महामारी से लोगों को बचाना मेरा सबसे बड़ा प्रयास रहा : प्रो. जगतराम

कोरोना महामारी में लोगों तक इलाज पहुंचाना और उन्हें इस संक्रमण से बचाना मेरा सबसे बड़ा प्रयास था।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 08:10 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 08:10 AM (IST)
महामारी से लोगों को बचाना मेरा सबसे बड़ा प्रयास रहा : प्रो. जगतराम
महामारी से लोगों को बचाना मेरा सबसे बड़ा प्रयास रहा : प्रो. जगतराम

विशाल पाठक, चंडीगढ़ : कोरोना महामारी में लोगों तक इलाज पहुंचाना और उन्हें इस संक्रमण से बचाना मेरा सबसे बड़ा प्रयास था। महामारी में जिस तरह डाक्टर्स, नर्सिग स्टाफ और अन्य हेल्थ केयर वर्करों ने दिन-रात एक कर लोगों की जान बचाई, यह हर किसी के लिए चुनौतीपूर्ण था। इस चुनौतीपूर्ण समय में खुद को ग्राउंड लेवल पर रखकर हर स्थिति से निपटने के लिए एक्शन प्लान बनाना एक डाक्टर के लिए बहुत ही अहम होता है। मैंने महामारी में इंसानियत के प्रति अपने प्रोफेशन के जरिए जिम्मेदारी को निभाया। यह बातें पीजीआइ निदेशक प्रोफेसर जगतराम ने जागरण से विशेष बातचीत में कहीं।

प्रोफेसर जगतराम का बतौर पीजीआइ निदेशक कार्यकाल इस महीने समाप्त हो रहा है। बतौर निदेशक उनके कार्यकाल में पीजीआइ को लगातार चार साल से बेस्ट मेडिकल कॉलेज का अवार्ड मिला। उन्होंने बताया कि लगातार चार साल से पीजीआइ को बेस्ट मेडिकल कॉलेज का खिताब बरकरार रखना उनके साथ संस्थान के सभी डाक्टर्स, नर्सिग स्टाफ और हेल्थ केयर वर्करों की देन है। उनकी बदौलत आज पीजीआइ पूरे उत्तर भारत में मरीजों को बेहतर और नई तकनीकी के जरिए इलाज पहुंचाने के अलावा रोज नए शोध कर मेडिकल साइंस की दुनिया में इतिहास रच रहा है। पीजीआइ कैंसर के मरीजों के लिए नई नई तकनीक इजाद कर रहा है। प्रो. जगतराम की अहम उपलब्धियां

- ऑल इंडिया कॉलेजियम ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी (एफएआइसीओ) पुरस्कार के फैलोशिप से सम्मानित

- 1998 में बाल चिकित्सा मोतियाबिद सर्जरी में एक और फैलोशिप से सम्मानित

- 2003 से 2005 तक भारत सरकार ने सलाहकार नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में प्रतिनियुक्त किया

- 1994 में पीजीआइ में एक्स्ट्राकैप्सुलर मोतियाबिद सर्जरी की पुरानी तकनीक की जगह फेकमूल्सीफिकेशन की तकनीक पेश की, 39 वर्षो में लगभग 90 हजार रोगियों का सफल इलाज किया

- अप्रैल 2013 में सैन फ्रांसिस्को यूएसए में आयोजित अमेरिकन सोसायटी मोतियाबिद और अपवर्तक सोसायटी में डबल क्रिस्टलीय लेंस के प्रबंधन पर नई सर्जिकल तकनीक के लिए अवॉर्ड मिला

- नौ मई 2016 को एक दुर्लभ सम्मान में उन्हें अमेरिकन सोसायटी के एक सम्मेलन में न्यू ऑरलियन्स, यूएसए में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिला

- 2015 में बार्सिलोना में हुई बाल चिकित्सा नेत्र विज्ञान और स्ट्रैबिस्मस की विश्व कांग्रेस में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक बाल चिकित्सा नेत्र विज्ञान का ऑस्कर मिला पद्मश्री से नवाजे जा चुके हैं प्रो. जगतराम

पीजीआइ निदेशक प्रो. जगतराम को मेडिकल साइंस में उनके योगदान के लिए वर्ष 2019 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने वर्ष 1985 में पीजीआइ में ज्वाइन किया था। वर्ष 2017 में प्रो. जगतराम निदेशक बने। वह अक्टूबर 2018 से एमसीआइ के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य हैं। उन्होंने 1978 में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। इसके बाद जून 1982 में पीजीआइ चंडीगढ़ से नेत्र विज्ञान में एमएस किया। बाद में उन्हें स्टॉर्म आइ इंस्टीट्यूट यूएसए में उन्नत फेकमूल्सीफिकेशन के क्षेत्र में डब्ल्यूएचओ फैलोशिप से सम्मानित किया गया।

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