Punjab Politics: नवजोत सिंह सिद्धू के गणतंत्र दिवस पर रिहा होने की चर्चा से नेताओं में हलचल शुरू

नवजोत सिंह सिद्धू गणतंत्र दिवस पर जेल से रिहा हो सकते हैं। वह रोड रेज मामले में पटियाला जेल में बंद हैं। इस बीच चर्चा है कि प्रियंका ने सिद्धू को पत्र लिखा है। अब राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

By Inderpreet Singh Edited By: Publish:Tue, 29 Nov 2022 08:17 PM (IST) Updated:Tue, 29 Nov 2022 08:17 PM (IST)
Punjab Politics: नवजोत सिंह सिद्धू के गणतंत्र दिवस पर रिहा होने की चर्चा से नेताओं में हलचल शुरू
नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई की चर्चा से हलचल शुरू। फाइल फोटो

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। रोड रेज मामले में एक साल की सजा काट रहे पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की समय से पहले रिहाई की चर्चा के बाद नेताओं में हलचल शुरू हो गई है। जहां कुछ कार्यकर्ता इस बात से खुश हैं कि सिद्धू के बाहर आने से पार्टी में नई जान पड़ेगी, वहीं स्थापित नेताओं को उनकी आजादी नहीं भा रही है।

दरअसल, दो दिन पहले जब यह खबरें मीडिया में आईं कि प्रियंका गांधी ने उन्हें पत्र लिखा है उससे यह अटकलें लगनी शुरू हो गईं कि उनके जेल से बाहर आते ही उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। उसको लेकर स्थापित नेताओं में खलबली मचने लगी है।

बता दें, नवजोत सिद्धू रोड रेज मामले में पटियाला जेल में एक साल की काट रहे हैं। जेल में बंद रहने के दौरान भी सिद्धू ने उन स्थापित नेताओं से दूरी बनाकर रखी थी, जो उन्हें अपने रास्ते का कांटा समझते हैं। वह कुछ ही नेताओं, विधायकों और पूर्व मंत्रियों से मिलते रहे हैं।

जेल में नवजोत सिद्धू केवल पूर्व विधायक नवतेज सिंह चीमा से ही मिलते रहे हैं। एक पूर्व मंत्री ने उनसे मिलने की कई बार कोशिश की, लेकिन हर बार उन्हें मैसेज भिजवाया गया कि वह किसी से मिलना नहीं चाहते। जब नवजोत सिद्धू को कांग्रेस का प्रदेश प्रधान बनाया गया तो कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ माहौल बनाने में इस मंत्री ने सिद्धू के साथ मिलकर पूरा माहौल तैयार किया।

मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नवजोत सिद्धू के अलावा अगर कोई बड़ा नाम था तो वह सुखजिंदर रंधावा का था और एकबारगी उनके नाम की घोषणा भी हो गई थी, लेकिन सिद्धू के अड़ने के कारण रंधावा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। अब जब एक बार फिर से जब प्रियंका गांधी की ओर से सिद्धू को पत्र लिखने की बात सामने आई है तो इस पर सुखजिंदर रंधावा ने सवाल उठा दिए हैं और कहा है कि अगर पत्र लिखा है तो उसे सार्वजनिक किया जाए।

पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी ने भी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी देने संबंधी कोई बात नहीं कही है। नवजोत सिद्धू के खिलाफ इस तरह के बयान आते ही सिद्धू की लंबे समय से शांत बैठी टीम एक्टिव हो गई है। उनके मीडिया सलाहकार रहे सुरिंदर डल्ला ने एक ट्वीट करके कहा कि नवजोत सिद्धू के जेल से रिहा होते ही मिशन 2024 की शुरुआत होगी और पंजाब के हकों की पहरेदारी फिर से शुरू होगी। पंजाब आज भी मंदहाली के उसी दौर में खड़ा है जहां से उसे निकालने के लिए सिद्धू ने अपना माडल दिया था। पंजाब का इंजन नया करने के बजाय इसे बदलने की आवश्यकता है।

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