पीयू में शुरू होगी फॉरेसिंक साइंस की मास्टर डिग्री

पंजाब यूनिवर्सिटी में सत्र 2019-20 से फॉरेसिंक साइंस की मास्टर डिग्री शुरू होगी। यह डिग्री पीयू पहली बार स्टूडेंट्स के लिए शुरू कर रहा है। पीयू में मौजूद फॉरेसिंक साइंस एंड क्रमिनोलॉजी डिपार्टमेंट की तरफ से इस कोर्स को लांच किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Oct 2018 06:02 PM (IST) Updated:Mon, 08 Oct 2018 06:02 PM (IST)
पीयू में शुरू होगी फॉरेसिंक साइंस की मास्टर डिग्री
पीयू में शुरू होगी फॉरेसिंक साइंस की मास्टर डिग्री

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में सत्र 2019-20 से फॉरेसिंक साइंस की मास्टर डिग्री शुरू होगी। यह डिग्री पीयू पहली बार स्टूडेंट्स के लिए शुरू कर रहा है। पीयू में मौजूद फॉरेसिंक साइंस एंड क्रमिनोलॉजी डिपार्टमेंट की तरफ से इस कोर्स को लांच किया गया है। जिसके चार सेमेस्टर रहेंगे और कोई भी साइंस संकाय में पचास प्रतिशत के साथ पास ग्रेजुएट स्टूडेंट इसमें दाखिला ले सकता है। यह जानकारी हेड ऑफ द डिपार्टमेंट डॉ. श्वेता शर्मा ने दी। डॉ. श्वेता ने बताया कि क्राइम रेट तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण इसे ट्रेस करने वाले एक्सपर्ट की संख्या में भी बढ़ोतरी होना जरूरी है। शहर में इससे पहले इस प्रकार का कोई कोर्स नहीं कराया जाता था, लेकिन अब यह कोर्स मात्र दो सालों से पूरा होगा। क्या रहेगा सिलेबस

दो सालों की डिग्री में चार सेमेस्टर होंगे। पहले तीन सेमेस्टर को स्टूडेंट्स को फिजिक्स, कैमिस्ट्री के प्रयोगों की जानकारी दी जाएगी। यह जानकारी उन्हें केस से जोड़ कराई जाती है ताकि उन्हें समझ आ सके। आखिरी सेमेस्टर में स्टूडेंटस को फ्रिंगर प्रिंट, ब्लड सैंपल और अन्य क्लू को इकट्ठा करने और उस पर प्रयोग करने के बारे में जानकारी दी जाएगी। लिप प्रिंट भी होगा शुरू

डिपार्टमेंट के प्रोफेसर विशाल ने बताया कि अभी तक फॉरेसिंक साइंस में प्रिंगर प्रिंट लिए जाते थे, लेकिन अब जल्द ही लिप प्रिंट करने भी शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि लिप प्रिंट के लिए स्पोर्ट पर पड़े हुए गिलास या फिर अन्य ऐसी वस्तु जिसे इंसान के लिप्स से छुआ जा सके उसके प्रिंट लिए जाएंगे। लिप प्रिंट पर रिसर्च लगभग पूरी हो चुकी है और इसकी परिणाम भी 99 प्रतिशत रहा है।

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