कॉलोनियां रेगुलर न करवाने पर कॉलोनाइजरों को नोटिस, एक हफ्ते का दिया अल्टीमेटम Chandigarh News

कुराली में शहर में अवैध कॉलोनियों को रेगुलर न करवाने वालों को नगर परिषद ने नोटिस जारी करने शुरू कर दिए हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sat, 13 Jul 2019 11:03 AM (IST) Updated:Sat, 13 Jul 2019 11:03 AM (IST)
कॉलोनियां रेगुलर न करवाने पर कॉलोनाइजरों को नोटिस, एक हफ्ते का दिया अल्टीमेटम Chandigarh News
कॉलोनियां रेगुलर न करवाने पर कॉलोनाइजरों को नोटिस, एक हफ्ते का दिया अल्टीमेटम Chandigarh News

जेएनएन, कुराली। कुराली में शहर में अवैध कॉलोनियों को रेगुलर न करवाने वालों को नगर परिषद ने नोटिस जारी करने शुरू कर दिए हैं। नगर परिषद अधिकारियों के मुताबिक कॉलोनाइजर्स को नोटिस जारी कर एक हफ्ते के भीतर कॉलोनियों को रेगुलर करवाने का अल्टीमेटम दिया गया है। अकेले कुराली ही नहीं जीरकपुर व खरड़ में भी अवैध कॉलोनियों का निर्माण हुआ है। जिन पर कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं। लेकिन अभी तक किसी भी कॉलोनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।

37 अवैध कॉलोनियों में से दो कॉलोनियां हुई रेगुलर

कुराली नगर काउंसिल अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करवाने के लिए 30 दिसंबर 2018 लास्ट डेट रखी गई थी। जिसे बाद में छह महीने के लिए एक्सटेंड किया गया। सरकार द्वारा 30 जून 2019 कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि शहर में कुल 37 अवैध कॉलोनियां है। जिनमें से निर्धारित अवधि के दौरान मात्र दो कॉलोनियों की फाइल को रेगुलर करने के लिए भेजा जा सका। जबकि बाकी फाइल में डॉक्यूमेंट्स पूरे नहीं होने के चलते उन्हें कॉलोनाइजर्स को वापस कर उन्हें पूरे कागजात के साथ फाइल को दोबारा जमा करवाने की हिदायत जारी की गई थी।

कॉलोनाइजर्स के खिलाफ होगी कार्रवाई

राजेश कुमार ने बताया कि शहर में 35 अवैध कॉलोनियों के कॉलोनाइजर्स को काउंसिल द्वारा नोटिस जारी करते हुए उन्हें एक हफ्ते के भीतर कॉलोनियों को रेगुलर करवाने का अल्टीमेटम दिया गया है। अगर अब भी कॉलोनीज को रेगुलर नहीं करवाया गया तो कॉलोनाइजर्स के खिलाफ सरकारी हिदायतों के अनुसार बनती कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

जीरकपुर खरड़ में कोई नोटिस नहीं

जीरकपुर में करीब एक साल पहले चार मंजिला इमारत गिरने के बाद अवैध कालोनियों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई। लेकिन एक साल बाद भी न तो किसी कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई की गई और न ही किसी कॉलोनी को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई। खरड़ में भी स्थिति कुछ ऐसे ही है। लोगों को कॉलोनाइजरों ने फ्लैट्स बेच दिए हैं लेकिन मूलभूत सुविधाएं कॉलोनियों में नहीं मिल रही है।

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