सिंह सिद्धू और चरणजीेत सिंह चन्‍न्‍नी। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। Navjot Singh Sidhu : पंजाब कांग्रेस  अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के इस्‍तीफे को लेकर मामले में सुलह के लिए उनकी चरणजीत सिंह चन्‍न्नी के साथ बैठक हुई। इस बैठक में दोनों नेतओं में सुलह के फार्मला बना‍ लिया। इसके बावजूद सिद्धू के इस्‍तीफे पर अभी संशय बना हुआ है। उनके इस्‍तीफे पर सोनिया गांधी फैसला करेंगी। एडवोकेट जनरल (एजी) एपीएस देयोल और डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता की नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू के बीच चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए वीरवार को इस मामले में करीब तीन घंटे तक चली बैठक में सुलह का रास्ता निकाला गया।

मुख्यमंत्री के अलावा नवजोत सिद्धू, शिक्षा मंत्री परगट सिंह और पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक हरीश राय चौधरी बैठक में मौजूद रहे। सिद्धू के इस्तीफे के लगभग 56 घंटे बाद विभिन्न मुद्दों के हल के लिए जो रास्ता निकाला गया है उस पर अमल आसान नहीं होगा।

 फार्मूले पर अमल आसान नहीं, विवाद खत्म हुआ या नहीं, संशय बरकरार

वहीं सिद्धू ने अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया है। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल वह प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे। क्योंकि सिद्धू ने सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजा है, इसलिए इस्तीफा रद करने का फैसला पार्टी हाईकमान पर छोड़ दिया गया है। इसलिए अभी विवाद खत्म हो गया है, इसे लेकर संशय है।

एपीएस देयोल कोटकपूरा गोलीकांड में आरोपित पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के वकील होने के कारण नवजोत सिद्धू नहीं चाहते कि देयोल को एडवोकेट जनरल (एजी) बनाया जाए। फार्मूला यह निकाला गया कि बेअदबी व कोटकपूरा गोलीकांड के मामले एजी के अधिकार क्षेत्र से बाहर निकालकर स्पेशल प्रासिक्यूटर लगाया जाए। परंतु सिद्धू नहीं माने तो इस मामले को हाईकमान पर छोड़ दिया गया।

 सिद्धू ने 56 घंटे बाद भी वापस नहीं लिया इस्तीफा, हाईकमान करेगा फैसला

वहीं स्थायी डीजीपी डीजीपी नियुक्‍त करने के लिए वीरवार रात को ही पैनल यूपीएससी को भेजने और इसमें एस चट्टोपाध्याय का नाम शामिल करने कै फैसला हुआ। परंतु विश्वस्त सूत्रों के अनुसार गृह विभाग देख रहे उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने तो वीरवार रात को ही पैनल भेजने को राजी थे और न ही कार्यवाहक डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को हटाना चाहते हैं। पैनल की फाइल रंधावा ने ही क्लियर करनी है।

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इसके साथ ही विवादित मुद्दों के हल के लिए फैसला हुआ कि मुख्यमंत्री चन्नी, पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिद्धू और पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत पर आधारित तीन सदस्यीय तालमेल कमेटी बनेगी। ताकि भविष्य में कोई अड़चन न आए।

-वेरका, बुलारिया और नागरा को बैठक में शामिल नहीं होने दिया गया

विवादों के हल के लिए बैठक शुरू हो जाने के बाद मंत्री डा. राजकुमार वेरका, विधायक इंद्रबीर बोलारिया और कुलजीत नागरा भी वहां पहुंचे। परंतु उन्हें बैठक में शामिल नहीं होने दिया गया। वहीं बैठक खत्म होने के बाद सभी नेता मीडिया से बात किए बिना ही निकल गए।

सरकार ने यूपीएससी को भेजा पैनल

सरकार ने टाप टेन डीजीपी रैंक के अधिकारियों का पैनल यूपीएससी को भेज दिया है। इसमें एस चट्टोपाध्याय का नाम भी शामिल है। परंतु चट्टोपाध्याय के मामले में दिलचस्प पहलू यह है कि वह 31 मार्च, 2022 को रिटायर हो रहे हैं। नियमों के अनुसार पैनल में उन्हीं अधिकारियों के नाम भेजे जा सकते हैं जिनका कम से कम छह महीने का सेवाकाल बचा हो। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार कोरोना को आधार बनाकर यूपीएससी को मेल की गई है। कोविड के दौरान पहले भी ऐसा किया गया है। वहीं संबंधित डोजियर एक विशेष मैसेंजर के जरिए यूपीएससी को भेजे जा रहे हैं।

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मुद्दे और हल

- एडवोकेट जनरल : इसका फैसला हाईकमान पर छोड़ा गया।

- डीजीपी : यूपीएससी को भेजा जाएगा पैनल।

- विवादित मुद्दे: हल के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनेगी।

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