रैंकिंग में पिछड़ा शहर तो सफाई व्यवस्था को रिव्यू करने की आई याद

स्वछ सर्वेक्षण 2019 में शहर की रैं¨कग पिछड़ने के बाद एक कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी शहर की सफाई व्यवस्था को स्टडी करेगी।

By Edited By: Publish:Mon, 18 Mar 2019 01:00 AM (IST) Updated:Mon, 18 Mar 2019 01:06 AM (IST)
रैंकिंग में पिछड़ा शहर तो सफाई व्यवस्था को रिव्यू करने की आई याद
रैंकिंग में पिछड़ा शहर तो सफाई व्यवस्था को रिव्यू करने की आई याद

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ । स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में शहर की रैंकिंग पिछड़ने के बाद एक कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी शहर की सफाई व्यवस्था को स्टडी करेगी। इसके साथ ही शहर में जो निजी कंपनियों को सफाई की जिम्मेदारी दी गई है। उन कंपनियों के साथ किए गए एमओयू को स्टडी करके देखेगी की उस हिसाब से शहर में काम हो भी रहा है या नहीं। मालूम हो कि दक्षिणी सेक्टरों में सफाई की जिम्मेदारी लायंस कंपनी को दी गई है। जिसे नगर निगम हर साल 54 करोड़ रुपये का भुगतान करता है, जबकि उत्तरी के कई सेक्टरों में टीडीएस कंपनी को सफाई करने की जिम्मेदारी दी गई है। मेयर राजेश कालिया की ओर से गठित सेनिटेशन कमेटी में चेयरमैन पार्षद शक्ति देव शाली को बनाया गया है, जबकि मनोनीत पार्षद सतप्रकाश अग्रवाल, डिप्टी मेयर कंवरजीत राणा और भरत कुमार को सदस्य बनाया गया है।

मेयर का कहना है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ही पांच सदस्य कमेटी का गठन कर दिया गया था। नगर निगम हर साल की शहर की सफाई व्यवस्था पर 17 करोड़ रुपये का खर्चा कर रहा है, इसके बावजूद चंडीगढ़ सफाई व्यवस्था की रैंकिंग में बुरी तरह से पिछड़ गया है, जबकि पिछले सर्वेक्षण में चंडीगढ़ की रैंकिंग तीसरे नंबर पर रही थी। इसके बाद नगर निगम ने दावा किया था कि वह नंबर-1 पर जाएंगे, लेकिन भाजपा पार्षदों की राजनीति के कारण सिटी ब्यूटीफुल पर दाग लग गए। रैंकिंग 20वें नंबर पर पहुंचने के बाद किरकिरी से बचने से उक्त पांच सदस्य कमेटी का गठन किया गया है।

लायंस कंपनी पर कई बार उठ चुके हैं सवाल

पिछले दो साल में नगर निगम के अपने पार्षद ही कई बार सदन में दक्षिणी सेक्टर में लायंस कंपनी द्वारा की जा रही सफाई पर सवाल उठा चुके हैं। साल 2017 में तो सांसद किरण खेर ने भी सवाल उठाया था। एमओयू के अनुसार सफाई के साथ रोड बर्म पर पानी से धोने का काम भी लायंस कंपनी के पास ही है।

काम रिव्यू करने के लिए किया कमेटी का गठन

मेयर राजेश कालिया का कहना है कि कंपनियों को जो शहर की सफाई का काम दिया गया है, उसे रिव्यू करने के लिए ही कमेटी का गठन किया गया है। एमओयू के अनुसार क्या-क्या खामियां हैं। उसकी रिपोर्ट कमेटी सदन में लेकर आएगी। आचार संहिता लागू होने से पहले ही इस कमेटी के अलावा पेड पार्किग का नया एमओयू बनाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया था। कालिया का कहना है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद सफाई व्यवस्था में खामी नहीं मिलनी चाहिए। उनका कहना है कि शहर में अब सूखा और गीला कचरे का सेग्रिगेशन भी शुरू होगा।

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